आजकल महिलाओं में डायबिटीज की समस्या बहुत ही आम हो चली है। जिसकी वजह से उनके स्वास्थ्य में गिरावट आई है बल्कि उन्हे और दूसरी बीमारियां होने का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। डायबिटीज दो तरह की होती है। जिसमें सबसे ज्यादा घातक टाईप-2 होती है। जिसमें बॉडी का ग्लूकोज लेवल बहुत ही जल्दी बढ़ जाता है। ऐसे में खाने-पीने से लेकर एक्सरसाइज करने तक क्या सही है और क्या गलत यह तय करना काफी मुश्किल हो जाता है। आज हम आपकी बतायेंगे कि आप भी अब कुछ आसान तरीकों से अपनी डायबिटीज को कंट्रोल में रख सकतीं हैं। जिसमें आपका बार-बार अस्पतालों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मीठे शब्द को भूल ही जाईये
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डायबिटीज की बात सबसे पहले मीठे शब्द से ही शुरु होती है। क्योंकि इस बीमारी का असल कारण ही जरूरत से ज्यादा मीठी चीजों को खाना होता है। जो आपको इस बीमारी के चंगुल में फंसा देता है। अगर एक बार ये बीमारी लग गई तो बस बचाव ही इसका इलाज है। इसलिए आपको सोचे सबसे पहले अपनी डाईट से मीठी चीजों के लिए no entry का बोर्ड लगा देना है। चाहे एक बार हो या महीनों में कभी कभार हो आपके दिमाग में मीठी चीजों का ख्याल तक नहीं आना चाहिए।
हैल्थी carbs बहुत जरूरी
अगर आपको डायबिटीज की बीमारी है और आप अपने खाने-पीने का खास ख्याल नहीं रख रहीं हैं तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। टाईप-2 डायबिटीज में महिलाओं के ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से उन्हें हाई ब्लड प्रेशर से लेकर दिल के दौरे का खतरा बना रहता है। ऐसे में आपके लिए अपने खान-पान पर कंट्रोल करने की बहुत ही जरूरी होता है। ग्लूकोज का सीधा सोर्स होता है कार्बोहाईड्रेट जो सीधे आपकी बॉडी में जाकर आपके ब्लड ग्लूकोज लेवल को बूस्ट कर देता है। ये ज्यादातर फास्ट डिसॉल्विंग कार्बोहाईड्रेट की वजह से होता है। जो काफी जल्दी डाईजेस्ट हो जाते हैं। इसलिए आपको कार्बोहाइड्रेट खाते वक्त ध्यान रखना है कि आप सिर्फ हैल्थी कार्बोहाईड्रेट ही खायें। जो आपके ब्लड डायबिटीज लेवल को बहुत कम प्रभावित करती है। यानिकी इसका डाईजेशन काफी धीरे-धीरे होता जिसकी वजह से आपका डायबिटीज लेवल बढ़ता नहीं है।
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हरी पत्तेदार सब्जियां सबसे बड़ा उपाय
डायबिटीज की समस्या में आपकी रोजाना की डाईट काफी लिमिटेड हो जाती है। यानिकी आपको ये नहीं खाना है..! आपको वो नहीं खाना है ऐसे में क्या खाया जाये? आप इसे सवाल से दो-चार होती रहतीं हैं। वैसे तो हैल्थी लोगों को भी हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिएं। वहीं अगर आपको डायबिटीज की समस्या है तो आपके रोजाना के फूड में हरी सब्जियां बहुत ही जरूरी होतीं हैं। इनसे आपकी बॉडी को रोजाना मल्टीविटामिन्स मिलते रहते हैं। जो डायबिटीज हो जाने की अवस्था में बेहद ही जरूरी हो जाते हैं।
फाईबर रिच फूड
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डायबिटीज के मरीजों के लिए फाईबर युक्त फूड बहुत ही जरूरी होता है। जो उनके ब्लड डायबिटीज लेवल को कंट्रोल करने में काफी मददगार होता है। अगर उनके खाने में फाईबर की मात्रा कम है तो ब्लड में ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने में कई सारी परेशानियां आतीं हैं। वैसे तो जो भी सब्जियां पौधों से आतीं हैं वो हाई फाईबर युक्त होतीं हैं। इसके साथ ही फाईबर आपके फूड के डाईजेशन में भी मदद करती है। डॉक्टरों का मानना है कि डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाईट में फाबर का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अक्सर देखा गया है कि डायबिटीज के पेशेंट्स को गैस की दिक्कत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में कॉंस्टीपेशन की समस्या को फाईबर काफी हद तक कम करता है।
फलों में क्या खायें?
