
साल 2025 में कई महिलाओं ने अपनी उपलब्धियों से देश का नाम रोशन किया है। खेल जगत, कला और सिनेमा जगत में महिलाओं ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। ये उपलब्धियां सिर्फ व्यक्तिगत सफलता की कहानी बयां नहीं करती हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और बदलाव की नींव भी हैं। आइए जानते हैं उन भारतीय महिलाओं के बारे में, जिन्होंने 2025 में देश के लिए एक इतिहास रचा और कुछ ऐसा कर दिखाया जिसका उदाहरण सदियों तक दिया जाएगा। जहां एक तरफ स्मृति मंधाना ने क्रिकेट में विश्वकप अपने हिस्से में करके देश को एक अलग मुकाम तक पहुंचाया, यहीं मैथिली ठाकुर ने राजनीति में सबसे कम उम्र में ही एक बड़ा पद संभाला। यही नहीं इस साल महिलाओं ने कांस में भी एक अलग स्थान प्राप्त किया। आइए जानें उन महिलाओं के बारे में जिन्होंने इस साल अपनी एक अलग पहचान से देश को गर्व महसूस कराया।
भारतीय महिला क्रिकेट की पोस्टर गर्ल बन चुकीं स्मृति मंधाना ने साल 2025 में अपने शानदार प्रदर्शन से क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता। इंटरनेशनल क्रिकेट में नेतृत्व क्षमता और बड़े मौकों पर जिम्मेदारी निभाने की उनकी कला ने उन्हें विश्व की सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शामिल रखा।

मैदान पर उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया कि भारतीय महिला क्रिकेट अब किसी पहचान का मोहताज नहीं है। यही नहीं स्मृति की सबसे बड़ी उपलब्धि विश्व कप को अपने नाम करना रहा। यही नहीं इस साल स्मृति 4 हजार से ज्यादा रन बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी बन गईं।
लोक संगीत को नई पीढ़ी से जोड़ने वाली मैथिली ठाकुर ने साल 2025 में भारतीय सांस्कृतिक विरासत को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। यही नहीं मैथिली ने इसी साल संगीत जगत के साथ राजनीति में भी कदम रखा और भारतीय जनता पार्टी की सदस्य के रूप में अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से बिहार विधानसभा चुनाव जीता। 25 वर्ष की छोटी सी आयु में भारत की सबसे कम उम्र की विधायक बनकर मैथिली ने राजनीति में प्रवेश किया जो किसी बड़ी उपलब्धि से क नहीं है।
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मानिका विश्वकर्मा ने साल 2025 में ब्यूटी पेजेंट जीतकर एक बड़ा मुकाम हासिल किया। इस साल 18 अगस्त 2025 को जयपुर में मिस यूनिवर्स इंडिया 2025 का ताज मनिका विश्वकर्मा को पहनाया गया। उन्होंने मिस यूनिवर्स 2025 प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया, यह प्रतियोगिता 21 नवंबर 2025 को थाईलैंड में आयोजित हुई थी। वास्तव में यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं था।

भाला फेंक एथलीट अन्नू रानी ने इस साल भारतीय खेल जगत में महिला एथलीट्स की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। इस साल पोलैंड में इंटरनेशनल विस्लाव मनियाक मेमोरियल जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता का आयोजन हुआ और इस प्रतियोगिता में मेरठ की अन्नू रानी ने 62.59 मी. थ्रो करके तुर्की और ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ियों को पीछे छोड़कर स्वर्ण पदक हासिल किया। मेरठ के एक गरीब किसान की बेटी का देश के लिए स्वर्ण पदक हासिल करना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं था। वास्तव में ये देश की बेटियों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं।
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इस साल 78वें कान्स फिल्म महोत्सव में इस साल की जूरी के रूप में पायल कपाड़िया उन चुनिंदा हस्तियों में शामिल हुईं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिनेमा के क्षेत्र में योगदान के रूप में एक नई पहचान मिली। वो पहली भारतीय महिला जूरी के रूप में भी सामने आईं। फिल्म All We Imagine As Light के लिए कान्स फिल्म फेस्टिवल का ग्रांड प्रिक्स जीतकर पायल ने 2025 में इतिहास रचा और 30 साल बाद किसी भारतीय निर्देशक को यह सम्मान मिला और वह इसे जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। यह उपलब्धि वास्तव में ऐतिहासिक ही थी।

तीन दशकों से अधिक समय से एडवोकेट वर्षा देशपांडे लिंग के आधार पर होने वाली भ्रूण हत्या और अवैध रूप से होने वाली लिंग जांच के खिलाफ संघर्ष कर रही हैं। उनकी यह लड़ाई एक जरूरी सवाल से शुरू हुई थी उनके आस-पास की बस्तियों से बेटियां आखिर क्यों गायब हो रही थीं? यही सवाल आगे चलकर दलित महिला विकास मंडल की नींव बना और एक ऐसे आंदोलन की शुरुआत हुई, जिसने महाराष्ट्र में चल रहे कई अवैध लिंग जांच और भ्रूण हत्या के रैकेट्स को उजागर किया। वर्षा देशपांडे को 2025 का UN Population Award मिला जो देश के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं था।
लीना नायर का सफर भारतीय नेतृत्व की वैश्विक शक्ति को दिखाता है। कोल्हापुर से निकलकर दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित लग्जरी ब्रांड Chanel की ग्लोबल CEO बनना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उनका नेतृत्व इस बात को साबित करता है कि भारतीय महिलाएं ग्लोबल कॉरपोरेट जगत में भी अपनी दिशा तय कर सकती हैं।
महज 18 साल की उम्र में 11 गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली जानवी जिंदल की उपलब्धि किसी बड़ी जीती से कम नहीं थी। बिना किसी औपचारिक ट्रेनिंग के चंडीगढ़ की स्केटिंग खिलाड़ी जानवी जिंदल ने यूट्यूब वीडियो देखकर खुद को प्रशिक्षित किया। इस साल सिर्फ यूट्यूब और जुनून के दम पर भारत की सबसे ज्यादा गिनीज़ रिकॉर्ड रखने वाली महिला बन गईं। इतनी काम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाली जानवी जिंदल की यह जीत वास्तव में देश के लिए प्रेरणा स्रोत है।
भारत की ये सभी महिलाएं वास्तव में देश के लिए प्रेरणा की स्रोत है जिनकी उपलब्धियों को नकारा नहीं जा सकता है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसे ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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