ज्योतिष में दिन के 8 प्रहरों का क्या है महत्व? जन्म प्रहर से जानें व्यक्तित्व

आज हम आपको ज्योतिष में वर्णित दिन के 8 प्रहारों का महत्व बताने जा रहे हैं।  

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Din Ke 8 Prahar: हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में दिन के 8 प्रहरों के बारे में बताया गया है। इन 8 प्रहरों में दिन के 4 प्रहर और रात के 4 प्रहर शामिल हैं। हर एक प्रहर करीब 3 घंटे का होता है।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि हर एक प्रहर में पूजा-उपासना का अलग महत्व है। यहां तक कि यह 8 प्रहर व्यक्ति के व्यक्तित्व को भी दर्शाते हैं।

8 प्रहर के नाम

दिन के 4 प्रहर: पूर्वान्ह, मध्यान्ह, अपरान्ह और सायंकाल और रात के 4 प्रहर: प्रदोष, निशिथ, त्रियामा एवं उषा।

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8 प्रहर का महत्व

  • पहला पहर: शाम 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक के समय को रात्रि का पहला प्रहर कहा जाता है। इस प्रहर को प्रदोष काल भी कहा जाता है। इस प्रहर में भगवान शिव (भगवान शिव की पूजा के नियम) की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, व्यक्तित्व की बात करें तो इस प्रहर में जन्म लेने वाले लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं।
  • दूसरा प्रहर: रात 9 बजे से लेकर 12 बजे तक को दूसरा प्रहर कहा जाता है। इस प्रहर में खरीदारी करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जिनका जन्म दूसरे प्रहर में होता है उनके भीतर कलात्मक खूबियां होती हैं।
  • तीसरा प्रहर: रात के 12 से 3 बजे तक का समय तीसरा प्रहर होता है। यह प्रहर तांत्रिक क्रियाओं के लिए जाना जाता है। इस प्रहर में जन्म लेने वाला व्यक्ति जीवन में अपार सफलता पाता है।
  • चौथा प्रहर: चौथा प्रहर भोर के 3 बजे से सुबह के 6 बजे तक लगता है। यह रात का अंतिम प्रहर होता है। ज्योतिष (ज्योतिष में क्यों होती हैं 12 राशियां) के अनुसार, इस प्रहर में जन्म लेने वाला व्यक्ति ऊर्जावान और तेजस्वी होता है।
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  • पांचवां प्रहर: सुबह 6 बजे से लेकर 9 बजे तक के समय को पांचवें प्रहर के रूप में देखा जाता है। इस प्रहर में पूजा-अर्चना करना शुभ फलदायी होता है। इस प्रहर में जन्म लेने वाला व्यक्ति मान-सम्मान प्राप्त करता है।
  • छठा प्रहर: सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक का समय छठा प्रहर कहलाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस प्रहर में जन्मा व्यक्ति राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत कर पाता है और सेवा भावी होता है।
  • सातवां प्रहर: दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक की अवधि को सातवां पहर बोला जाता है। इस प्रहर में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव जिद्दी होता है और शिक्षा के क्षेत्र में वह हमेशा आगे रहता है।
  • आठवां प्रहर: शाम 3 बजे से लेकर शाम 6 बजे की अवधि आखिरी प्रहर कहलाती है। इस प्रहर में जिस भी व्यक्ति का जन्म होता है उसे मीडिया, वकालत आदि बोलने वाले क्षेत्र में तरक्की मिलती है।

तो ये था ज्योतिष में बताए गए 8 प्रहर का महत्व। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Shutterstock, Pinterest

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