वैसे तो ज्यादातर फलों में ग्लूकोज की मात्रा सबसे ज्यादा होती है यानिकी उनसे मिलने वाली फ्रुक्टोस भी आपके लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए आपको फलों से थोड़ी दूरी बनाय रखनी होगी। अगर आपका मन फिर भी नहीं मानता है तो आप पपीता या जामुन का फल खा सकतीं हैं वो भी कम से कम मात्रा में। पपीते और जामुन का ग्लाईसेमिक इंडेक्स बहुत ही कम होता है जो किसी भी फल में मौजूद डायबिटीज की मात्रा के बारे में बताता है। इस इंडेक्स के मुताबिक जिस फल का इंडेक्स ज्यादा होगा वो फल उतना ही शुगरी होगा।
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अंड्डे होंगे फायदेमंद
मासाहारी भोजन के मामले में कई डॉक्टर्स एकमत नहीं हैं.. यानिकी आपको कुछ डॉक्टर मासाहारी फूड की सलाह देंगे तो कुछ डॉक्टर आपको उससे दूर रहने की सलाह देंगे। लेकिन आखिर इसके पीछे लॉजिक क्या है? इसका सीधा मतलब है कि अगर आप कोई भी नॉनवेज फूड खातीं हैं तो सबसे पहले उसे तला जाता है यानिकी वो तेल में तलने के बाद आपकी बॉडी में जाकर आपका कॉलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा सकता है। इसलिए इस कन्फ्यूजन से बचने के लिए आप सीधे उबले अंड्डे का प्रयोग खाने में कर सकतीं हैं। जिसे तलने या भूनने की जरूरत नहीं पड़ती है। टाईप-2 की डायबिटीज में आपका बॉडी muscle loss बहुत ही जल्दी होता है। यानिकी आपकी बॉडी ज्यादा टाईम तक muscles को रिटेन नहीं कर पाती है। इसलिए आपको अपने खाने में प्रोटीन की मात्रा को बैलेंस करके रखना है।
Exercise सबसे अच्छा उपाय
हाईपर ग्लाईसीमिया यानिकी टाईप-2 डायबिटी को खान-पान के अलावा कई ऐसे उपाय हैं जिनसे इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। टाईप-2 डायबिटीज में आपके ब्लड में शुगर यानिकी ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। जो आपके इंसुलिन को imbalance कर देती है। जिसकी वजह से आपको इंसुलिन को कंट्रोल करने के लिए इसके इंजेक्शन तक लेने पड़ते हैं। लेकिन आप इसे रेग्युलर एक्सरसाइज से भी कंट्रोल में कर सकतीं हैं। जिसका मतलब ये हुआ जब भी आप कोई एक्सरसाइज करतीं हैं तब आपकी बॉडी एनर्जी के तौर पर ग्लूकोज यानिकी शुगर को ही burn करती है। यानिकी जब भी आप कोई physical activity कर रहीं तब आपकी बॉडी सबसे ज्यादा आपके लीवर और ब्लड में मौजूद ग्लूकोज को एनर्जी के तौर पर burn करती है। जिसका सीधा असर आपका ब्लड ग्लूकोज यानिकी आपका ब्लड शुगर लेवल गिरता है। इसलिए अगर आप डायबिटीज से परेशान हैं तो आप भी इसे एक हैल्थी लाईफस्टाईल से कंट्रोल में रख सकतीं हैं।
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