महिला और पुरुष दोनो की फर्टिलिटी कई बातों पर निर्भर करती है। आपके लिए कंसीव करना आसान होगा या मुश्किल, यह काफी हद तक आपके डाइट और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है। नींद की कमी किस तरह फर्टिलिटी और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर असर डालती है, चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं। इस बारे में Dr. Prinka Bajaj, MBBS, DNB-OBG, Senior Consultant Fertility Specialist, Oasis Fertility, जानकारी दे रही हैं।
नींद की कमी का फर्टिलिटी और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर क्या असर होता है?
- एक्सपर्ट का कहना है कि फर्टिलिटी पर डाइट, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल से जुड़ी अन्य कई बातों का सीधा असर होता है, यह हम सभी जानते हैं। लेकिन, फर्टिलिटी पर नींद के प्रभाव के बारे में कम बात की जाती है।
- ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि नींद का महिला और पुरुष दोनों की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है। आप कितने घंटे सो रहे हैं और स्लीप क्वालिटी कैसी है, इसका असर फर्टिलिटी पर होता है।
- नींद, रिप्रोडक्टिव हेल्थ को सुधारने में जरूरी भूमिका निभाती है। यह स्ट्रेस को कम करती है और हार्मोन्स को रेगुलेट करने में मदद करती है। अच्छी नींद, शरीर के सही तरह से फंक्शन करने और हार्मोनल इंबैलेंस को कम करने के लिए जरूरी है।
- भागदौड़ से भरी जिंदगी के कारण कई बार महिलाएं अपनी नींद और सेल्फ केयर पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। जो महिलाएं अच्छी नींद नहीं लेती हैं या स्लीप साइकिल नहीं है, उनके शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लेवल पर असर होता है। ये दोनों हार्मोन ओव्युलेशन के रेगुलेट करने और हेल्दी मेंस्ट्रुअल साइकिल को मेंटेन करने के लिए जरूरी हैं।
- नींद की कमी, पीरियड साइकिल को भी अनियमित बना सकती है। कोर्टिसोल स्ट्रेस हार्मोन, महिलाओं में कंसीव करने के लिए बहुक जरूरी है। नींद की कमी इसका लेवल बढ़ा सकती है।
- ओव्युलेशन का टाइमिंग भी नींद की कमी से प्रभावित होता है। अगर स्लीप साइकिल सही नहीं है, तो बॉडी के सर्केडियन रिदम पर असर होता है और इसकी वजह से कंसीव करने चांसेज कम हो सकते हैं।
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- बात अगर पुरुषों की करें, तो पुरुषों की नींद की कमी टेस्टेस्टेरोन के प्रोडक्शन पर असर डालती है। यह स्पर्म प्रोडक्शन के लिए बहुत जरूरी है। नींद की कमी, स्ट्रेस को बढ़ा सकती है। इसकी वजह से स्पर्म के डीएनए और कंसीव करने के चांसेज पर असर होता है।
- नींद की कमी ब्रीदिंग पर भी असर डालती है और यह भी हार्मोनल इंबैलेंस से जुड़ा हुआ है। शरीर में हार्मोनल बैलैंस बनाए रखे और अच्छी रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए रोज रात को 7-9 घंटे की नदीं जरूरी है।
- अच्छी नींद, स्लीप हाइजीन को मेंटेन करना दोनों पार्टनर्स में रिप्रोडक्टिव हेल्थ को सुधार सकता है और इससे कंसीव करने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
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नींद की कमी का भी फर्टिलिटी पर असर होता है, ऐसे में कंसीव करने के लिए स्लीप साइकिल का सही होना जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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