अगर किसी के छूने से आपको हंसी आने लगती है, तो मतलब आपको गुदगुदी होती है। कुछ लोग इतने टच सेंसिटिव होते हैं कि उनके आगे अगर ऐसा कोई इशारा भी कर दो, तो उन्हें गुदगुदी होने लगती है। अब ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हें ऐसा बिल्कुल नहीं होता है।
आप उनके सेंसिटिव एरिया को भी छू लें, तो उन्हें ऐसा कोई एहसास नहीं होता। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके दोस्त को गुदगुदी क्यों होती है और आपको क्यों नहीं? क्यों वह आपका इशारा भर देखकर मुस्कुराने लगता है और आपके पेट में कोई कितना भी 'गुलुगुलु' कर ले आप टस से मस नहीं होते। हमारा शरीर बहुत अद्भुत है। हर व्यक्ति अलग होता है और चीजों को लेकर उसकी प्रतिक्रिया भी अलग होती है। आज चलिए अपने शरीर को जानने के लिए एक ऐसा ही अद्भुत फैक्ट हम जानें।
अपके शरीर पर खासतौर से कुछ सेंसिटिव एरिया पर किसी की भी छुअन से जब शरीर रिएक्ट करता है, तो उसे गुदगुदी कहा जाता है। यदि कोई आपकी गर्दन, पेट, बगल, कान के आसपास छू दे, तो आप लोटपोट होने लगते हैं। बस यही गुदगुदी कहलाती है।
गुदगुदी दो तरह की होती है- निसमेसिस (Knismesis) और गार्गैलेसिस (Gargelesis)। निसमेसिस एक हल्की सेंसेशन होती है, जिसमें आपको लगता है कि आपके शरीर से फेदर टच हुआ है। दूसरी सेंसेशन में जब कोई व्यक्ति आपको छूता है, तो उसे गुदगुदी कहते हैं। इस सेंसेशन को आप खुद पर नहीं आजमा सकते।
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जब आपको कोई छूता है या गुदगुदी करता है, तो आपका मस्तिष्क बहुत अलग तरीके से रिएक्ट करता है। आपके इमोशनल रिएक्शन्स और पेन के रिस्पॉन्स का चार्ज रखने वाला हाइपोथलामस उत्तेजित होता है। जब आपको गुदगुदी की जाती है, तो आप मजे में नहीं हंस रहे होते, बल्कि आपको एक ऑटोनोमिक इमोशनल रिस्पॉन्स मिलता है। वास्तव में, गुदगुदी के दौरान आपकी बॉडी के मूवमेंट्स तेज दर्द से गुजर रहे व्यक्ति के मूवमेंट्स को मिमिक करती है। दर्द और टच के रिसेप्टर्स टिकलिंग के दौरान ट्रिगर हो जाते हैं।
कुछ लोगों को कहीं भी छेड़ दो, तो वह हंसने लगते हैं। कुछ लोगों के खास हिस्से पर ही गुदगुदी होती है। आपके शरीर पर कॉमन टिकलिश एरिया ये हैं-
आपको शरीर के जिन जगहों पर गुदगुदी होती है, वो आमतौर पर ऐसे एरियाज हैं, जहां हड्डियां नहीं होती। फिजिकल अटैक के प्रति सेंसिटिव एरियाज जहां उन्हें सुरक्षित रखने के लिए हड्डियां नहीं होती।
कोई आपको छुए तो आप हंसने लगेंगे, लेकिन आप खुद को गुदगुदी नहीं कर सकते। ऐसा क्यों होता है क्या पता है आपको? आप खुद को गुदगुदी इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि आपको पता होता है ऐसा होने वाला है। जब सरप्राइज की कमी होगी और आपके मस्तिष्क को पता होगा, तो आपको हंसी नहीं आएगी। जब आप पहले से ही सेंसेशन को एंटिसिपेट कर लेते हैं, तो ऐसा नहीं हो पाता है।
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वहीं, अगर आप दूसरे की टिकलिंग से बचना चाहें, तो आप अपने दिमाग को ट्रिक कर सकते हैं। यदि दूसरा व्यक्ति आपको गुदगुदी कर रहा है, तो आप उसके हाथों के ऊपर अपना हाथ रख दें। इससे ब्रेन सेंसेशन को समझने लगता है और आपके रिस्पॉन्स को दबाता है।
निःसंदेह, हर व्यक्ति में भिन्नता होती है। कुछ लोग को गुदगुदी नहीं होती और कुछ लोग लोटपोट होने लगते हैं। किसी के छूने से आपका शरीर कैसी प्रतिक्रिया करता है, हमें कमेंट करके बताएं। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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