Summer Kitchen Garden Ideas: गर्मी का मौसम आ गया है और अगर ऐसे में आप घर पर ताजी सब्जियां लगाने की तैयारी में हैं, तो आज हम जानेंगे कि किन सब्जियों को आसानी से लगाया जा सकता है। बैंगन उन सब्जियों में से आता है, जो खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में तैयार किया जा सकता है। इसके लिए मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के बीच अच्छी होती है। गर्म जलवायु में बैंगन अच्छी तरह से बढ़ता है। साथ ही बैंगन को नकदी सब्जी के तौर पर भी जाना जाता है, क्योंकि बैंगन की ज्यादा पैदावार होने पर आप इसे बाजार में बेच भी सकते हैं।
बैंगन की कुछ कमाल की किस्में ये हैं
पूसा पर्पल लॉन्ग, पूसा हाइब्रिड-9, विजय हाइब्रिड, पूसा क्लस्टर, पूसा पर्पल लौंग, पूसा क्रांति, पंजाब जामुनी गोला, नरेंद्र बागन-1, आजाद क्रांति, पंत ऋतुराज, पंत सम्राट, टी-3 पूसा हाइब्रिड 5, जीहा किसान बंधु। ब्लैक ब्यूटी, लिटिल फिंगर्स, केर्मिट, बारबरेला, सैन्टाना, पिंग तुंग, टर्किश ऑरेंज, ओल्ड व्हाइट एग और अर्ली लॉन्ग पर्पल।
बैंगन की खेती के लिए कैसे तैयार करें मिट्टी
बैंगन की खेती के लिए हल्की रेतीली मिट्टी, बलुई दोमट मिट्टी, और भरी मिट्टी अच्छी मानी जाती है। बैंगन की फसल के लिए 20°C से 30°C का तापमान अच्छा माना जाता है। ध्यान रहे मिट्टी में किसी तरह का खरपतवार न मिला हो। इससे पौधे का जड़ सड़ सकता है। बुआई के लिए बीज धारा, छाल, गोबर कंपोस्ट, खाद और मिट्टी का अच्छे से मिश्रण तैयार कर लें।
बैंगन एक पोषक तत्व-घने भोजन है, जिसमें विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। बैंगन बोने के लिए मिट्टी से पानी की निकासी अच्छी होनी चाहिए। बैंगन की खेती के लिए लंबे फल वाली प्रजाति के लिए दो पौधों के बीच की दूरी 70 से 75 सेंटीमीटर और गोल फल वाली प्रजाति के लिए दो पौधों के बीच की दूरी 90 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। बैंगन की शरदकालीन फसल के लिए जुलाई-अगस्त में, ग्रीष्मकालीन फसल के लिए जनवरी-फरवरी में, और वर्षा कालीन फसल के लिए अप्रैल-मई में रोपाई की जानी चाहिए।
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आप बैंगन के बीज किसी भी नर्सरी या ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। बैंगन के पौधे के लिए आप जैविक खाद या रासायनिक खाद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बैंगन को दिन में कम से कम 6 घंटे धूप की जरूरत होती है। बैंगन के बीजों को 1/2 इंच गहरे और 2 इंच अलग बोएं। बीजों को अंकुरित होने में लगभग 10-14 दिन लगते हैं, तब तक अच्छे से देखभाल करनी चाहिए। पौधों को हर 2 हफ्ते में एक बार 10-10-10 की मात्रा में उर्वरक के साथ खाद दें। बैंगन आमतौर पर रोपण के 60-90 दिनों बाद तैयार हो जाते हैं। बैंगन को तब तोड़ें जब वे गहरे रंग के हों और उनमें चमक हो।
बैंगन के कुछ फायदे
बैंगन में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। बैंगन में विटामिन बी6, विटामिन ए, विटामिन के और विटामिन ई भी होता है। बैंगन में पाया जाने वाला विटामिन बी6 या पाइरिडोक्सिन, एक पानी में घुलनशील विटामिन है। यह शरीर में ब्लड के लेवल को मैनेज करने में मदद करता है।
- बैंगन में मौजूद फाइबर पाचन और कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है।
- जो गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं और किशोरी के लिए फायदेमंद हो सकता है, बैंगन में आयरन होता है।
- बैंगन में मौजूद फेनोलिक यौगिक एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं।
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