herzindagi
divyang certificate chief medical officer uttar pradesh main

पीठ पर पति को बैठा कर सीएमओ ऑफिस पहुंची महिला

महिला को विकलांगता प्रमाण-पत्र हासिल करने के लिए दिव्यांग पति को अपनी पीठ पर बैठाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय ले जाना पड़ा। 
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-06-22, 13:24 IST

महिलाओं के त्याग के किस्से हमेशा सुनने को मिल जाते हैं इसलिए महिलाओं को समाज की रीढ़ कहा जाता है। उत्तर प्रदेश की इस महिला ने फिर से इस कथन को सत्य कर के दिखा दिया है। उत्तर प्रदेश की यह महिला अपने दिव्यांग पति को पीठ पर बैठा कर सीएमओ ऑफिस पहुंची। यह महिला अपने पति के दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र लेने सीएमओ ऑफिस गई थी।  

लेना था पति के दिव्यांग होने का सर्टिफिकेट 

भ्रष्ट और चरमराए हुए सिस्टम का फिर से सबूत मिल गया है। एक महिला अपने पति केे दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र लेने के लिए दिव्यांग पति को पीठ पर बैठा कर सीएमओ के ऑफिस पहुंची। यह मामला उत्तरप्रदेश के मथुरा का है। महिला को विकलांगता प्रमाण-पत्र हासिल करने के लिए दिव्यांग पति को अपनी पीठ पर बैठाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय ले जाना पड़ा। 

नहीं कराई गई व्हीलचेयर मुहैया

सिस्टम ने उस महिला को व्हीलचेयर मुहैया नहीं कराई। महिला के अनुसार, उसे व्हीलचेयर या ट्राईसाइकल मुहैया नहीं कराई गई। बतौर महिला, इससे पहले भी वह कई कार्यालयों में जा चुकी है लेकिन अभी तक विकलांगता प्रमाण-पत्र नहीं मिला। इसलिए मुझे अपने पति को पीठ पर ढोकर लाना पड़ा क्योंकि हमें व्हीलचेयर या ट्राई साइकिल नहीं दिया गया। 

साथ ही उसने बताया कि हम कई अलग-अलग ऑफिस में गए लेकिन अभी तक सर्टिफिकेट नहीं मिला।

divyang certificate chief medical officer uttar pradesh in

नहीं है पति के पैर 

महिला का पति ट्रक ड्राइवर था, लेकिन कुछ महीनों पहले उनके एक पैर की नस ने काम करना बंद कर दिया, जिसके चलते डॉक्टरों को उनका पैर काटना पड़ा। अब वह अपने पति का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने सीएमओ ऑफिस आई है। वहीं, इस मामले को लेकर जिले के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि इस तरह की तस्वीर सभ्य समाज के लिए दुखद है। 

Read More: शादी से पहले इन 8 चीजों को जरूर आजमाकर देखें

मरने के प्रमाणपत्र नहीं मिलते

यह विडियो भी देखें

इस तरह के मामले मरने के प्रमाणपत्र में देखने को मिल चुके हैं। सरकार मरने वालों की पेंशन उनके रिश्तेदारों को देती है। लेकिन इस पेंशन को लेने के लिए उन्हें मरने का प्रमाणपत्र देना होता है। और यह प्रमाणपत्र देने के लिए लोगों को कई चक्कर काटने पड़ते हैं। 

वहीं कई बार अपनी पेंशन निकालने के लिए कई लोगों को अपने जीवित होने का भी सबूत देना होता है। क्योंकि सरकार के रिकॉर्ड में वह मर चुके होंते हैं। इस तरह के मामलों पर कई फिल्म भी बन चुकी हैं। 

हद है। अब इसमें क्या कहा जाए? 

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।