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rst Muslim Kathakali performer

16 की उम्र में रचा इतिहास, केरल के कलामंडलम में कथकली करने वाली पहली मुस्लिम लड़की बनी साबरी; भगवान कृष्ण का किया चित्रण

कोल्लम की साबरी विश्व-प्रसिद्ध संस्थान में कथकली प्रस्तुत करने वाली पहली मुस्लिम लड़की बन गई हैं। साबरी ने पहले मंच प्रदर्शन अरंगेट्टम के दिन भगवान कृष्ण का चित्रण गरिमा, कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
Editorial
Updated:- 2025-10-08, 16:35 IST

First Muslim Girl Kathakali Kerala Kalamandalam: 'अगर किसी चीज को पाने की चाह कर ली जाए, तो उसे तय करने के लिए हमें कोई भी ताकत रोक नहीं सकती है फिर चाहे वह बंधन समाज का हो जाति का हो या फिर धर्म का परिवार का।' इसका जीता-जागता उदाहरण साबरी है। डीम्ड विश्वविद्यालय की स्थापना के 95 वर्षों में पहली बार एक मुस्लिम लड़की ने केरल कलामंडलम में शास्त्रीय नृत्य कथकली का प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण का चित्रण यानी कृष्ण वेशम का किरदार निभाया है। बता दें कि साल 2023 में साबरी पहली मुस्लिम स्टूडेंट थी, जिन्होंने कथकली सीखने के लिए एडमिशन लिया था। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं साबरी कहां से ताल्लुक रखती हैं और कैसा रहा उनका सफर?

रोजाना 12 घंटे की प्रैक्टिस करती थी साबरी

Sabari Krishna Vesham Kathakali performance

साबरी कोल्लम अंचल की रहने वाली हैं। वह फोटोग्राफर निजाम अम्मास और अनीसा की बेटी हैं। साबरी के इस उपलब्धि के बाद उनके पिता ने कहा कि साबरी अपने गांव के पास मंदिर में रातभर चलने वाले कथकली नृत्य का प्रदर्शन देखती थी। ये नृत्य रामायण पर आधारित होते थे। वहीं प्रदर्शन से पहले मीडिया से बात करते हुए सबारी ने कहा " मेरा सपना हकीकत बनने जा रहा है। मैं खुश हूं कि मुझे वह नृत्य करने का मौका मिल रहा है जो मैं हमेशा से करना चाहती थी।" बता दें कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि साबरी अपनी प्रैक्टिस संस्थान में 12 घंटे तक करती थी।

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सात लोगों में अकेली मुस्लिम लड़की थी साबरी

कलामंडल में दशहरे के मौके पर कथकली प्रदर्शन के दौरान वह अकेली मुस्लिम लड़की थी। यह नृत्य उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई। साबरी बड़े होकर नृत्यांगना और अध्यापिका बनना चाहती हैं।

3 साल की कड़ी मेहनत के बाद मिला केरल कलामंडलम में दाखिला

Kathakali training dedication story

साल 2021 में केरल कलामंडलम ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वह पहली बार लड़कियों के लिए प्रवेश दिया जाएगा। उस दौरान सबरी छठी कक्षा में थी, जबकि संस्थान ने आठवीं कक्षा से ही छात्राओं को प्रवेश देना शुरू कर दिया था। निराश न होते हुए, साबरी के पिता ने स्थानीय गुरु से कथकली की प्रारंभिक शिक्षा दिलाई। साबरी ने छह महीने तक कड़ी मेहनत की। लॉकडाउन हटने के बाद, सबरी ने अपना प्रशिक्षण जारी रखा और साल 2023 तक कलामंडलम में आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने के लिए तैयार हो गई।

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