आर्मी चीफ बिपिन रावत ने महिलाओं को कॉम्बैट रोल देने पर दिया बेतुका बयान', टि्वटर यूजर्स ने जताई नाराजगी

आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा था कि महिलाओं को कॉम्बैट रोल देने के लिए सेना तैयार नहीं है, क्योंकि ज्यादातर जवान गांव के रहने वाले हैं और वे नहीं चाहेंगे कि कोई महिला उनकी अगुवाई करे।

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पिछले कुछ सालों में महिलाओं की वर्कप्लेस पर मौजूदगी में लगातार इजाफा हुआ है। महिलाएं नई और चैलेंजिंग भूमिकाओं में भी नजर आ रही हैं, जिसके बारे में पहले सोचा भी नहीं जाता था। ज्यादातर जगहों पर महिलाएं खुद को प्रूव कर रही हैं और नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।

महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ते कदमों के बीच सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की तरफ से कॉम्बैट रोल में महिलाओं के लिए आएबयान पर सोशल मीडिया में काफी विरोध हो रहा है।

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'फ्रंटलाइन पर कंफर्टेबल नहीं रहेंगी महिलाएं'

आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने महिलाओं को कॉम्बैट रोल दिए जाने पर एक विवादास्पद बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि वे सेना में औरतों को कॉम्बैट रोल देने के लिए तैयार हैं, लेकिन शायद सेना इसके लिए तैयार नहीं है, क्योंकि अधिकतर जवान गांव के रहने वाले हैं और वो कभी नहीं चाहेंगे कि कोई महिला उनकी अगुवाई करे। उनके शब्द कुछ इस तरह थे, 'महिलाओं का पहला काम बच्चों की परवरिश करना है और फ्रंटलाइन पर वे कंफर्टेबल नहीं रहेंगी और जवानों पर कपड़े बदलते समय अंदर ताक-झांक किए जाने का आरोप भी लगाएंगी। इसीलिए उन्हें कॉम्बेट रोल के लिए भर्ती नहीं किया जाना चाहिए।'

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जनरल रावत के बयान पर भड़के ट्विटर यूजर्स

जनरल रावत के इस बयान ट्विटर यूजर्स ने 'विवादास्पद' और 'सेक्सिस्ट' करार दिया और इसे देश के लिए शर्मनाक भी बताया। मणिमुग्ध शर्मा नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, 'हे भगवान! जनरल रावत बहुत ही शर्म की बात है! महिला अफसरों को कॉम्बैट रोल इसलिए नहीं दिया जा सकता, क्योंकि जब वो कपड़े बदल रही होंगी तो जवान उनके टेंट में ताकझांक करेंगे और महिला अफसर इस बात की शिकायत करेंगी। इसे पढ़ते हुए मेरे कान गुस्से से लाल हो रहे हैं।

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दिव्येंदु दास नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, 'आर्मी चीफ विपिन रावत ने कहा कि महिलाओं को कॉम्बैट रोल नहीं दिया जा सकता, क्योंकि उनके ऊपर बच्चों को पालने की जिम्मेदारी होती है। साथ ही महिला ऑफिसर फ्रंटलाइन पर कंफर्टेबल महसूस नहीं करेंगी और वे कपड़े बदलते वक्त जवानों की ताकाझांकी की शिकायत करेंगी। ये क्या बकवास है।'

विष्णुकांत शर्मा ने कहा, 'इंडियन आर्मी चीफ बिपिन रावत कहते हैं कि महिलाओं को कॉम्बैट रोल नहीं दिए जा सकते, क्योंकि वे पुरुष जवानों पर तांकझांक का आरोप लगाएंगी। इस समय में बिपिन रावत का यह बयान देश के लिए बहुत शर्मनाक है।'

कविता कृष्णन भी इस पर आग बबूला हुईं। उन्होंने ट्वीट किया, 'बिपिन राव ने कहा कि महिलाओं को कॉम्बैट रोल नहीं दिए जा सकते क्योंकि वे पुरुषों पर सैक्शुअल हैरसमेंट का आरोप लगाएंगी। ऐसा लगता है कि सेक्शुअल हैरसमेंट और प्रेग्नेंसी महिलाओं की बनने में किसी तरह की गड़बड़ है। यह बयान पुरातनवादी है।'

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जनरल बिपिन रावत के बयान पर भड़का गुस्सा इस बात की ओर संकेत करता है कि महिलाओं को दिए जाने वाले सम्मान को लेकर लोग कितने ज्यादा जागरूक हैं। वे देश की महिलाओं को हर स्तर पर आदर और सम्मान दिए जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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