महिलाओं को हर महीने टाइम पर पीरियड्स होना बहुत जरूरी है। पीरियड मिस होता है, तो सबसे पहले दिमाग में एक ही ख्याल आता है कहीं प्रेगनेंसी तो नहीं? लेकिन जब टेस्ट नेगेटिव आता है फिर भी पीरियड नहीं आता है, तो डरना लाजमी है। कई बार कई महिलाओं के साथ ऐसा होता है कि उनकी मेंस्ट्रुअल साइकिल 35 दिन से ज्यादा लंबी होती है। अगर ऐसा होता है, तो यह सिग्नल है कि आपके शरीर के अंदर कुछ गड़बड़ चल रही है। आइए जानते हैं कि किसी महिला का पीरियड्स 35 दिन से ज्यादा लेट आए तो क्या दिक्कतें हो सकती हैं। एक्सपर्ट काजल अग्रवाल इस बारे में जानकारी दे रही हैं।
35 दिन से ज्यादा पीरियड्स लेट होने का क्या मतलब है?
पीसीओएस या पीसीओडी
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर पीरियड लेट है, तो इसका मतलब है कि आपको पीसीओडी या पीसीओएस है। इसके कारण पीरियड 30 से 60 दिन तक लेट हो सकता है। इसमें अंडाशय ठीक से एग रिलीज नहीं कर पाते हैं। इसके वजह से चेहरे पर बाल , मुंहासे और वजन बढ़ा जासे लक्षण भी देखे जाते हैं।
हाई प्रोलैक्टिन
प्रोलैक्टिन एक ऐसा हार्मोन है, जो दूध बनने में मदद करता है। लेकिन जब ये शरीर में जरूरत से ज्यादा बनने लगे, तो यह पीरियड को डिले कर सकता है। हाई प्रोलैक्टिन ओव्यूलेशन रोक देता है। ब्लड टेस्ट के जरिए इसका पता लगाया जा सकता है।
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स्ट्रेस
लंबे समय तक अगर आप स्ट्रेस में रही हैं, तो आपका पीरियड लेट हो सकता है। इससे हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है। हाइपोथैलममस और पिट्यूटरी ग्लैंज ,जे पीरियड्स को कंट्रोल करते हैं, स्ट्रेस से प्रभावित होते हैं।
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image Credit- freepik, shutterstock
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