हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्त्व है। हर महीने एक पूर्णिमा तिथि होती है और पूरे साल में 12 पूर्णिमा तिथियां मनाई जाती हैं। हर एक पूर्णिमा तिथि का अपना विशेष महत्त्व है और प्रत्येक पूर्णिमा तिथि को अलग -अलग ढंग से मनाया जाता है। इसी क्रम में वैशाख मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को वैशाखी पूर्णिमा या बुध पूर्णिमा कहा जाता है। आइए इस लेख में विश्व के जाने माने ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस साल कब पड़ रही है बुध पूर्णिमा और क्या है इसका महत्त्व।
वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व का बौद्ध धर्म में विशेष महत्त्व है और हिन्दुओं में भी इसका अपना अलग महत्त्व है। भगवान् बुध को श्रीहरि विष्णु के 9 वे अवतार के रूप में पूजा जाता है और माना जाता है कि इनकी पूजा का विशेष महत्त्व है। इस साल बुध पूर्णिमा 26 मई 2021, बुधवार को मनाया जाएगा। बुध पूर्णिमा का त्यौहार बौद्ध धर्म के अनुयाइयों के लिए बहुत बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
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बुध पूर्णिमा हिन्दू यानी सनातन धर्म के अनुयाइयों के लिए भी बहुत मायने रखती है। हिन्दू धर्म के लोग भगवान् बुध को विष्णु जी के अवतार के रूप में पूजते हैं और इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से विष्णु भगवान् और बुध भगवान् की पूजा करते हैं। बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों के लिए भी विशेष मायने रखती है और विशेष रूप से बुध भगवान को पूजा जाता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने वैशाख पूर्णिमा का महत्त्व अपने परम-मित्र सुदामा को उस समय बताया था जब वे द्वारिका नगरी उनसे मिलने पहुंचे थे। श्री कृष्ण जी के बताने के अनुसार, सुदामाजी ने इस दिन व्रत किया था इससे उनकी दरिद्रता और दुःख दूर हो गए थे। इसके बाद से वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि जिसे बुध पूर्णिमा कहा जाता है उसका महत्त्व और बढ़ गया। हिन्दुओं में इस दिन व्रत उपवास करना और विष्णु जी का पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती हैं।
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बुध पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों का स्नान करना शुभ माना जाता है और इस दिन लोग दीये प्रज्ज्वलित करके घर को फूलों से सुसज्जित करते हैं। वैसे इस दिन गन्दा जैसी नदियों में डुबकी लगाना शुभ है लेकिन कोरोना काल में जब आप नदियों के स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करना भी नदी स्नान के बराबर ही फल देगा। इस दिन धार्मिक कार्य करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है और दान -पुण्य करना भी शुभ माना जाता है।
इस बार वैशाख पूर्णिमा का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा क्योंकि इस बार इस पूर्णिमा पर साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण भी पड़ेगा। चंद्र ग्रहण में दान -पुण्य करने का भी विशेष महत्त्व है और धार्मिक रूप से पूजा -पाठ करने के लिए भी वैशाख महीना अति उत्तम माना गया है।
इस प्रकार बुध पूर्णिमा का विशेष महत्त्व है और इस दिन पूजन दान पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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