45 की उम्र के बाद वजन कम करना मुश्किल क्यों होता है?

महिलाओं में वजन का घटना-बढ़ना काफी हद तक हार्मोन्स पर निर्भर करता है। 45 की उम्र के बाद कई कारणों से, महिलाओं के लिए वजन कम करना मुश्किल हो जाता है।

Why cant I lose weight at

अक्सर हम देखते हैं कि कुछ लोगों के लिए वजन कम करना आसान होता है। वहीं, कुछ लोगों के लिए थोड़ा सा वजन कम करना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होता है। ऐसा ज्यादातर मेटाबॉलिज्म के कमजोर होने के कारण होता है। वजन आसानी से कम न होने के पीछे कई अन्य कारण भी जिम्मेदार होते हैं। इनमें लाइफस्टाइल, तनाव, खान-पान और नींद भी शामिल है। खासकर, महिलाओं में वजन का घटना-बढ़ना काफी हद तक हार्मोन्स पर निर्भर करता है। उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर,महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसका असर, महिलाओं के वजन, मूड, फर्टिलिटी और भी कई चीजों पर होता है। 40-45 की उम्र पार करने के बाद, अक्सर महिलाओं के लिए वजन कम करना मुश्किल हो जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन सिमरन कौर दे रही हैं। वह हार्मोन हेल्थ और योगा कोच हैं।

45 की उम्र के बाद इन कारणों से महिलाओं के लिए वजन कम करना होता है मुश्किल (Why Is It Harder For Women To Lose Weight After 40)

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  • 45 की उम्र के बाद महिलाओं के लिए, वजन कम करना मुश्किल हो जाता है। इस वक्त पर मेटाबॉलिज्म भी धीमा हो जाता है और इस कारण वजन कम करना आसान नहीं होता है।
  • इस उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल यानी स्ट्रेस हार्मोन के लेवल में भी बदलाव होता है और साथ ही, स्ट्रेस से डील करने की शरीर की क्षमता पर भी असर होता है।
  • कोर्टिसोल का स्तर आम तौर पर एक दैनिक लय यानी रिदम को फॉलो करनता है। यह सुबह के वक्त पीक पर होता है और पूरे दिन घटता जाता है।
  • जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, इस रिदम में बदलाव होने लगते हैं और बेसलाइन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है। खासकर, शाम के वक्त या रात में यह लेवल काफी हाई हो सकता है।
  • उम्र बढ़ने के साथ, कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर, हाई बीपी, टाइप 2 डायबिटीज, डिप्रेशन और एंग्जायटी का कारण बन सकता है।
  • हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रेनल (एचपीए), जो कोर्टिसोल उत्पादन को नियंत्रित करती है, वह 45 की उम्र के बाद अनियमित हो सकती है।

weight gain because of hormonal problem

  • इसके कारण, स्ट्रेस लेवल को कम करना शरीर के लिए मुश्किल हो जाता है और स्ट्रेस हार्मोन वेट गेन का एक मुख्य कारण है।
  • मेनोपॉज के समय या इसके आस-पास महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन के लेवल में बदवा होता है और एस्ट्रोजन का लेवल कम होना, वेट पर काफी असर करता है।
  • इसके कारण, भूख में अंतर होता है, ग्लूकोज, मेटाबॉलिज्म और इंसुलिन सेंसिटिविटी पर भी असर होता है। एस्ट्रोजन कम होने के कारण, पेट के इर्द-गिर्द चर्बी जमने लगती है।

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इन कारणों के चलते, 45 साल की उम्र के बाद, महिलाओं को वजन कम करने में मुश्किल आती है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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