आज के समय में लोग अपने करियर में ग्रोथ करने के लिए पूरी जी-जान लगाकर मेहनत करते हैं। इतना ही नहीं, अपना बेस्ट देने के चक्कर में वह कुछ समझौते करने से भी नहीं चूकते हैं। मसलन, वर्तमान में नाइट शिफ्ट में काम करना बेहद आम हो चुका है। चाहे पुरूष हों या महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम करने से गुरेज नहीं करते हैं। चाहे उन्हें ऑफिस में काम करना हो या फिर घर पर, वह अक्सर रात में काम करते हैं।
हो सकता है कि आपको रात में काम करना अधिक रिलैक्सिंग लगता हो या इससे आपको कुछ अतिरिक्त बेनिफिट्स मिलते हों, लेकिन क्या आपको पता है कि नाइट शिफ्ट और ब्रेस्ट कैंसर का गहरा कनेक्शन है। जो महिलाएं लंबे समय तक नाइट शिफ्ट में काम करती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। हालांकि, अगर आप यह सोच रही हैं कि इन दोनों में आपस में क्या कनेक्शन है, तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इस बारे में बता रहे हैं-
नाइट शिफ्ट और ब्रेस्ट कैंसर का कनेक्शन
नाइट शिफ्ट में काम करना हेल्थ के लिए काफी रिस्की माना गया है। इससे व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इन्हीं स्वास्थ्य समस्याओं में से एक ब्रेस्ट कैंसर भी है। दरअसल, जब आप रात में काम करती हैं तो इससे आप प्रकाश के संपर्क में आती हैं, जो आपके सर्कैडियन रिदम में गड़बड़ी का कारण बनते हैं। यह आपके शरीर में प्रोलैक्टिन, ग्लुकोकोर्टिकोइड्स, एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन, कॉर्टिकोलिबरिन, सेरोटोनिन और मेलाटोनिन सहित कई हार्मोन के स्राव को भी प्रभावित करता है। इससे शरीर में मेलाटोनिन सिंथेसिस में रुकावट आती है और इसके बाद एस्ट्रोजन के स्तर में वृद्धि होती है। जिसके कारण ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
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यह भी बढ़ाते हैं रिस्क
रात के समय में प्रकाश के संपर्क में आने से ना केवल सर्कैडियन रिदम में गड़बड़ होती है, बल्कि इससे ब्रेस्ट कैंसर के कारणों की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। मसलन, रात में काम करने वाली महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी विकार, प्रजनन क्षमता में कमी, ब्रेस्टफीडिंग में कमी देखी जाती है। इतना ही नहीं, रात में काम करने वाली महिलाएं तनाव को कम करने के लिए धूम्रपान करना भी शुरू कर देती हैं। जिससे ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क और भी अधिक बढ़ जाता है।
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रिचर्स में भी हुआ है साबित
नाइट शिफ्ट और कैंसर के बीच के संबंध को जानने के लिए दुनियाभर में कई रिसर्च हो चुकी हैं, जिसमें यह साबित हो चुका है कि नाइट शिफ्ट में काम करने से कई तरह के कैंसर होने का रिस्क काफी बढ़ जाता है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि नाइट शिफ्ट में काम करने वालों को कुछ खास किस्म के कैंसर का ज्यादा खतरा हो सकता है, जिसमें स्किन कैंसर, लंग कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर शामिल है। वहीं, रिसर्च हारवर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आ चुकी है कि रात की रोशनी में काम करना पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए अधिक नुकसानदायक हो सकता है।
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हेल्दी रहने के लिए क्या करें
- अगर आप ब्रेस्ट कैंसर से खुद का बचाव करना चाहती हैं तो आप कुछ खास उपायों को अपना सकती हैं। मसलन-
- अगर संभव हो तो नाइट शिफ्ट में काम करने से बचें।
- अगर रात में काम करना जरूरी है तो आप अपनी नींद के साथ समझौता ना करें। दिन में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
- अपने आहार पर भी विशेष रूप से ध्यान रखें। स्वस्थ व संतुलित आहार के जरिए आप कई तरह की बीमारियों से अपना बचाव कर सकती हैं।
- एक्टिव लाइफस्टाइल बनाए रखें। दिन का कुछ समय फिजिकल एक्टिविटी में अवश्य बिताएं।
- साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप अवश्य करवाएं। अगर आपको अपने ब्रेस्ट में कुछ भी बदलाव नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
तो अब आप अपने करियर में ग्रोथ करें, लेकिन इसके लिए सेहत के साथ किसी भी तरह का समझौता करने से बचें।
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Image Credit- freepik
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