महिलाएं हर क्षेत्र में किसी से भी पीछे नहीं हैं फिर चाहे वह राजनीतिक क्षेत्र हो या फिर समाज सेवा का ही कोई क्षेत्र क्यों ना हो। सभी क्षेत्रों में महिलाएं कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है। ऐसी ही एक महिला हैं पायल नाथ जिन्होंने कदम हाट के साथ महिलाओं को जोड़कर उनके सपने को पूरा करने में मदद की और उन्हें रोजगार दिया। हरजिंदगी हिंदी ने कदम फाउंडेशन की को- फाउंडर और कदम हाट की सीईओ पायल नाथ से बात की और उनकी इंस्पिरेशनल जर्नी के बारे में जानकारी प्राप्त की।
1)कदम हाट को आपने कैसे शुरू किया और इसका फोकस क्या था?
हमने साल 2006 में एनजीओ कदम के माध्यम से हजारों महिलाओं को प्रशिक्षित किया और हमने उन महिलाओं को पहचानने की कोशिश की जो काम की तलाश कर रही थीं। इसके बाद हमने अपनी खुद की ब्रांड शुरू की। हमने ट्रेनिंग और बिक्री को एक साथ जोड़ा। इससे 100 प्रतिशत महिलाओं को स्थायी रोजगार मिला और जो महिलाएं सिर्फ अपने घरों से ही काम करना चाहती थीं, उन्हें हमने सपोर्ट किया और ट्रेनिंग भी दी। कदम हाट एक डी टू सी ब्रांड है जिससे महिलाओं और युवाओं को ट्रेनिंग दी गई ताकि कोविड के समय भी वह काम कर पाएं।
2) कदम फाउंडेशन ने कैसे ग्रामीण कारीगरों की मदद की है?
कदम फाउंडेशन ने वर्ड बैंक, राज्य सरकारों, सीएसआर और यूनेस्को जैसी एजेंसियों के साथ जुड़कर काम किया है। जो लोग ग्रामीण क्षेत्रों से हैं और वह घरों से काम करते हैं, वे भी कदम हट से जुड़कर काम को पूरा कर पाए हैं। हमने पहले यह समझा कि सोशल स्ट्रक्चर क्या है, पर्यावरण के अनुकूल सामान को कैसे प्रयोग करें और किस प्रकार से उसे मार्केट के साथ जोड़ें। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर हमने एक्सपर्ट के साथ मिलकर एक मॉड्यूल और ट्रेनिंग मैप तैयार किया। ट्रेंनिंग में हमने डिजिटल और मैकेनिकल टूल्स का यूज किया। इससे काम करने का तरीका बेहतर हुआ साथ ही मॉनिटरिंग और असेसमेंट में भी परेशानी नहीं हुई। कदम फाउंडेशन की मदद से हमने कई लोगों को ट्रेनिंग की और मुख्य रूप से ग्रामीण कारीगरों को रोजगार दिया।
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3) महिलाओं की मदद के लिए कदम फाउंडेशन ने क्या कदम उठाया है?
हमने ट्रेनिंग के बाद कई सारी महिलाओं को क्राफ्ट मैनेजर बनाया। हमारी टीम में पिछले 15 सालों में लगभग 10,000 से ज्यादा प्रशिक्षित लोग हैं, जिनमें से 85 प्रतिशत महिलाएं कदम द्वारा प्रशिक्षित हैं। कदम हाट ने तीन साल पहले ग्राउंड जीरो पर रहने वाले कदम टीम के कुछ सदस्यों के साथ एक सैटेलाइट कार्यालय भी लॉन्च किया था। इससे हमने कई महिलाओं को रोजगार दिया और इस पहल से कई महिलाओं ने घर से ही काम शुरू किया। आपको बता दें कि उत्तर बंगाल में, एक महिला शिल्प प्रबंधक आज अपने गांव की ग्राम पंचायत की नेता भी हैं। (Hz Exclusive: सभी चुनौतियों को पार कर इस तरह बनाई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रीति मस्के ने अपनी जगह)20 महिलाओं की अपनी टीम के लिए वह रोजगार के आर्थिक लाभ के अलावा सामाजिक रूप से सशक्त करने में मदद करती है। हम बस इतना करते हैं कि उनके पास जो ताकत है, उसे उजागर करें और उनकी आकांक्षाओं तक पहुंचने में उनकी मदद करें।
4)आपने किन चुनौतियों का सामना किया और कैसे अपने साथ कारीगरों को जोड़ा?
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अप्रैल 2022 से, हमारे पास फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में श्री अमिताभ बोस हैं। कदम फाउंडेशन के लिए आंतरिक रूप से संरचनाएं बनाने में उन्होंने अपनी पूरी मेहनत और अहम कदम उठाए हैं। कदम फाउंडेशन के प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। बहुत ही कम समय में सिर्फ 10 या 20 नहीं, बल्कि एक हजार कारीगरों का विश्वास हमने हासिल किया है और अधिक कारीगरों को जोड़ना हमारे लिए एक चुनौती बनी थी। स्थानीय कच्चा माल, घास और अन्य सामानों को एकत्रित करना भी हमारे लिए एक चुनौती रही क्योंकि इसकी निरंतर आपूर्ति के लिए श्रृंखला नहीं बनी हुई है।
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5) सरकार आपके ब्रांड को आगे बढ़ाने में कैसे मदद कर रही है?
हमने 5 में से 3 राज्यों से आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है। इसके अलावा, हमें राज्य सरकार से समर्थन प्राप्त हुआ है और स्थानीय पंचायत/ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से भी हमें कई तरह से मदद प्राप्त हुई है। महिला उद्यमिता मंच के साथ नीति आयोग ने ग्रह-सकारात्मक समाधानों के साथ एक चेंजमेकर के रूप में हमारे ब्रांड को बढ़ावा देने में हमारी मदद करके निश्चित रूप से हमारा समर्थन किया है।
6)आप हमारे रीडर्स को क्या मैसेज देना चाहेंगी?
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हमें उन सभी लोगों की आवश्यकता है जो कदम हाट जैसे ब्रांडों के प्रयासों का समर्थन करें और अपनी जीवन शैली को बदलकर हमारे ब्रांड के सुंदर ट्रेंडी बैग और अन्य सामानों का प्रयोग करें। इससे पर्यावरण को भी फायदा होता है और लोगों को रोजगार भी अधिक मिलता है।(सालों बाद ऐसे बनी भारतीय सेना में महिलाओं की जगह, फीमेल कैडेट बैच की फोटो ने जीता लोगों को दिल)
हमारे सभी सामान टिकाऊ सामग्री से बने हैं और हम प्लास्टिक के बदले इसे लोगों के बीच पूरी तरह से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
7) भारतीय कारीगरों के लाभ के लिए आपकी भविष्य की योजनाएं क्या हैं?
मेरा मानना है कि कदम हाट भारत के उन कारीगरों का चेहरा है जो बास्केटट्री का कार्य कर रहे हैं और भारत के पहला फाइबरक्राफ्ट ब्रांड सु जुड़ें हैं। हमारी योजना इस ब्रांड को वैश्विक स्तर पर ले जाने की है। हम हर साल 1000 घंटे के काम के साथ 5000 कारीगरों का समर्थन करने और बाकी कारीगरों को फ्लेक्सिबल घंटों के साथ प्रशिक्षित करने की योजना बना रहे हैं। हम हर साल एक समूह जोड़ने और भारत के कम से कम आठ स्रोत राज्यों को कवर करते हुए साल 2026 तक 50,000 कारीगरों को प्रशिक्षित करने का भी इरादा रखते हैं।
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