Devi Kalratri Mata Puja Vidhi Or Shubh Muhurat: जानें कालरात्रि माता की पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

कालरात्रि माता की पूजा के दौरान आपको किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए। जानने के लिए जरूर पढ़ें यह आर्टिकल।

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नवरात्रि के 7वें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। आमतौर पर माता कालरात्रि और देवी काली को लोग एक ही समझ लेते हैं, मगर देवी पार्वती के दोनों ही स्‍वरूप अलग-अलग हैं। दोनों में सबसे बड़ा फर्क यही है कि कालरात्रि माता गले में विद्युत की माला धारण करती हैं और देवी काली नरमुंड की माला पहनती हैं।

आपको बता दें कि देवी कालरात्रि की अराधना करने से अकाल मृत्‍यु का डर भाग जाता है। इसलिए नवरात्रि के सांतवे दिन विधि-विधान से देवी कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।

शुभ मुहूर्त

देवी कालरात्रि की पूजा के लिए आप नवरात्रि के 7वें दिन कभी भी उनकी पूजा कर सकती हैं। मगर आप यदि कोई सिद्ध प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से देवी कालरात्रि की पूजा कर रही हैं तो आपको सूर्य ढलने के बाद उनकी पूजा करनी चाहिए।

kalratri puja

कालरात्रि माता की आरती

कालरात्रि जय-जय-महाकाली।

काल के मुह से बचाने वाली॥

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।

महाचंडी तेरा अवतार॥

पृथ्वी और आकाश पे सारा।

महाकाली है तेरा पसारा॥

खडग खप्पर रखने वाली।

दुष्टों का लहू चखने वाली॥

कलकत्ता स्थान तुम्हारा।

सब जगह देखूं तेरा नजारा॥

सभी देवता सब नर-नारी।

गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥

रक्तदंता और अन्नपूर्णा।

कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥

ना कोई चिंता रहे बीमारी।

ना कोई गम ना संकट भारी॥

उस पर कभी कष्ट ना आवें।

महाकाली माँ जिसे बचाबे॥

तू भी भक्त प्रेम से कह।

कालरात्रि माँ तेरी जय॥

कालरात्रि माता का बीज मंत्र

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:

आपको 108 बार देवी कालरात्रि के इस बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

कालरात्रि माता की पूजा विधि

देवी कालरात्रि की पूजा के दौरान आपको काले रंग के वस्‍त्र पहनने चाहिए और उनका प्रिय लाल रंग का पुष्‍प उन्‍हें चढ़ाना चाहिए। आप लाल गुलाब या फिर गुड़हल का फूल देवी कालरात्रि को अर्पित कर सकती हैं। वैसे रातरानी का फूल भी देवी कालरात्रि को अति प्रिय है। वहीं भोग के तौर पर आपको देवी कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाना चाहिए।

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kalratri  MATA PUJAN

किन राशि के जातकों को करनी चाहिए कालरात्रि माता की पूजा

कुंभ राशि वाले जातकों को देवी कालरात्रि की उपासना से लाभदायक फल प्राप्‍त होता है। आप देवी कवच का पाठ भी कर सकते हैं और यह जाप आपको नील मणि की माला से करना चाहिए।

कालरात्रि माता शुभ रंग

देवी कालरात्रि को लाल और काला रंग अति प्रिय है। अगर आप इन दोनों रंगों के कपड़े धारण कर देवी जी की पूजा करती हैं, तो आपको बहुत अच्‍छा फल प्राप्‍त होगा।

कालरात्रि माता के मंदिर

काशी को एक धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है। यहां पर एक तरफ महादेव का विश्‍वप्रसिद्ध मंदिर है वहीं दूसरी तरफ इसी शहर में देवी कालरात्रि का मंदिर भी मौजूद है। वैसे तो यहां हर दिन भक्‍तों की भीड़ लगी रहती है, मगर सबसे ज्‍यादा भीड़ आपको नवरात्रि की सप्‍तमी के दिन देखने को मिलेगी यहां श्रद्धालु आते हैं और माता रानी को लाल रंग की चुनरी चढ़ाने के साथ ही सिंदूर, चूड़ी और नारियल भी चढ़ाते हैं।

कालरात्रि माता की पूजा का फल

अगर आपके मन में किसी बात का भय है तो देवी कालरात्रि की पूजा करके आप उस भय से मुक्ति पा सकते हैं। आप अपने शत्रुओं के दमन के लिए भी देवी कालरात्रि की पूजा कर सकती हैं। देवी कालरात्रि की पूजा से अकाल मृत्‍यु का भय भी नहीं रहता है और देवी सदैव आपकी रक्ष करती हैं।

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