जलवायु परिवर्तन कितनी तेजी से बदल रही है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। दो दिन पहले ही दिल्ली में घुप निकली हुए थी और आज बारिश हो रही है, संभवत इसे ही जलवायु परिवर्तन बोला जा सकता हैं। इस बढ़ते जलवायु परिवर्तन के संकट पर समय-समय पर विश्व भर में इसकी चर्चा होती रहती है। लेकिन इस बार जलवायु परिवर्तन के संकट पर एक 16 साल की लड़की ने आवाज उठाई है और वो आवाज इतनी दूर तक गई कि समूचा विश्व उसको सुनने को तैयार हो गया। इतना ही नहीं, विश्व के जानी-मानी मैगज़ीन ने उन्हें इस साल 2019 का Person of The Year चुना है। तो चलिए जानते हैं कौन है ग्रेटा थनबर्ग और किस लिए इतनी चर्चा में है-
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ग्रेटा थनबर्ग
Wow, this is unbelievable! I share this great honour with everyone in the #FridaysForFuture movement and climate activists everywhere. #climatestrike https://t.co/2t2JyA6AnM pic.twitter.com/u4JUD4cgCz
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) December 11, 2019
16 वर्षीय स्वीडिश छात्रा ग्रेटा थनबर्ग जलवायु परिवर्तन के मूद्दे पर अपनी बातों से दुनिभर के नेताओं का ध्यान अपने तरफ आकर्षित किया है, यही वजह है कि विश्व के जानी-मानी मैगज़ीन ने उन्हें इस साल का Person of The Year चुना है। अगस्त से ग्रेटा थनबर्ग ने स्वीडिश संसद के आगे जलवायु परिवर्तन को लेकर डेरा डाला था, आज वो विश्व व्यापी आंदोलन बन चूका है। ग्रेटा थनबर्ग एक स्वीडिश छात्रा है जो जलवायु परिवर्तन को लेकर इतना चिंतित है कि उन्होंने अपना पढाई छोड़ इस जलवायु परिवर्तन का नेतृत्व कर रही है। जब उन्होंने स्वीडिश संसद के आगे जलवायु संकट पर डेरा डाला था तो एक बैनर पर लिखा था "स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट" तब से आज तक करोड़ों छात्र और छात्रा इस आंदोलन से जुड़ चुके हैं। ग्रेटा थनबर्ग ने स्वीडन की संसद के बाहर विरोध-प्रदर्शन के लिए हर शुक्रवार अपना स्कूल छोड़ा जिसे देखकर कई देशों में #FridaysForFuture के साथ एक मुहिम शुरू हो गई थी।
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुखों को संबोधित-
ग्रेटा थनबर्ग जलवायु परिवर्तन को लेकर इतना सक्रिय रही कि कुछ महीने बाद उन्हें विश्व मंच पर बोलने का मौका मिला। यही वह समय था जब ग्रेटा ने सबसा ध्यान अपने तरफ आकर्षित किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को लेकर संयुक्त राष्ट्र सभा में विश्व के सभी पमुखों को संबोधित किया। उन्होंने पोप से भी जलवायु परिवर्तन को लेकर मुलाकात किया। 20 सितंबर, 2019 को वैश्विक जलवायु हड़ताल में शामिल होने के लिए तकरीबन 4 मिलियन लोगों को प्रेरित किया, मानव इतिहास में जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा आंदोलन था।
ग्रेटा थनबर्ग ने क्या बोला विश्व मंच पर-
“Well I am telling you there is hope. I have seen it.
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) December 11, 2019
But it does not come from governments or corporations.
It comes from the people.”
Here’s a small part from my speech today at the #cop25 in Madrid. pic.twitter.com/Dg8pz969yS
संयुक्त राष्ट्र के 25 वें जयवायु परिवर्तन समिट में ग्रेटा ने वैश्विक स्तर के नेताओं के बारे में कहा कि वो बड़ी-बड़ी बातों से भ्रम पैदा करना बंद करें, और 'रियल एक्शन' करके दिखाएं। आगे उन्होंने कहां कि सिर्फ बड़े-बड़े वादे बोल के ना निभाना विश्व को मुर्ख बनाने जैसा है। ग्रेटा ने आगे कहा कि अगला दशक यह तय करने वाला है कि इस पृथ्वी का भविष्य क्या होगा। आने वाले साल में विश्व बचेगा भी या नहीं।
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Person of The Year चुने जानें के बाद ग्रेटा का प्रतिक्रिया-
500’000 people marched in Madrid last night. This is the beginning of change! The world is slowly waking up to the climate and environmental crisis. Soon the people in power can no longer get away with ignoring the science. #cop25 #fridaysforfuture #climatestrike pic.twitter.com/9WVhdbuxDL
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) December 7, 2019
"Person of The Year" के लिए चुने जाने की ख़बर मिलते ही ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर अच्कोंत पर लिखा, "वाह! ये अविश्वसनीय है, जिन लोगों ने जलवायु परिवर्तन और #FridaysForFuture मुहिम में मेरा साथ दिया, मैं ये सम्मान उन सभी के साथ शेयर करना चाहूंगी"। इस पोस्ट के बाद लगभग 35 लाख लोगों ने लाइक और कमेंट किया।
कहां से आती है ग्रेटा थनबर्ग-
ग्रेटा तीन बहन हैं। उनमे से सबसे बड़ी ग्रेटा थनबर्ग ही है। ग्रेटा का जन्म स्वीडन के स्टॉकहोम शहर में हुआ। उनकी माँ मैलेना एर्नमैन एक ओपेरा गायक हैं और उनके पिता एस. थनबर्ग एक अदाकार हैं। आपको बता दे कि ग्रेटा के दादा एक एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने ग्रीनहाउस इफ़ेक्ट पर एक मॉडल दिया और वर्ष 1903 में उन्हें केमिस्ट्री के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।
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