आज के समय में घरों में अलग से स्टडी रूम डिजाइन करवाते हैं। घर का एक ऐसा स्पेस जो विशेष रूप से केवल पढ़ाई को ही डेडीकेट किया जाता है। खासतौर से, जिन घरों में छोटे बच्चे होते हैं, वहां पर पैरेंट्स स्टडी रूम को अधिक तवज्जो देते हैं, ताकि बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई कर सकें। लेकिन कई बार यह देखने में आता है कि आप अलग से स्टडी रूम तो बनवाते हैं, लेकिन फिर भी बच्चों का वहां पर पढ़ाई में मन नहीं लगता।
ऐसे में पैरेंट्स को यह समझ ही नहीं आता कि आखिर गड़बड़ कहां हो रही है। दरअसल, स्टडी रूम में सिर्फ अच्छी किताबें रखने से ही यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है कि बच्चों का पढ़ाई में मन लगेगा ही। बल्कि इसके लिए कुछ वास्तु टिप्स को भी अपनाया जा सकता है। दरअसल, स्टडी रूम की दीवारों पर करवाया गया कलर भी बच्चे के मन में गहरा प्रभाव डालता है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज कुछ ऐसे ही कलर्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें वास्तु के अनुसार स्टडी रूम में करवाया जा सकता है-
स्टडी रूम में करवाएं व्हाइट कलर
पढ़ाई करना वास्तव में सरस्वती मां की पूजा के समान माना जाता है और उनके कपड़ों का कलर व्हाइट होता है। इसलिए स्टडी रूम या किसी भी पढ़ने के स्थान के लिए व्हाइट कलर का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा माना जाता है। आप भी अपने घर में स्टडी रूम(Study room) में व्हाइट कलर को प्राथमिकता दे सकते हैं। वहीं, अगर आप छोटे बच्चों के लिए कमरा डिजाइन कर रही हैं तो ऐसे में एकरसता को दूर करने के लिए किसी एक दीवार पर अन्य कलर करवाया जा सकता है। हालांकि, यहां यह अवश्य सुनिश्चित करें कि कमरे में बहुत अधिक रंगों का इस्तेमाल ना करें।
दिशा के अनुसार करवाएं कलर
जब आप स्टडी रूम में कलर करवाते हैं तो ऐसे में आप दिशाओं के अनुसार भी कलर करवाया जा सकता है। मसलन, अगर बच्चा पूर्व दिशा में मुख करके बैठता है तो ऐसे में व्हाइट कलर करवाना सबसे अच्छा माना जाता है। वहीं, अगर बच्चा नॉर्थ-ईस्ट दिशा में मुख करके बैठता है तो ऐसे में हल्का पीला कलर भी दीवार पर करवाया जा सकता है। अगर आप रूम की मोनोटॉनी को तोड़ने के लिए रूम में किसी अन्य कलर को करवाने का मन बना रही हैं तो ऐसे में उत्तर की दीवार पर लाइट ब्लू करवा सकती हैं। यह कमरे में जल तत्व को बढ़ाता है। जल तत्व ज्ञान, बुद्धि और विवेक को बढ़ाता है और कैरियर को बूस्ट करने में भी मदद करता है। वहीं, पश्चिम दिशा में अन्य मेटालिक कलर जैसे सिल्वर, गोल्डन या ब्रॉन्ज कलर किया जा सकता है।
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सॉफ्ट बोर्ड के कलर का रखें ध्यान
कई बार बच्चों की स्टडी टेबल के सामने सॉफ्ट बोर्ड हैंग किया जाता है, जिसमें बच्चे अपने जरूरी नोट्स व फार्मूले लिखते हैं। लेकिन सॉफ्ट बोर्ड के कलर का भी ख्याल रखना चाहिए। आप दिशा के अनुसार कलर को सलेक्ट करें। मसलन, पूर्व दिशा में सॉफ्ट बोर्ड के कलर को हरा किया जा सकता है, जबकि उत्तर दिशा में टंगे सॉफ्ट बोर्ड के लिए नीला रंग अच्छा माना जाता है।
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फर्श का कलर
स्टडी रूम की दीवारों के साथ-साथ फर्श के कलर को भी ध्यान में रखना चाहिए। स्टडी रूम के फर्श के लिए व्हाइट कलर अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर आप व्हाइट कलर नहीं करना चाहते हैं तो ऐसे में ऑफ व्हाइट और आइवरी कलर भी करवाया जा सकता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि फर्श पर ब्लैक और ब्राउन यूज ना करें। दरअसल, यह दोनों कलर उर्जा को अपने अंदर अवशोषित करते हैं और आपके आभामंडल को कमजोर करते हैं। जिससे आप खुद को कमजोर महसूस करते हैं।
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Image Credit- freepik
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