हमारे देश भारत में खाने-पीने की बहुत अहमियत है। यहां खाना सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं खाया जाता है, बल्कि इसके पीछे एक इमोशनल छिपा होता है। घर पर मां के हाथ का बना खाना हो या बाहर की चटपटी चाट, लगभग हर भारतीय खाने-पीने का शौकीन होता है। लेकिन, क्या आपको पता है कि कब खाने-पीने की ये चीजें आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जी हां, कुछ भी खाते वक्त ये ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है कि आप हेल्दी खाना खा रही हैं या फिर अनहेल्दी चीजों को अपनी डाइट का हिस्सा बना रही हैं। क्या आपको भी समोसा, जलेबी, लड्डू और पकौड़े जैसी फ्राइड और मीठी चीजें बहुत पसंद हैं और आप इन्हें अक्सर खाती हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है। इनसे आप गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकती हैं और इन्हें खाने पर अब सरकार की तरफ से चेतावनी दी जाएगी। हेल्थ मिनिस्ट्री की नई एडवाइजरी में क्या कुछ कहा गया है और क्यों इन चीजों को वॉर्निंग लिस्ट में डाला गया है, चलिए समझते हैं।
क्या अब समोसा और जलेबी खाने पर दी जाएगी सिगरेट की तरह वॉर्निंग?
समोसे और जलेबी ज्यादातर लोगों को पसंद होते हैं। लेकिन, इनमें मीठे और तेल की मात्रा बहुत अधिक होती है। ज्यादातर लोग इन्हें स्वाद में खा तो लेते हैं लेकिन यह नहीं जानते हैं कि इनमें कितना तेल और शुगर छिपी है और कैसे यह उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। लेकिन, अब आप ये जान पाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार, अब स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सभी केंद्रीय संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि वे खाने-पीने की चीजों जैसे पकौड़ा, समोसा, वड़ा पाव, लड्डू और जलेबी पर 'ऑयल और शुगर बोर्ड' लगाएं। जिससे कि लोगों को यह पता चल सके कि वे जिस स्नैक को खा रहे हैं, उसमें कितनी चीनी और तेल छिपा है। दरअसल ये बोर्ड्स एक चेतावनी की तरह काम करेंगे जिससे लोगों को ये समझ आए कि जिन फूड आइटम्स को वे अपने रूटीन में बेझिझक शामिल कर रहे हैं, वे कैसे उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इससे लोग इन चीजों को सोच-समझकर ऑर्डर करेंगे, मोटापा, बीपी, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज समेत कई दिक्कतें कम हो सकती हैं, खाना बनाने वाले लोग भी बैलेंस ऑयल और शुगर के इस्तेमाल की कोशिश करेंगे।
मोटापा बनता जा रहा है भारत के लिए बड़ी समस्या
इस समय मोटापा भारत के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। अनुमान है कि 2050 तक भारत में लगभग 45 प्रतिशत लोग मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे में यह एक सराहनीय कदम हो सकता है। सेहतमंद रहने के लिए अनहेल्दी फैट्स और रिफाइंड शुगर से दूर रहना और हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। बताया जा रहा है कि इस योजना की शुरुआत फिलहाल नागपुर के सरकारी संस्थानों में की जा रही है।
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हेल्दी रहने के लिए न्यूट्रिशन्स से भरपूर बैलेंस डाइट बहुत जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है,तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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