Legal Rights For Woman: आज की तारीख में भारतीय महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है। आज के दौर में घर से लेकर कार्यस्थल तक महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं।
आज महिलाएं डॉक्टर, पुलिस, वकील, टीचर, डिजाइनर, विज्ञान आदि कई क्षेत्रों में पुरुषों से भी आगे निकल चुकी हैं और वो ईमानदारी से इन क्षेत्रों में दिन रात मेहनत करती रहती हैं।
लेकिन भारतीय समाज की यह एक विडंबना है कि कई लोग महिलाओं के साथ छेड़छाड़, मारपीट या बदतमीजी करते हैं और महिलाएं हर व्यक्त परेशान रहती हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि महिलाओं को उन्हें अपने हक और अधिकार के बारे में जानकारी हो।
इस आर्टिकल में हम महिलाओं के कुछ विशेष कानूनी अधिकार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके द्वारा आप अपने आप को सुरक्षित रख सकती हैं और क़ानूनी लड़ाई भी लड़ सकती हैं।
आईपीसी की धारा 354 डी (Section 354D of IPC)
यह अक्सर खबरें आती रहती हैं कि ये पुरुष उस लड़की या औरत का हर रोज पीछा करता है या बार-बार संपर्क करने के लिए कॉल करता है, ईमेल करता या फिर हर दिन नजर बनाए रखता है।
अगर कोई पुरुष किसी महिला के माना करने के बाद भी पीछा करता है, ईमेल करता है या कॉल करते रहता है, तो महिलाएं इस इंसान के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 डी के तहत कानूनी एक्शन ले सकती हैं। आईपीसी की धारा 354 डी के तहत उस अपराधी के खिलाफ महिलाएं कार्यवाही कर सकती हैं। इसके लिए पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा सकती हैं।
आईपीसी की धारा 498 (Section 498 of IPC)
आज की तारीख में महिलाओं से संबंधित सबसे अधिक खबरें आती हैं, तो उसका नाम है घरेलू हिंसा। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर दूसरे मिनट एक महिला घरेलू हिंसा का शिकार होती है। ऐसे में घरेलू हिंसा को रोकने के लिए आईपीसी की धारा 498 महिलाओं को विशेष अधिकार देता है।
जी हां, अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी, मां और बहन आदि महिला के ऊपर अत्याचार करता है, तो महिला उस आदमी के खिलाफ आईपीसी की धारा 498 के तहत कानूनी कार्यवाही कर सकती है। इस धारा के तहत महिला उस पुरुष के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा सकती है।
सीआरपीसी की धारा 46 (4) (Section 46(4) of CrPC)
सीआरपीसी की धारा 46 (4) महिलाओं को एक विशेष अधिकार देता है। यह एक ऐसी धारा है, जिसके तहत आपको कोई भी पुलिस वाला गिरफ्तार नहीं करता है। हालांकि, विशेष कारण में लिखित अनुमति के साथ ऐसा कर सकता है।(शारीरिक शोषण उठाने चाहिए ये 7 कदम)
जी हां, सीआरपीसी की धारा 46 (4) के मुताबिक अगर किसी महिला पर आरोप है, तो पुलिस उस महिला को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं कर सकता है। इसके अलावा आरोपी महिला को महिला पुलिसकर्मी को ही लेकर जाना होगा।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39 ए (Article 39A of Indian Constitution)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद-39 A 'समान न्याय और निःशुल्क कानूनी सहायता' राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों से संबंधित है।
यह हम सभी जानते हैं कि भारत में अमीर से अधिक निर्धन लोग रहते हैं। ऐसे में अनुच्छेद-39 A के तहत निर्धन लोगों को मुफ्त में कानूनी सहायता प्रदान करने की अनुमति देता है। इस अनुच्छेद के तहत महिलाओं को भी मुफ्त में कानूनी सहायता पाने का अधिकार है।
समान पारिश्रमिक अधिनियम-1976 (Equal Remuneration Act-1976)
आज की तारीख में महिलाएं पुरुष के बराबर काम कर रही है। ऐसे में अगर एक पुरुष और महिला एक ही तरह का काम करते और महिला को पुरुष के मुकाबले कम वेतन मिलता है, तो समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 के तहत शिकायत दर्ज करवा सकती है।
जी हां, समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 महिला श्रमिकों को समान पारिश्रमिक के भुगतान का प्रावधान करता है, जिसके तहत आप भी लाभ उठा सकती है।
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Image@shutterstocks,freepik
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