बिहार कई चीजों के लिए मशहूर है। यहां की संस्कृति से लेकर बोलचाल की भाषा सब बड़े ही मजेदार हैं। आज हम कुछ ऐसे बिहार में इस्तेमाल होने वाले मजेदार शब्दों पर चर्चा करेंगे जिसे सुनकर आपकी हंसी निकल आएगी। अगर आप अपनी बातचीन में इन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी बातचीत बेहद दिलचस्प बन सकती है। अगर आप भी बिहारी बोलचाल का मजा लेना चाहते हैं तो इन शब्दों का इस्तेमाल जरूर करें।
थूर (Thoor)
थूरना शब्द बिहारी बोलचाल में बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसका मतलब होता है पीटना, मारना...उदाहरण के तौर पर अगर कोई बोलता है ज्यादा उल्टा सीधा बोलोगे तो पकड़ कर थूर देंगे, यानी आपकी अच्छी खासी पिटाई होगी, अगली बार से आप भी इस शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस शब्द का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है, इसका मतलब होता है घबरा जाना,इसे इस तरह से बोल सकते हैं... इंटरव्यू में ऐसा सवाल पूछा ना की हम तो एकदम नरभसा ही गए। अब से आप भी घबराने को नरभसाना बोल सकते हैं।
इस शब्द का भी लोग खूब इस्तेमाल करते हैं। यह सिर्फ एक शब्द नहीं इमेशन है। लबर-लबर का मतलब होता है बकवास करना या बहुत ज्यादा बोलना, जैसे किसी को कहना है कि तुम बहुत बकवास करते हो तो इसे बिहारी शब्द में कहेंगे तुम बहुत लबर-लबर करते हो या ज्यादा लबर-लबर मत करो।
कई बार हम एक ही काम करके या एक ही बात सुन कर ऊब जाते हैं, अंग्रेजी में कहें तो बोर हो जाते हैं, इसे बिहारी शब्द में अन्नस कहा जाता है। जैसे कितना बोलते हो यार, एक ही बात बोल कर अन्नस कर दिए हो। इस तरह से गुस्सा जाहिर किया जाता है।
गर्दा कर दिए भैया आप तो... ये शब्द खुशी का एहसास कराता है, जब कोई व्यक्ति हमारे बिहार में बहुत अच्छा काम करता है या कड़ी मेहनत करके एग्जाम में अच्छा नंबर लाता है तो लोग खुशी इजहार करने के लिए गर्दा शब्द का इस्तेमाल करते हैं।
बिहारी बोलचाल की भाषा में एक शब्द है बेलुरा ,जिसका मतलब होता है बेकार , बिना काम का, जिसे कुछ भी नहीं आता हो, अक्सर हमारे बिहार में जब कोई काम करने में असफल हो जाता है तो लोग उसे कहते हैं एक बेलुरा हो क्या यार, कुछ काम भी सीख लो... यह भी बड़ा मजेदार शब्द है।
बकलोल शब्द तो बिहार में बात बात पर इस्तेमाल किया जाता है, इसका मतलब है मूर्ख, जब हमारे यहां किसी को कोई बात समझ नहीं आती है तो लोग कहते हैं एकदम्मे बकलोल ही हो क्या? ऐसे ही लोगों को अलबलाहा भी कहा जाता है, आप इसे जंडर के हिसाब से बदल सकते हैं, जैसे लड़की है तो अलबलाही और लड़का है तो अलबलाहा।
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बिहारी बोलचाल का एक और शब्द है कनघटियाना, जैसे कोई व्यक्ति किसी बात को सुनकर अनसुना कर रहा है तो लोग अक्सर कहते हैं काहे भाई एकदम कनघटिया रहे हो। यानी बात को इग्नोर कर रहे हो
बिहार में लोगों को जब कोई बात पता नहीं होती है और आप उनसे पूछ देते हैं तो वो क्या नहीं ,आएं कहकर रिएक्ट करते हैं।
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