15 साल की एक लड़की टीचर बनने का ख्वाब देखती है। वो स्कूल ड्रेस पहनती है स्कूल जाती है और परीक्षा देती है। वापसी में उसे और उसकी दो सहेलियों को गोलियों से भून दिया जाता है। उसके सिर पर गोली लगती है और इस घटना के बाद पूरी दुनिया के सामने उसकी कहानी आती है। ये कहानी थी मलाला युसुफज़ई की कहानी। 12 जुलाई 1997 में पाकिस्तान के सबसे कट्टर खैबर पख्तून्ख़्वा प्रांत में जन्मी मलाला का परिवार स्कूल चलाता था और मलाला भी पढ़ना चाहती थीं। लेकिन उनके इलाके में तालिबान ने लड़कियों को स्कूल जाने से रोका था और बस इसीलिए मलाला को गोली मारी गई थी।
मलाला बचपन से ही संघर्ष करती रही हैं। 2014 में 17 साल की मलाला को नोबेल पुरुस्कार मिला। भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ उन्होंने ये पुरुस्कार ग्रहण किया और उस समय अपनी स्कूल यूनिफॉर्म को देखकर रो पड़ीं जिसमें उन्हीं के खून के छींटे थे। मलाला को अभी तक कई अंतरराष्ट्रीय पुरुस्कार मिल चुके हैं। वो एक वर्ल्ड आइकन हैं। कई फंड्स उनके नाम पर चलते हैं, लेकिन वो अभी भी अपनी जिंदगी में संघर्ष ही कर रही हैं।
इसे जरूर पढ़ें- तीन तलाक और अपनों की मौत का दुख झेल चुकी ये महिला ऑटोड्राइवर कई लोगों की प्रेरणा बन सकती है
खुद के नाम पर स्कूल, कनाडा में सबसे ऊंचा सम्मान, लेकिन कनाडा की इस जगह पढ़ा नहीं सकतीं मलाला-
मलाला के नाम पर कई स्कूल खुल चुके हैं। अमेरिका, कनाडा सहित दुनिया के कई हिस्सों में स्कूल हैं। मलाला खुद ऑक्सफोर्ड में पढ़ रही हैं। पर कनाडा के Quebec प्रांत में वो पढ़ा नहीं सकती हैं। क्योंकि कनाडा के इस प्रांत में एक बिल पास किया गया है कि कोई भी नकाब के साथ पब्लिक प्लेस पर नहीं जा सकती हैं। तो यहां के एजुकेशन मिनिस्टर ने मलाला से कहा कि वो यहां तभी पढ़ा सकती हैं जब वो अपने सिर से चुनरी हटा देंगी। जरा सोचिए जो पूरी दुनिया में शिक्षा के लिए ही जानी जाती है लाखों लड़कियों की शिक्षा का इंतजाम कर चुकी है वो खुद पढ़ा नहीं सकती। क्या इसे संघर्ष नहीं कहा जाएगा।
जीन्स पहनने पर पाकिस्तानियों ने कर दी पोर्न स्टार से तुलना-
कुछ समय पहले कॉलेज जाते समय मलाला की एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें उन्होंने जीन्स, कुर्ता पहना था और सिर को ढका हुआ था। पाकिस्तानियों ने उन्हें जीन्स पहनने के लिए पोर्न स्टार मिया खलीफा से जोड़ दिया था। इस बात पर बहुत बवाल हुआ था। अब खुद ही सोच लीजिए जिस लड़की ने पाकिस्तान के कट्टरपंथ को तोड़ने की कोशिश की उसे इस तरह की तकलीफ झेलनी पड़ रही है। सिर्फ मॉर्डन जीन्स पहनने के लिए। ये तब है जब वो सिर से पांव तक ढकी हुई है।
मलाला के परिवार ने भी उन्हें बहुत सपोर्ट किया, लेकिन वो अभी भी हर दिन संघर्ष कर रही हैं।
मलाला के बारे में अन्य फैक्ट्स-
1. उनका नाम एक चर्चित अफगानी कवित्री और योद्धा मैवंद के मलालई (Malalai of Maiwand) के नाम पर रखा गया।
2. नोबेल पाने वाले लोगों में सबसे कम उम्र की नोबेल लॉरेट मलाला ही थीं।
3. मलाला केमेस्ट्री क्लास में थीं जब उन्हें नोबेल के बारे में पता चला।
4. यूनाइटेड नेशन ने 12 जुलाई को "World Malala Day" घोषित किया है।
5. बायोग्राफी I Am Malala में उन्होंने कहा है कि बचपन में उन्हें चोरी करने की आदत लग गई थी।
6. 11 साल की उम्र में मलाला ने पेशावर के प्रेस क्लब में एक भाषण दिया था, 'तालिबान को क्या हक है लड़कियों के शिक्षा के अधिकार को छीनने का', इसके बाद वो तालिबान के निशाने पर आ गईं।
7. मलाला तालिबान के लोगों को वैम्पायर समझती हैं।
8. मलाला की मां तोर पेकई ने 6 साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू किया और वहीं कुछ दिन में खत्म कर दिया। अब वो इंग्लैंड में स्कूल जाती हैं और अंग्रेजी पढ़ -लिख सकती हैं।
इसे जरूर पढ़ें- Kalpana Chawla Birth Anniversary: पढ़ने में कमजोर थीं कल्पना, फिर भी आसमान छूने के थे हौसले
9. तालिबान के डर से शुरुआत में मलाला ने बीबीसी के लिए Gul Makai के नाम से आर्टिकल लिखा था।
10. मलाला के पिता ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली थी, लेकिन उनका बचना किसी चमत्कार की तरह माना गया।
HerZindagi Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों