छठ पूजा को पूरे देश में बहुत ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे मनाने के कुछ खास तरीके भी हैं। बता दें कि हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान सूर्य की उपासना का विधान है।
छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा व उन्हें अर्घ्य देना प्रमुख होता है। इस साल छठ पूजा 30 अक्टूबर और 31 अक्टूबर को पड़ेगी। ऐसी मान्यता है कि यदि आप इस दिन कुछ विशेष तरीकों से सूर्य की पूजा करती हैं और सूर्यदेव को जल चढ़ाती हैं तो छठ माता सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।
इस दिन यदि आप विधि विधान से छठ माता की पूजा करेंगी तो आपके जीवन में सदैव सुख समृद्धि बनी रहेगी। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें छठ पूजा में सूर्य की उपासना की सही विधि और उनके विशेष मंत्रों के बारे में।
छठ पूजा में व्रत करने वाली महिलाओं को पूरी श्रद्धा भाव से सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु छठ के दौरान संध्या और सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देते हैं उनकी पूजा छठ माता को भी स्वीकार्य होती है। सूर्य की पूजा के लिए विविध स्थानों पर अलग विधियों का प्रयोग किया जाता है लेकिन सूर्य की उपासना की शास्त्रों में बताई विधि से करना फलदायी माना जाता है।
सूर्य को अर्घ्य देते समय भक्तिभाव से भगवान सूर्य का ध्यान करें और उनकी उपासना करें। सूर्य की उपासना के समय सूर्य के विशेष मन्त्र का जाप करें। यह मंत्र 'रक्ताम्बुजासनशेषगुणैकसिन्धुं भानुं समस्तजगतामधिपं भजामि। पद्यद्वयाभयवरान् दधतं कराब्जै र्माणिक्यमौलिमरूणाडंगरिूचं त्रिनेत्रम्।। ध्यानार्थे अक्षतपुष्पाणि समर्पयामि ओम श्री सूर्याय नमः।' है।
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ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ भास्कराय नम: यदि आप छठ पूजा के दिन इन मंत्रों का जाप करते हुए पूजन करते हैं और घर से बाहर निकलते हैं तो आपके जीवन के लिए विशेष रूप से फलदायी होगा। छठ के दौरान आप घर से बाहर जाते समय किसी भी सूर्य मंदिर के दर्शन करने पर सूर्यदेव को प्रणाम जरूर करें और मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
छठ पूजन के दौरान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए यदि आप तांबे के लोटे का इस्तेमाल करेंगी तो ये आपके लिए लाभप्रद होगा। सूर्य को अर्घ्य देते समय सीधे सूर्य देव की ओर न देखें बल्कि गिरते हुए जल की धारा में सूर्यदेव के दर्शन करके मनवांछित फल मांगें। छठ पूज के दौरान और उसके बाद भी सूर्य को रोज जल चढ़ाएं। इससे आपके सूर्य दोष दूर हो सकते हैं।
छठ में सूर्य की पूजा के साथ यदि आप सूर्य के कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी करेंगी तो ये भी आपके लिए समृद्धि के मार्ग खोलने में मदद करेगा।
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
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छठ पूजन के दौरान यदि आप यहां बताई विधि से सूर्य का पूजन करेंगी और यहां बताए नियमों का पालन करेंगी तो आपके जीवन में सदैव सूर्य देव का आशीष बना रहेगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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