Divya Ojha Success Story: 'छक्का कहकर चिढ़ाते थे.. आज कह रहे हैं सैल्यूट मैडम' पढ़िए बिहार पुलिस में नौकरी पाने वाली ट्रांसजेंडर दिव्या ओझा की जज्बे और मेहनत की कहानी

Divya Ojha Success Story: गोपालगंज की रहने वाली दिव्या को अपने लैंगिक पहचान के कारण समाज से कई तरह के तानों और तिरस्कारों का सामना करना पड़ा। अब, हालात बदल चुकी है, क्योंकि ट्रांसजेंडर दिव्या ओझा ने अपने जज्बे, लगन और कड़ी मेहनत के बलबूते बिहार पुलिस में नौकरी हासिल कर पूरे समुदाय का मान बढ़ाया है। आइए उनकी सफलता की कहानी जान लेते हैं।
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Divya Ojha Success Story: यह कहानी बिहार की एक ऐसी शख्सियत की है जिन्होंने समाज की रूढ़ियों और तानों को अपनी ताकत बनाया। कभी जिन्हें 'छक्का' कहकर मजाक बनाया जाता था, आज वही लोग उन्हें 'सैल्यूट मैडम' कहकर सम्मान दे रहे हैं। यह प्रेरणादायक दास्तान है- ट्रांसजेंडर दिव्या ओझा की, जिन्होंने अपने जज्बे, लगन और कड़ी मेहनत के बलबूते बिहार पुलिस में नौकरी हासिल कर पूरे समुदाय का मान बढ़ाया है। उनकी यह यात्रा आसान नहीं थी, लेकिन उनके जज्बे के आगे हर मुश्किल छोटी पड़ गई। तो आइए दिव्या ओझा की संघर्ष और सफलता की यह अविश्वसनीय कहानी के बारे में पढ़ते हैं।

दिव्या ओझा ने कैसे हासिल की बिहार में पुलिस की नौकरी?

Success story of divya ojha

पहले दिव्या को सड़क चलते लोग छक्का कहकर चिढ़ाते थे और वही आज सैल्यूट मैडम कह रहे हैं। गोपालगंज की रहने वाली दिव्या को अपने लैंगिक पहचान के कारण समाज से कई तरह के तानों और तिरस्कारों का सामना करना पड़ा। सड़क पर चलते हुए लोगों की भद्दी टिप्पणियां उनके लिए आम थीं, जहां उन्हें 'छक्का' कहकर अपमानित किया जाता था, लेकिन दिव्या ने इन नकारात्मक अनुभवों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने इन मुश्किलों को अपनी ताकत में बदला और अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्पित रहीं। पिछले ढाई साल से पटना में रहकर उन्होंने बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा की कठिन तैयारी की। एक निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ाई करते हुए, उन्होंने शिक्षकों के मार्गदर्शन का पूरी लगन से पालन किया।

आठ ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों ने मारी बाजी

Success Story of Divya Ojha in hindi

इस बार की बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा में कुल आठ ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों ने सफलता प्राप्त की है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इन्हीं में से एक है- दिव्या ओझा , जिनकी मेहनत आखिरकार रंग लाई। दरअसल, बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा 2024 के परिणाम घोषित हुए और इसमें दिव्या ने सफलता हासिल की है। यह पूरे ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक नई उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत भी बनी। उन्होंने अपने जीवन और पहचान के लिए बहुत संघर्ष किया है। यह बदलाव दिव्या के जज्बे और अटूट संकल्प का ही परिणाम है।

दिव्या की कहानी सिर्फ एक सफलता की गाथा नहीं है, बल्कि यह समाज की मानसिकता को भी दर्शाती है कि यदि जज्बा और मेहनत हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। उनकी यह प्रेरणादायक यात्रा दूसरों को भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती रहेगी।

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Image credit- Freepik


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