रुमेटीइड गठिया एक ऐसा ऑटोइम्यून विकार है जिसे समय पर कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है। जब मौसम में बदलाव आता है और ठंडक बढ़ती है तो रुमेटीइड अर्थराइटिस का खतरा काफी बढ़ जाता है। इस स्थिति में शरीर का इम्यून सिस्टम सीधे जोड़ों को प्रभावित करता है। इस तरह की अर्थराइटिस के लक्षण अक्सर सुबह के वक्त देखने को मिलते हैं। जिसके चलते पीड़ित को मॉर्निंग सिकनेस, जोड़ों में दर्द और जोड़ों में सूजन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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रूमेटाइड अर्थराइटिस की बीमारी आमतौर पर 35 से 45 वर्ष की अवस्था में अधिक होती है। डॉक्टर्स कहते हैं कि क्योंकि महिलाओं को कैल्शियम की अधिक मात्रा में जरूरत होती है इसलिए यह रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं को होने का 3 गुना खतरा रहता है। जबकि मेनोपॉज के बाद तो रूमेटाइड गठिया महिलाओं में एक आम रोग बन जाता है। इस आर्टिकल में आज हम आपको रूमेटाइड से निपटने के कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जो न सिर्फ आसान हैं बल्कि बहुत फायदेमंद भी हैं।
नियमित करें एक्सरसाइज
रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीजों को जोड़ों के दर्द से आराम मिलने पर हल्की एक्सरसाज शुरू करनी चाहिए। इससे दर्द भी दूर होता है और जोड़ों के पास की मसल्स भी मजबूत होती हैं। व्यायाम जोड़ों को होने वाले अन्य नुकसानों से भी बचाता है। इसके अलावा एक्सरसाइज में एंटी इनफ्लामेट्री गुण होता है। इसलिए जरूरी है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीज नियमित एक्सरसाइज करें।
रूमेटाइड का गर्म उपचार
वैसे तो डॉक्टर्स रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीजों को शुरुआत में इंजेक्शन और दवाईयां देते हैं लेकिन आप घर पर गर्म उपचार कर के भी रूमेटाड अर्थराइटिस से आराम पा सकते हैं। ऐसे मरीज गर्म उपचारों जैसे कि हल्के गरम पानी के बैग से एक दिन में 2 या 3 बार हाथ-पैरों की सिंकाईं कर सकते हैं। इससे जोड़ों के दर्द से आराम भी मिलेगा और बीमारी को फैलने से रोका भी जा सकेगा।
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एल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहें
एल्कोहल और धूम्रपान का सेवन करना तो दूर इनके संपर्क में आने से भी बचें। दरअसल, इन नशीले पदार्थों में मौजूद निकोटिन फेफड़ों को तो नुकसान करता ही है साथ ही जोड़ों को भी कमजोर बनाता है। जिसके चलते जोड़ों में दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है।
वजन करें कंट्रोल
इस बात की आप गांठ बांध लें कि अगर आपने अपना वजन कंट्रोल कर लिया है तो आप रूमेटाइड को फैलने से काफी हद तक रोक सकते हैं। मेडिकल हिस्ट्री भी कहती है कि वजनी लोगों में रूमेटाइड अर्थराइटिस जल्दी होती है। मोटापे के कारण आपको जोड़ों से संबंधित अन्य बीमारी होने का भी खतरा रहता है।
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सोच समझकर खाएं
रूमेटाइड अर्थराइटिस के पीड़ितों को अपनी डाइट भी कंट्रोल में रखने की आवश्यकता होती है। अपने आहार में ठंडी चीजों को शामिल करने से बचें। जबकि दूध और इससे बनी चीजें, हरी सब्जियां, फल, दाल, अमरूद, सेब और मौसमी फलों का सेवन करें। इससे आपके शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ेगी और आप बीमारी को कंट्रोल कर पाएंगे।