अगर 5 अगस्त 2019 को भारत के लिए एतिहासिक दिन कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। इस दिन देश में एक बड़ा फैसला लिया गया और वर्षों से जम्मू एंड कश्मीर में लगे अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया। इस एतिहासिक फैसले के बाद अब जम्मू एंड कश्मीर भारत का पूर्ण रूप से अंग बन चुका है। अब से वहां भी भारत का संविधान लागू होगा और देश तिरंगा झंडा ही वहां का झंडा होगा। मगर, इस एतिहासिक फैसले ने जम्मू कश्मीर में रहने वाली महिलाओं के लिए भी एक बड़ी समस्या को हल कर दिया है। अनुच्छेद 370 हटने से पहले जम्मू की महिलाओं यदि नॉन कश्मीरी से शादी करती हैं तो उनसे कश्मीर की नागरिकता छीन ली जाती थी। मगर, अब से ऐसा नहीं होगा। अब कश्मीरी महिलाओं को दूसरे राज्य के लड़कों से शादी करने पर अपनी कश्मीरी कहलाने के हक को गंवाना नहीं पड़ेगा। मगर, इस अनुच्छेद के रहते कई महिलाओं को अपना यह हक गंवाना पड़ा है। इन्हीं में से एक हैं टीवी शो ‘मेरे अंगने में’ फेम एक्ट्रेस एकता कौल। आइए इन्हीं की जुबानी सुनते हैं इनकी कहानी।
इसे जरूर पढ़ें:जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद आए 10 बड़े बदलाव के बारे में कितना जानते हैं आप?
एकता कौल जन्म से ही कश्मीरी हैं। मगर, एक्टर सुमित व्यास संग वर्ष 2018 में शादी करने के बाद उनसे कश्मीरी कहलाने का हक छीन लिया गया। दरअसल, एकता ने नॉन कश्मीरी से शादी जो कर ली थी। हालाकि एकता के माता-पिता आज भी कश्मीर में ही रहते हैं और आर्टिकल 370 हटने के बाद वह काफी खुश हैं। एकता कौल ने एक मीडिया हाउस को इंटरव्यू देते हुए कहा, ‘यह वाकई बहुत बड़ा फैसला है। वैसे तो आर्टिकल 370 हटने के बाद से कश्मीर में काफी कुछ बदल जाएगा। मगर, कश्मीरी महिलाओं के लिए यह बहुत ही बड़ी खुशखबरी है। खासतौर पर उनके लिए जिन्होंने नॉन कश्मीरी से शादी की है। जैसे मेरे लिए तो यह सेलिब्रेशन का टाइम है। शादी के बाद इस आर्टिकल के तहत मुझसे मेरा घर मेरा कश्मीरी कहलाने का हक छीन लिया गया था। यह बिलकुल वैसा ही है जैसे आपके सिर से छत हटा दी गई हो। मगर, सुबह पापा का कॉल आया। उन्होंने कहा कि जल्दी टीवी देखो। मैं देखा और मेरी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे। अब मैं हक से कह सकती हूं कि जम्मू एंड कश्मीर में स्टेट है। मैं कश्मीरी हूं और यहां मेरा घर है। मेरी बचपन की यादें इस जगह बसी हैं। मेरे दोस्त मेरे रिश्तेदार सब यहीं रहते हैं। मैं इस फैसले के आने के बाद से जश्न मना रही हूं।’Article 370: तो क्या अब बदल जाएगी लद्दाख ट्रिप?
इसे जरूर पढ़ें:Article 370 Amendment: केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद कश्मीर की वादियों में घर बनाना चाहते हैं गुरमीत चौधरी
एकता आगे बताती हैं, ‘शादी के बाद तो हर लड़की की लाइफ में बहुत बदलाव आते हैं। मगर, मेरी लाइफ में जो बदलाव आए वह बेहद बुरे थे। मुझे मेरे ही राज्य का कहलाने से इंकार किया गया। मैं कश्मीर में जमीन लेकर रहना चाहती थी मगर, मैं इस आर्टिकल के चलते मैं वहां पर जमीन नहीं खरीद सकती थीं।मेरा कश्मीर के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव है, क्योंकि मैं आधी कश्मीरी हूं
अचानक बदली इन चीजों से मैं बहुत परेशान भी रहती थीं मगर क्या पता था कि चीजें इतनी जल्दी ठीक हो जाएंगी। अब मैं बहुत ज्यादा खुश हूं।’