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क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने से पहले ही हो जाए मृत्यु, तो क्या परिवार को करना होगा भुगतान? समझें RBI के नियम

भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, क्रेडिट कार्ड का बकाया चुकाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से कार्ड धारक की होती है, लेकिन मृत्यु के मामले में नियम थोड़े अलग हो जाते हैं। ऐसे में जानते हैं इनके बारे में...
Editorial
Updated:- 2025-12-29, 22:10 IST

आज के दौर में क्रेडिट कार्ड जरूरी दस्तावेजों में से एक है, लेकिन इसके साथ जुड़ी देनदारियों को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई डर बैठ जाते हैं। सबसे बड़ा सवाल तब उठता है जब क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु हो जाती है और उसका बिल बाकी रह जाता है। क्या ऐसी स्थिति में बैंक परिवार वालों को भुगतान के लिए मजबूर कर सकता है? क्या यह कर्ज माफ हो जाता है? अगर आपके मन में भी ये सवाल हैं तो आज का हमारा लेख आपके लिए है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाए बिना मरने पर कौन पैसे देता है। जानते हैं इस लेख के माध्यम से...

क्या परिवार की होती है जिम्मेारी?

यदि परिवार का कोई सदस्य क्रेडिट कार्ड का नॉमिनी या उत्तराधिकारी है, तो भी वह अपनी निजी संपत्ति से बैंक का कर्ज चुकाने के लिए बाध्य नहीं है। 

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 क्रेडिट कार्ड एक Unsecured Loan की श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि बैंक ने बिना किसी गारंटी या कोलैटरल के यह कर्ज दिया है। इसलिए, बैंक परिवार के सदस्यों पर व्यक्तिगत रूप से दबाव नहीं डाल सकता।

भले ही परिवार अपनी जेब से पैसा न दे, लेकिन बैंक का अधिकार मृतक की संपत्ति पर होता है। यदि मृतक ने अपने पीछे कोई संपत्ति (जैसे बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड या कोई अचल संपत्ति) छोड़ी है, तो बैंक उस संपत्ति से अपने बकाये की वसूली कर सकता है। कानूनी उत्तराधिकारी को संपत्ति तब ही हस्तांतरित होती है, जब मृतक के सभी कर्ज चुका दिए जाएं।

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अगर मृतक के पास प्राइमरी कार्ड था और परिवार के किसी सदस्य के पास उसका एड-ऑन कार्ड था, तो स्थिति गंभीर हो सकती है। कई मामलों में बैंक एड-ऑन कार्ड धारक को बकाया चुकाने के लिए कह सकते हैं क्योंकि वे भी उस खाते से जुड़े होते हैं।

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 यदि क्रेडिट कार्ड जॉइंट अकाउंट के रूप में है या किसी ने 'को-साइनर' के रूप में साइन किए हैं, तो कार्ड धारक की मृत्यु के बाद बकाया चुकाने की पूरी जिम्मेदारी दूसरे पार्टनर की होती है।

परिवार को क्या करना चाहिए?

मृत्यु के तुरंत बाद बैंक को डेथ सर्टिफिकेट के साथ सूचित करें ताकि कार्ड ब्लॉक हो जाए और उस पर ब्याज या पेनल्टी न बढ़ें।

कई क्रेडिट कार्ड के साथ 'लाइफ इंश्योरेंस' या 'क्रेडिट शील्ड' कवर मिलता है। यदि ऐसा है, तो बीमा कंपनी बकाया राशि का भुगतान करती है और परिवार पर कोई बोझ नहीं आता।

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Images: Freepik/pinterest

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