महिलाओं की सेक्शुअल लाइफ पर असर डाल सकता है इस हार्मोन में उतार-चढ़ाव, जानें लक्षण और मैनेज करने के तरीके

शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस, सेक्शुअल लाइफ पर असर डाल सकता है। महिलाओं की सेक्शुअल लाइफ में एस्ट्रोजन हार्मोन की काफी अहमियत होती है। इसके कम या ज्यादा होने पर शरीर में कई लक्षण नजर आने लगते हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है।
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Female Sex Hormone: हार्मोन्स हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। हार्मोन्स का सीक्रेशन एंडोक्राइन ग्लैंड्स द्वारा होता है। अगर बात महिलाओं की करें, तो महिलाओं के शरीर में कई हार्मोन्स काम करते हैं। ये हार्मोन्स वजन, डाइजेशन, फर्टिलिटी, पीरियड्स और सेक्शुअल लाइफ पर भी असर डालते हैं। शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस, सेक्शुअल लाइफ पर असर डाल सकता है। महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन अहम भूमिका निभाता है। यह हार्मोन सेक्शुअल लाइफ और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। एस्ट्रोजन महिलाओं के शरीर में कई तरह से काम करता है और उम्र के अलग-अलग पड़ावों में इसके लेवल पर असर होता है। महिलाओं की सेक्शुअल लाइफ में भी एस्ट्रोजन हार्मोन की काफी अहमियत होती है। इसमें उतार-चढ़ाव होने पर शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं और इसे किस तरह से मैनेज किया जा सकता है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। इस बारे में डॉक्टर अदिति बेदी जानकारी दे रही हैं। वह, कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट और आब्स्टिट्रिशन हैं।

महिलाओं की सेक्शुअल लाइफ को प्रभावित करता है एस्ट्रोजन हार्मोन

sexual relation and estrogen hormone

एस्ट्रोजन हार्मोन को फीमेल सेक्स हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। इसका महिलाओं की फर्टिलिटी, पीरियड्स, रिप्रोडक्टिव हेल्थ, सेक्शुअल हेल्थ और बोन हेल्थ पर गहरा असर होता है। इसके इंबैलेंस होने पर वजाइना में ड्राईनेस आ सकती है। वहीं, इसकी कमी, महिलाओं की सेक्शुअल रिलेशन बनाने की इच्छा पर असर डालती है। पीरियड्स और मेनोपॉज के दौरान, इसका लेवल बदलता रहता है। इसके असंतुलित होने पर डिप्रेशन जैसी स्थिति भी हो सकती है।

एस्ट्रोजन इंबैलेंस पर शरीर में नजर आते हैं ये लक्षण

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  • वजन का बढ़ना
  • पीरियड्स का अनियमित होना
  • नींद आने में मुश्किल
  • ओव्युलेशन में दिक्कत
  • वजाइना में ड्राईनेस
  • डिप्रेशन
  • सेक्शुअल रिलेशन बनाने की इच्छा न करना

एस्ट्रोजन हार्मोन को मैनेज करने के तरीके

  • एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होने पर डाइट में प्रोटीन और फाइबर से भरपूर चीजों को शामिल करें।
  • अगर आपके शरीर में एस्ट्रोजन अधिक है, तो प्रोबायोटिक्स को डाइट का हिस्सा बनाएं। इससे एक्स्ट्रा एस्ट्रोजन को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
  • स्ट्रेस कम लें। स्ट्रेस की वजह से शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है। ऐसे में स्ट्रेस से दूर रहें।
  • नींद पूरी लें। 7-8 घंटे की नींद हार्मोन्स को बैलेंस करने के लिए जरूरी हैं।

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सेक्शुअल लाइफ बेहतर बनाने के लिए, शरीर में हार्मोनल बैलेंस सही होना जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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