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Krishna Facts: कौन थे श्री कृष्ण के वो 6 भाई जिन्हें जन्म लेते ही कंस ने कारागार में दिया था मार

श्री कृष्ण माता देवकी और पिता वासुदेव की आठवीं संतान थे। उनके जन्म से पहले उनके अन्य भाई भी थे जिनमें से बलराम उनके साथ ब्रज में पले-बड़े लेकिन अन्य 6 भाइयों की हत्या कंस ने कारगर में कर दी थी।   
Editorial
Updated:- 2023-04-09, 11:00 IST

Shri Krishna Ke Bhaiyon Ke Name: श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार और माता देवकी एवं पिता वासुदेव की आठवीं संतान थे। श्री कृष्ण के अन्य भाई भी थे जिनमें से मात्र एक ही उनके साथ जीवित रह पाए थे। वह थे श्री कृष्ण के बड़े भाई और माता देवकी एवं पिता वासुदेव के सातवें पुत्र बलराम।

यह तो हम सभी जानते हैं कि कंस ने श्री कृष्ण के अन्य 6 भाइयों का जन्म लेते ही वध कर दिया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन थे श्री कृष्ण के वो 6 भाई और क्या थे उनके नाम। अगर नहीं तो आज हम आपको ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर इस विषय में बताने जा रहे हैं।

ग्रंथों के अनुसार, मात देवकी कंस की चचेरी बहन थी। कंस अपनी बहन देवकी से बहुत प्यार करता था लेकिन जब उसे आकाशवाणी के माध्यम से यह पता चला कि उसकी मृत्यु का कारण उसकी अपनी बहन यानी माता देवकी ही बनेंगी और उसे मारने वाला माता देवकी के गर्भ से जन्म लेगा तब उसने मात देवकी और अपने जीजा श्री यानी कि वासुदेव को कारागार में बंधी बना लिया।

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कंस का पहला मंतव्य तो यह था कि वह देवकी को ही मार दे लेकिन धर्म परायण वासुदेव जी के वचन देने पर कि वह अपने हर एक पुत्र को कंस को सौंप देंगे, कंस ने देवकी को मारने का विचार त्याग दिया। जब देवकी माता को पहला पुत्र हुआ तब कंस ने उसे मृत्यु के घाट उतार दिया। ऐसे ही ऐसे जब-जब माता देवकी ने किसी पुत्र को जन्म दिया तब-तब कंस ने क्रूरता से बालकों की हत्या कर दी।

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पहले एक, फिर दो, फिर ऐसे करते-करते देवकी माता और वासुदेव जी ने अपने 6 पुत्रों को कंस की क्रूरता के भेंट चढ़ते देखा। कंस द्वारा मारे गए इन 6 पुत्रों एवं श्री कृष्ण (श्री कृष्ण के पांच जिंदा सबूत) के इन 6 भाईयों का नाम था कीर्तिमान, सुषेण, भद्रसेन, ऋृजु, सम्मार्दन और भद्र। माना जाता है कि एक श्राप के कारण देवकी माता को अपने यह 6 पुत्र खोने पड़े थे और यह 6 बालक भी अपना जीवन जी नहीं पाए थे।

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वहीं, सातवें पुत्र स्वयं शेषनाग (शेषनाग के मंत्र) के अवतार थे और वह देवकी माता के गर्भ से रोहिणी माता के गर्भ में परिवर्तित हुए थे। गर्भ संकर्षण के कारण इनका प्रथम नाम संकर्षण पड़ा। हालांकि बाद में नामकरण करने पर इनका नाम बलराम रखा गया जिन्हें कन्हैया बलदाऊ बुलाते थे। आखिर में कंस का विनाश करने वाले भगवान विष्णु के अवतार और मात देवकी के आठवें पुत्र श्री कृष्ण का जन्म हुआ।

तो ये थे श्री कृष्ण के वो 6 भाई जिनकी हत्या कंस ने कारागार में कर दी थी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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