
भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिनके बारे में भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि वहां दर्शन करने और पूजा-पाठ करने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में भी इन मंदिरों के बारे में यह बताया गया है कि इन स्थानों पर भगवन का अवतरण या निवास मनुष्य को रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए हुआ था। ऐसा कहते हैं कि इन मंदिरों में जाने से न सिर्फ बीमारियां आपसे दूर रहती हैं बल्कि सालों से झेल रहे असाध्य या लाइलाज रोग भी आपके शरीर को छोड़ देते हैं। इन प्राचीन मंदिरों में हुए पुराने चमत्कारों को साक्षात कई लोगों ने स्वयं अनुभव किया है। हालांकि, विज्ञान की नजर में यह सिर्फ एक अंधविश्वास है, लेकिन यह भी सत्य है कि जहां विज्ञान समाप्त होता है वहां से ही भगवान का चमत्कार शुरू होता है, बस श्रद्धा पूर्ण होनी चाहिए। ऐसे में आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से इस बारे में विस्तार से।
वैद्यनाथ धाम: यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो झारखंड में स्थिति है। भगवान शिव को यहां 'वैद्यनाथ' यानी 'चिकित्सकों के भगवान' के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि यहां पूजा करने से गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव स्वयं व्यक्ति को किसी भी प्रकार के भयंकर से भयंकर रोग से छुटकारा दिला देते हैं।

दंदरौआ धाम: यह मंदिर 'डॉक्टर हनुमान' के नाम से प्रसिद्ध है और मध्य प्रदेश में स्थापित है। भक्तों का मानना है कि यहां हनुमान जी भक्तों के शारीरिक कष्टों और असाध्य रोगों का निवारण करते हैं। साथ ही, यहां जो भी भक्त अर्जी लगाता है उसके ग्रहों की अशुभता को शांत कर हनुमान जी बीमारी पैदा करने वाले दोषों को दूर कर देते हैं।
बुटाटी धाम: यह मंदिर राजस्थान में स्थापित है और संत चतुरदास जी महाराज को समर्पित है। इस मंदिर की सबसे बड़ी मान्यता यह है कि 7 दिन तक मंदिर में रुककर आरती और परिक्रमा करने से लकवा रोग ठीक हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस बीमारी को कोई डॉक्टर ठीक न कर सका हो वह रोग यहां आकर ठीक हो जाता है।

हृदयलीश्वर मंदिर: तमिलनाडु में स्थिति यह मंदिर यह भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा कहते हैं कि जिस भी व्यक्ति को दिल से जुड़ा कोई रोग हो उसे यहां एक बार जरूर आना चाहिए। यहां भगवान शिव को हृदय के रूप में पूजा जाता है और इस मंदिर में कई ऐसे चमत्कार हुए हैं जब भक्तों को हृदय संबंधित रोगों से छुटकारा मिला है।
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शीतला माता मंदिर: शीतला माता को चेचक और अन्य गर्मी से संबंधित बीमारियों जिनमें कई चर्म रोग भी शामिल हैं उन की देवी माना जाता है। 'शीतला' का अर्थ है 'शीतलता देने वाली'। भारत के कई राज्यों में शीतला माता के मंदिर हैं जहां भक्त इन रोगों से मुक्ति के लिए उनकी पूजा करते हैं, उन्हें ठंडा प्रसाद चढ़ाते हैं और मां की कृपा से वह बीमारी से मुक्त हो जाते हैं।
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