किसान की बेटी से गोल्ड मेडलिस्ट तक...कुछ ऐसा रहा है अन्नू रानी का सफर, हर लड़की को मिलेगी प्रेरणा

अन्नू रानी का नाम आज भारतीय एथलेटिक्स की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। अपनी मेहनत, लगन और हिम्मत से उन्होंने परचम अंतर्राष्ट्रीय मंच तक लहराया। आइए आर्टिकल में जानते हैं इनका जैवलीन थ्रोअर बनने का यह खास सफर।
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Annu Rani Gold Medalist 2025: पोलैंड में इंटरनेशनल विस्लाव मनियाक मेमोरियल जैवलिन थ्रो का कंपटीशन रखा गया। इसी कंपटीशन में मेरठ के बेटी अनु रानी ने कमाल कर दिया, जिसकी चर्चा इस समय हर तरफ हो रही है। यही वो कंपटीशन है जिसमें उन्होंनो गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। आपको बता दें कि उन्होंने अपने करियर का बेस्ट 62.59 मी. थ्रो करके तुर्की और ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ियों को हार का मुंह दिखाया। इस कंपटीशन उन्हें कई बार थ्रो फेंकने का मौका मिला था। जिसे उन्होंने बहुत ध्यान से फेंककर इस गोल्ड मैडल को अपने नाम किया। आर्टिकल में बताते हैं अनु के इस खास सफर के कुछ चीजों के बारे में।

अन्नू रानी ने कैसे जीता गोल्ड मैडल?

इस गेम को उन्होंने तुर्की और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों के साथ खेला। इसके लिए पहले उन्होंने 60.95 मी वहीं दूसरे में 62.59 मीटर और तीसरी बारी में उन्होंने 59.98 मीटर फेंका। वहीं जब उन्होंने चौथी बार थ्रो डाला तो इसे फाउल माना गया। जब पांचवी बार थ्रो मारने की बारी आई तो उन्होंने 62.59 पर भाला फेंका। यह भाला अन्य खिलाड़ियों से बेहतर लगा। इसी के हिसाब से उन्हें गोल्ड मेडल मिला।

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अन्नू रानी कौन है?

देश का नाम रौशन करने वाली अनु रानी का जन्म 28 अगस्त 1992 को मेरठ के एक किसान परिवार में हुआ। उन्हें बचपन से ही खेलों में उनका रुझान रहा था। लेकिन सुविधाओं की कमी होने के कारण खेल खेलना उनके लिए काफी मुश्किल रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि शुरूआत में तो उन्हें जैवलीन ही नहीं मिला। इसलिए वह बांस के डंडे से थ्रो की प्रैक्टिस करती थी।

अनु रानी की क्या हैं उपलब्धियां?

अनु रानी ने जैवलीन थ्रो के कई सारे बड़े रिकॉर्ड तोड़कर अपना परचम फैलाया। इनके करियर की शुरूआत 2017 एशियाई चैंपियनशिप से हुई। इस गेम में उन्होंने कांस्य पदक को अपने नाम किया। इसके बाद उन्होंने 2019 एशियाई चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। 2019 में उन्हें वर्ल्ड चैंपियन फाइनल में जगह बनाने का मौका मिला और वो पहली महिला खिलाड़ी चुनी गई। इसके बाद उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने एशियन गेम्स 2023 में 62.92 मी. दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीता। 2024 पेरिस ओलंपिक में भी उन्होंने भाग लिया। इस साल ताइवान एथलेटिक्स ओपन चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल और इंडियन ओपन एथलेटिक्स 2025 में भी गोल्ड मेडल हासिल कर देश का नाम रौशन किया। अब उन्होंने पोलैंड में इतिहास रचते हुए सीजन का बेस्ट थ्रो किया और गोल्ड मेडल जीता।

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अन्नु रानी का खेल और उनका जज्बा

अन्नू हमेशा से ही अपने खेल को लेकर हमेशा अनुशासित रही हैं। इनकी खेल के प्रति प्रेम आपको इनके थ्रो को डालते हुए अक्सर दिखता है। उनके इस खेल के जज्बे को हर कोई सलाम करता है। साथ ही, उनके इस जज्बे से लड़कियां प्रेरणा लेती हैं कि सही दिशा, मेहनत और हिम्मत से हर चीज आसान हो जाती है। बस आपको उस काम को करने के लिए जज्बा दिखाना होगा।

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इनका यह सफर को देखकर आप भी अपने जीवन में इस प्रेरणा के साथ आगे बढ़ सकते हैं कि अगर दिल में जज्बा हो तो आप कुछ भी कर सकते हैं। अन्नू ने भी इसी विश्वास को दिखाते हुए आज देश का नाम रोशन किया है।

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Image Credit- Social media, Twitter

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