बर्थडे स्पेशल : सोनिया गांधी से पहली मुलाकात के लिए राजीव ने दी थी रिश्वत, जानिए इनकी प्रेम कहानी

राजीव गांधी और सोनिया गांधी की प्रेम कहानी किसी फिल्मी रोमांस से कम नहीं है। इटली में जन्मीं सोनिया गांधी की मुलाकात राजीव गांधी से तब हुई जब वह पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गई थीं। दोनों की पहली मुलाकात बेहद साधारण माहौल में हुई, लेकिन धीरे-धीरे यह मुलाकातें दोस्ती और फिर गहरे प्यार में बदल गईं। आज 20 अगस्त को राजीव गांधी के जन्मदिन पर उनको याद करते हुए जानते हैं सोनिया और राजीव की प्रेम कहानी से जुड़ी खास बातें।
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वो पहली मुलाकात जिसमें सोनिया को दिल दे बैठे थे राजीव-

लंदन में पढ़ाई के दौरान राजीव गांधी अक्सर अपने दोस्तों के साथ बाहर जाया करते थे। राजीव गांधी 1956 की ऐसी ही एक शाम को दोस्तों के साथ लंदन के वरसिटी रेस्त्रां में बैठे थे और वहीं उनके सामने आईं खूबसूरत सोनिया माइनो (Sonia Maino), राजीव गांधी को सोनिया गांधीसे उसी वक्त प्यार हो गया। उस समय सोनिया कैम्ब्रिज में पढ़ रही थीं और साथ ही साथ पार्ट-टाइम वेट्रेस की तरह उसी होटल में काम कर रही थीं।

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रिश्वत देकर हुई थी सोनिया से पहली मुलाकात

राजीव गांधी ने अपने दोस्त और रेस्त्रां के मालिक चार्ल्स एंटोनी से कहा की कुछ ऐसा इंतज़ाम किया जाए कि सोनिया राजीव के थोड़ा करीब रह सकें। इसके लिए राजीव ने उन्हें रिश्वत भी दी। इसके बाद सोनिया के लिए राजीव ने पेपर नैपकिन में एक कविता लिखी और बेस्ट वाइन भेजी जो चार्ल्स के जरिए सोनिया तक पहुंची। इसके बाद शुरू हुआ दोनों की मुलाकातों का दौर।

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दिल्ली से लंदन सोनिया से मिलने आईं थी इंदिरा

राजीव गांधी और सोनिया गांधी एक दूसरे के इतने प्यार में थे कि राजीव गांधी ने इसके बारे में अपनी मां को बता दिया। ये बात थी 1965 की। इंदिरा गांधी उस समय भी काफी खुले विचारों की थीं और वो सोनिया से मिलने लंदन पहुंच गईं। वैसे तो राजीव के परिवार में इस रिश्ते की सहमति थी, लेकिन सोनिया के पिता को इससे थोड़ी दिक्कत थी। उनका मानना था कि उनकी बेटी राजनीतिक परिवार में जाएगी तो ये गलत होगा।

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शादी से पहले तेजी बच्चन के घर रही थीं सोनिया

राजीव गांधी 1967 में भारत वापस आए और उन्होंने 1968 को सोनिया गांधी को भी भारत बुलवा लिया गया। उन्हें तेजी बच्चन के घर रखा गया। राजीव गांधी परिवार और बच्चन परिवार की बहुत गहरी दोस्ती थी। हरिवंश राय बच्चन ने ही राजीव के पिता की भूमिका निभाई और दोनों की शादी 25 फरवरी 1968 को हो गई। 1970 जून में राहुल गांधी का जन्म हुआ और 1972 जनवरी में प्रियंका गांधी का।

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पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण राजीव जुड़े राजनीति से

राजीव गांधी कभी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। सोनिया गांधी के परिवार ने यही शर्त भी रखी थी। लेकिन पारिवारिक मजबूरियों के चलते उन्हें आना पड़ा। 1980 जनवरी में संजय गांधी की एक प्लेन हादसे में मौत हो गई। इसके बाद 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या। इसके बाद राजीव गांधी को मजबूरन प्रधानमंत्री बनना पड़ा। राजीव गांधी ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई, लेकिन 1991 में उनकी भी हत्या कर दी गई। इसके बाद सोनिया गांधी ने राजनीति की कमान संभाली जो वो कभी करना नहीं चाहती थीं।

एक जिम्मेदारी जो बन गई जिंदगी का नया अध्याय

सोनिया गांधी के सामने राजीव गांधी की मौत के बाद दो ही विकल्प बचे थे। या तो वो अपने परिवार की विरासत छोड़कर अपने बच्चों का हाथ थामें वापस चली जाएं या फिर वो टूटती हुई कांग्रेस को सहारा दें। राजीव गांधी की हत्या के बाद 1997-98 में कांग्रेस का बंटवारा निश्चित हो गया था। लेकिन उस समय सोनिया गांधी ने कमान संभाली और कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं।

इसके साथ ही वो भारत की राजनीति में दाखिल हुईं और कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर सबसे ज्यादा दिनों तक सेवारत रहने का रिकॉर्ड भी उनके ही नाम है।

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