आजकल हर कोई प्लांट्स लगाने को बेहद प्राथमिकता देने लगा है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करके हम खुद को और पर्यावरण दोनों को लाभ पहुंचा रहे हैं। हालांकि, पर्यावरण का ख्याल रखने के लिए यह भी जरूरी है कि आप उनके लिए सही पॉट का चयन करें। अक्सर लोग प्लास्टिक के पॉट में प्लांट्स लगाते हैं। लेकिन अगर आप एक एनवायरनमेंट फ्रेंडली ऑप्शन की तलाश में हैं तो ऐसे में ग्रो बैग्स का विकल्प चुनें।
ये ग्रो बैग्स बिग साइज के बैग्स होते हैं, जिनमें आप अपनी मिट्टी के भीतर बीज बो सकती हैं और उन्हें बढ़ते हुए देख कसते हैं। ये ग्रो बैग्स ब्रेथेबल ईको-फ्रेंडली फैब्रिक से बनाए तैयार किए जाते हैं। हो सकता है कि आपने अब तक ग्रो बैग्स का इस्तेमाल ना किया हो। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ग्रो बैग और उनके फायदों के बारे में बता रहे हैं-
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ग्रो बैग क्या होते हैं
ग्रो बैग वास्तव में एक बिग साइज बैग होते हैं। ये एक ईको-फ्रेंडली ऑप्शन हैं। वे ऐसे किसी भी पौधे को उगाने में सक्षम हैं जिसके लिए गहरी जड़ों की आवश्यकता नहीं होती है। ग्रो बैग में सलाद ग्रीन्स, हर्ब्स, टमाटर, इंडोर प्लांट्स आदि में उगाने के लिए उपयुक्त माने गए हैं। मूल रूप से, जो कुछ भी आप एक कंटेनर में उगाने के बारे में सोच सकते हैं, उसे ग्रो बैग में भी उगाया जा सकता है।
होते हैं लाइटवेट
ग्रो बैग वजन में काफी लाइटवेट होते हैं। इनका वजन हल्का होने के कारण उन्हें बालकनी और छत पर गार्डनिंग के लिए एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है। इन्हें आप आसानी से कैरी कर सकती हैं। इन्हें मूव करने के लिए आपको बहुत अधिक ताकत की जरूरत नहीं होती है।
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ब्रेथेबल फैब्रिक से मिलता है फायदा
ग्रो बैग का फैब्रिक ब्रेथेबल होता है, जिसका अर्थ यह है कि प्लांट में हवा आसानी से पहुंच जाती है। वहीं, प्लास्टि के पॉट में से हवा पास नहीं हो पाती है। ग्रो बैग का ब्रेथेबल होने का मतलब है कि वे अच्छी तरह से ड्रेन भी होते हैं। इस तरह आप अपने पौधे को पानी देती हैं, तो आपका ग्रो बैग पानी को पौधे से आसानी से गुजरने देता है। इससे मिट्टी हेल्दी होती है और प्लांट की लाइफ अधिक बेहतर होती है।
बायोडिग्रेडेबल होने से मिलता है फायदा
कुछ ग्रो बैग पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल होते हैं। जिसका अर्थ है कि आप उन्हें सीधे जमीन में लगा सकती हैं और कुछ समय के बाद यह नेचुरल मिट्टी में आसानी से घुल जाएंगे। इस तरह आपको पौधे को पॉट से ग्राउंड गार्डन में शिफ्ट करने में कोई समस्या नहीं होती है। आप ग्रो बैग में बीज बोएं। जब तक यह बीज पौधे से एक बड़ा प्लांट बनने की प्रक्रिया में होगा, तो यह ग्रो बैग मिट्टी में घुल चुका होगा।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप ग्रो बैग का इस्तेमाल कर रही हैं तो आप कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें-
- आप यह ध्यान रखें कि आप अपने ग्रो बैग में बढ़ने के लिए सही पौधे का चयन करें। ग्रो बैग भी अलग साइज के मिलते हैं। ऐसे में सही ग्रो बैग को चुनना जरूरी है। तुलसी, रोजमेरी व थाइम आदि को बढ़ने के लिए केवल एक छोटी सी जगह की आवश्यकता होती है। इन जड़ी बूटियों के लिए छोटे ग्रो बैग का उपयोग किया जा सकता है।
- सामान्य से अधिक पानी की आवश्यकता वाले पौधों के लिए सेल्फ वाटरिंग ग्रो बैग का उपयोग करें। ग्रो बैग में सेल्फ वॉटरिंग सिस्टम भी होता है। जहां बेस पर एक पॉकेट में पानी होता है जिसका उपयोग आप समय पर पानी भरने के लिए कर सकते हैं। खीरे, स्क्वैश और लेट्यूस कुछ ऐसे पौधे हैं जो सेल्फ वॉटरिंग ग्रो बैग्स के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
- अपने ग्रो बैग के लिए सबसे अच्छी मिट्टी का उपयोग करें। पिसी हुई मिट्टी का उपयोग न करें क्योंकि यह आपके ग्रो बैग को भारी बना सकती है और इसकी एयर फ़्लो को बर्बाद कर सकती है। बेहतर परिणामों के लिए आप अपने ग्रो बैग को कंपोस्ट और पीट मॉस मिश्रण से भरें।
तो अब आप भी ग्रो बैग्स को अपनी गार्डनिंग का हिस्सा बनाएं और अपने प्लांटिंग एरिया को ईको-फ्रेंडली बनाएं।
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Image Credit- freepik
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