Maha Navami 2023 Kanya Pujan Vidhi & Shubh Muhurat: जानें महानवमी पर कन्या पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और नियम

महा नवमी पर श्री राम की पूजा के साथ-साथ कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है। ऐसे में आइये जानते हैं राम नवमी पर कन्या पूजन के मुहूर्त, विधि, मंत्र, नियम और उम्र अनुसार महत्व के बारे में।      

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Maha Navami Par Kanya Pujan Ka Mahatva: 22 मार्च, दिन बुधवार से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ होने जा रहा है। वहीं, इसका समापन 30 मार्च, दिन गुरुवार को होगा। नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी की पूजा का विधान है। इन नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही, कन्या पूजा का भी विशेष महत्व है।

नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कंजक जमाई जाती है यानी कि कन्या पूजन किया जाता है। ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर क्या है नवरात्रि में कन्या पूजने का महत्व और साथ ही जानेंगे कन्या पूजन के मंत्र, विधि, नियम और उम्र अनुसार मिलने वाले लाभों के बारे में।

महानवमी 2023 कन्या पूजन शुभ मुहूर्त (Maha Navami 2023 Kanya Pujan Shubh Muhurat)

  • हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल महा नवमी की तिथि 29 मार्च, दिन बुधवार को रात 9 बजकर 7 मिनट से शुरू होगी। वहीं इसका समापन 30 मार्च, दिन गुरुवार को रात 11 बजकर 30 मिनट पर होगा।
  • ऐसे में कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 14 मिनट से अगले दिन 31 मार्च को सुबह 6 बजकर 12 मिनट रहने वाला है।
  • इसके अलावा, 30 मार्च सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक का समय भी कन्या पूजन के लिए शुभ है।

महानवमी 2023 कन्या पूजन का आयु अनुसार महत्व (Maha Navami 2023 Kanya Pujan Mahatva)

  • शास्त्रों में विधित जानकारी के अनुसार, 2 वर्ष की कन्या का पूजन करने से जीवन से कष्टों का अंत होता है। दुख, दरिद्रता दूर (दरिद्रता दूर करने के उपाय) होती है और समस्याओं का निवारण होने लगता है। घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
  • 3 वर्ष की आयु की कन्या का पूजन करने से घर में शांति स्थापित होती है। व्यक्ति को अपने विकारों से मुक्ति मिलती है और उसमें सकारात्मकता एवं सद्वचनों का संचार होने लगता है। पारिवारिक कलह भी दूर हो जाती है।
  • 4 वर्ष की कन्या का पूजन करने से व्यक्ति को बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद मिलता है। ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और मन में प्रसन्नता का संचार होता है। शास्त्रों में 4 वर्ष की कन्या को देवी कल्याणी का स्वरूप माना गया है।
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  • नवरात्रि में 5 वर्ष की आयु वाली कन्या का पूजन करने से व्यक्ति को गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है। उसका औरउसके परिवार का स्वास्थ्य बेहतर बनता है और निरोगी काया का वरदान मिलता है। 5 वर्ष की कन्या को रोहिणी के रूप में पूजा जाता है।
  • 6 वर्ष की कन्या को नवरात्रि के दौरान पूजने से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है। शारीरिक बल मिलता है और एक प्रकार का तेज शरीर में पनपने लगता है। भाग्य में वृद्धि होती है और धन लाभ के योग भी बनते हैं।
  • 7 वर्ष की कन्या का पूजन करने से नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिल जाता है और 8 वर्ष की कन्याओं का पूजन करने से कोर्ट कचहरी के मामले जल्दी सुलझ जाते हैं। विवाद दूर हो जात है। 8 साल की कन्या देवी शांभवी का रूप होती है।
  • नवमी तिथि को 9 वर्ष की कन्या का पूजन करने से ग्रह दोष, वास्तु दोष, पितृ दोष आदि सभी दोषों से मुत्की मिल जाती है और 10 वर्षीय कन्या की पूजा करने से सभी बिगड़े काम बनने लग जाते हैं और मनोकामना की पूर्ती होती है।

महानवमी 2023 कन्या पूजन के मंत्र (Maha Navami 2023 Kanya Pujan Mantra)

  • या देवी सर्वभू‍तेषु 'कन्या ' रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
  • ॐ श्री दुं दुर्गायै नमः ।।
  • ॐ श्री कुमार्यै नमः ।।
  • ॐ श्री त्रिगुणात्मिकायै नमः ।।
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महानवमी 2023 कन्या पूजन की विधि (Maha Navami 2023 Kanya Pujan Vidhi)

  • मां का ध्यान करते हुए कन्याओं को अपने घर पर आमंत्रित करें।
  • कन्याओं को स्वच्छ स्थान पर बैठाकर उनके चरण धोएं।
  • चरण धोने के बाद उनके चरणों को० स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें।
  • कन्याओं को माथे पर कुमकुम (कुमकुम के उपाय) और अक्षत लगाएं।
  • उन्हें फूल अर्पित करें और उन्हें चुनरी उढ़ाएं।
  • फिर कन्याओं को भोजन कराएं।
  • उन्हें जो भी आपने श्रद्धा से बनाया वह परोसें और प्यार से खिलाएं।
  • भोजन के बाद कन्याओं को उपहार और दक्षिणा दें।
  • फिर पुनः पैर छूकर आशीर्वाद लें।

महानवमी 2023 कन्या पूजन के नियम (Maha Navami 2023 Kanya Pujan Niyam)

  • कन्या पूजन नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर ही करना चाहिए।
  • कन्याओं की आयु 2 से 10 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
  • कन्याओं के साथ एक बालक भी होना चाहिए।
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  • बिना बालक के कन्या पूजन पूर्ण नहीं माना जाता है।
  • कन्याओं को भोजन खिलाने से पहले मां अक भोग अवश्य लगाएं।
  • कन्याओं के आगमन और प्रस्थान के समय उनके पैर स्पर्श कर आशीर्वाद लेना न भूलें।

तो ये था नवरात्रि में कन्या पूजा का महत्व और उससे जुड़ी सभी जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Social Media

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