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क्या अखबार में खाना लपेटकर खाने से वाकई बढ़ जाता है कैंसर का खतरा? डॉक्टर से समझिए

एक वक्त पर अखबार में खाना लपेटकर देना काफी नॉर्मल था। आज भी गांव और छोटे शहरों में ऐसा किया जाता है। कई जगह स्ट्रीट फूड्स भी अखबार में लपेटकर दिए जाते हैं। लेकिन, अब इसे अनहेल्दी माना जाने लगा है और कहते हैं कि इससे कई बीमारियां हो सकती हैं। क्या न्यूजपेपर में खाना लपेटकर खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है? इस सवाल का जवाब डॉक्टर से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-05-16, 13:19 IST

खाने को पैक करने के लिए आज भी कई घरों में न्यूजपेपर का इस्तेमाल किया जाता है। घरों के अलावा, स्ट्रीट वेंडर्स और छोटे ढ़ाबों के लिए भी यह सस्ता ऑप्शन होता है। आपने और मैंने भी अक्सर समोसे, ब्रेकपकौड़े या इस तरह की अन्य चीजें अखबार में रैप करके जरूर खरीदी और खाई होंगी। लेकिन, यह सेहत के लिहाज से सही नहीं है। आजकल ऐसा माना जाने लगा है कि इससे कई बीमारियां हो सकती हैं और यहां तक कि यह कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है। क्या न्यूजपेपर में खाना लपेटकर खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है? इस सवाल का जवाब डॉक्टर से जानते हैं। इस बारे में Dr. Kamalesh A,Senior Consultant Physician at Yashoda Hospitals, Secunderabad, जानकारी दे रहे हैं।

क्या न्यूजपेपर में खाना पैक करके खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है?

Wrapping food in newspaper cancer risk

  • एक्सपर्ट का कहना है कि न्यूजपेपर में लपेटकर किसी भी खाने की चीज को नहीं खाना चाहिए। यह स्ट्रीट वेंडर्स या छोटे रेस्टोरेंट्स के लिए एक सस्ता और टिकाऊ ऑप्शन हो सकता है। लेकिन, इससे सेहत को कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं।
  • न्यूजपेपर इंक, फूड ग्रेड नहीं होती है और इसमें कई खतरनाक पदार्थ जैसे खनिज तेल, नेफथाइलामाइन, बेंजिडाइन और सुगंधित हाइड्रोकार्बन होते हैं। ये कैंसर का खतरा पैदा करते हैं।
  • ये केमिकल्स, भोजन में रिस सकते हैं और जब गर्म, गीला या चिकना भोजन अखबार के संपर्क में आता है, तो ये खाने में मिल सकते हैं। इसस कैंसर का खतरा पैदा होता है और अन्य कई बीमारियां भी हो सकती हैं।
  • कई इंटरनेशनल हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने न्यूज पेपर्स में खाना स्टोर करने को लेकर चेतावनी भी दी है। इनका इस्तेमाल खाना परोसने या उसे लपेटने के लिए बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए।
  • न्यूजपेपर्स, रिसाइकिल पेपर से बनते हैं। इनमें एक्स्ट्रा टॉक्सिन्स जैसे हैवी मेटल्स, फथलेट्स और रोगजनक सूक्ष्मजीव होते हैं। ये भी कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।

food wrapped in newspaper sideeffecrs

  • खासकर, बच्चों और बुजुर्गों, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनके लिए ये और अधिक खतरनाक हो सकते हैं।
  • कई रिसर्च के अनुसार, अखबार की स्याही में मौजूद कंपाउड्स से न केवल कैंसर का खतरा बढ़ता है बल्कि लंबे समय तक इसमें रखा खाना खाने से लंग्स, यूरिन सिस्टम और डाइजेशन से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।

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यह है एक्सपर्ट की राय

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  • यहां यह समझना जरूरी है कि अखबार में लपेटा हुआ खाना खाने से हमेशा कैंसर नहीं होता। फिर भी, इसका खतरा बहुत अधिक है।
  • स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए, अखबार के संपर्क में आने वाले भोजन से बचना चाहिए। इसके बजाय आप सेफ ऑप्शन जैसे कांच या स्टेनलेस स्टील के कंटेनर चुनें।

 

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खाना बनाते और पैक करते वक्त कुछ खास बातों का ध्यान रखने से बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है ।अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है,तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

 

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