शादी सिर्फ दो दिलों का मेल नहीं होती है, बल्कि दो जिंदगियों, दो परिवारों और बहुत सारी जिम्मेदारियों का संगम होती है। जहां एक लड़की अपनी पुरानी जिंदगी पीछे छोड़कर, आंखों में लाखों सपने सजाकर एक नए घर और जीवन में कदम रखती है। वहीं, एक लड़के की भी जिंदगी बदल जाती है। ऐसे में कई बार दो लोगों और दो परिवारों के बीच समस्याएं देखने को मिलती हैं। इन्हीं समस्याओं की वजह से महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण की खबरें भी सुनने को मिलती हैं।
जब परिवार स्थिति बिगड़ी है तो कई महिलाएं डर, शर्म और जानकारी की कमी की वजह से चुप रह जाती हैं। यही वजह है कि आज हम यहां लड़कियों को उन अधिकारों और कानूनों के बारे में बताने जा रहे हैं जो उन्हें शादी के साथ ही मिलते हैं। ऐसे में अगर आप या आपकी कोई दोस्त, बहन या परिचित शादी करने जा रही है तो उन्हें लीगल राइट्स के बारे में जरूर बताएं यह उन्हें जीवन में आने वाली किसी भी परेशानी में मदद कर सकते हैं।
शादी से पहले इन कानूनों और अधिकारों के बारे में जान लें
स्त्रीधन का अधिकार
शादी, गोद भराई या किसी भी रस्म के समय लड़की को मिलने वाले जेवर, कपड़े, तोहफे, नकद या कोई भी संपत्ति मिलती है वह स्त्रीधन का हिस्सा होता है। स्त्रीधन पर सिर्फ लड़की का अधिकार होता है। इसे न तो लड़की का पति कंट्रोल कर सकता है और न ही पिता।
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गर्भपात का अधिकार
अगर लड़की किसी भी वजह से मां नहीं बनना चाहती। लेकिन, वह प्रेग्नेंट है तो वह अपनी मर्जी से गर्भपात करा सकती है। जी हां, यह अधिकार हर महिला और लड़की के पास होता है। गर्भपात के अधिकार के तहत लड़की को अपने पति या परिवार की परमिशन लेने की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि, गर्भ महिला के शरीर का हिस्सा होता है और उस हिस्से के साथ क्या करना है और कितना करना है यह सिर्फ महिला का ही अधिकार होता है।
भरण-पोषण का अधिकार (Maintenance Right)
अगर पत्नी की कोई कमाई नहीं है और वह आर्थिक तौर पर पूरी तरह से पति पर निर्भर है। ऐसे में पत्नी को अपने पति से उचित भरण-पोषण का पूरा अधिकार होता है। इतना ही नहीं, नाबालिग बच्चों का भी अपने माता-पिता से भरण-पोषण यानी मेंटेनेंस लेने का अधिकार है।
ज्वाइंट प्रॉपर्टी का अधिकार
अगर पति-पत्नी ने शादी के बाद कोई प्रॉपर्टी एक-साथ खरीदी है तो उसे ज्वाइंट माना जाता है। ऐसे में अलगाव या विवाद की स्थिति में ज्वाइंट प्रॉपर्टी में पति-पत्नी का बराबर का हिस्सा होता है।
पति पर अधिकार
अगर आपका पति शादी के बाद किसी दूसरी महिला के साथ मानसिक या शारीरिक संबंध रखता है, तो आप इसका पूरा विरोध कर सकती हैं। कानून यह हर महिला को अधिकार देता है कि उसका पति बिना तलाक या सेपरेशन के दूसरी महिला के साथ संबंध नहीं बना सकता है। अगर पति ऐसा करता है तो पत्नी कानूनी की मदद ले सकती है।
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विवाह का अधिकार
हमारे देश का कानून एक बालिग लड़का-लड़की को विवाह का अधिकार देता है कि वह अपनी पसंद के शख्स से शादी करे। ऐसे में माता-पिता, भाई या रिश्तेदार लड़की पर जबरदस्ती किसी व्यक्ति से शादी करने का दबाव नहीं बना सकता है। अगर किसी भी तरह से किसी लड़की पर दबाव बनाया जा रहा है, तो वह इसकी शिकायत दर्ज करा सकती है।
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Image Credit: Freepik and Herzindagi
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