डम्बल या केटलबेल? जानिए वर्कआउट के लिए किसका इस्तेमाल करना है ज्यादा बेस्ट ऑप्शन

केटलबेल और डम्बल दोनों ही वर्कआउट के लिए बेहतरीन इक्विपमेंट हैं, लेकिन आपके लिए बेहतर विकल्प कौन सा है, यह जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
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अधिकतर लोग अपनी फिटनेस का ख्याल रखने के लिए जिम की राह अपनाते हैं। जिम में वर्कआउट करते हुए हम अक्सर कई तरह के इक्विपमेंट का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से केटलबेल और डम्बल दो जरूरी इक्विपमेंट हैं। अमूमन लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि उन्हें वर्कआउट करते समय केटलबेल और डम्बल में से किसका इस्तेमाल करना चाहिए।

इन दोनों ही इक्विपमेंट का अपना अलग रोल होता है और इसलिए आप इनमें से किसका इस्तेमाल करेंगे, यह आपके वर्कआउट गोल्स पर निर्भर करता है। जहां डम्बल कंट्रोल मूवमेंट और मसल्स फोकस एक्सरसाइज जैसे बाइसेप कर्ल और शोल्डर प्रेस के लिए एकदम सही माना जाता है। इनका इस्तेमाल करना भी आसान है और एक बिगनर भी इसे अपने वर्कआउट रूटीन का हिस्सा बना सकता है। वहीं दूसरी ओर, केटलबेल आपके वर्कआउट को नेक्स्ट लेवल पर ले जाता है। उनका आकार उन्हें स्विंग, क्लीन और स्नैच जैसे डायनामिक व फुल बॉडी मूवमेंट के लिए बेहतर बनाता है। तो चलिए आज इस लेख में पावरलिफ्टिंग में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर और एनीटाइम फिटनेस के फिटनेस ट्रेनर विनय माहौर आपको बता रहे हैं कि डम्बल और केटलबेल में से किसका इस्तेमाल करना आपके लिए अधिक बेहतर रहेगा-

मसल्स बिल्डिंग

Kettlebell vs dumbbell benefits

जब बात मसल्स बिल्डिंग की हो तो डम्बल का इस्तेमाल करना यकीनन ज्यादा बेहतर ऑप्शन है। डम्बल की मदद से आप बाइसेप कर्ल, शोल्डर प्रेस और चेस्ट प्रेस जैसी मसल्स को ज्यादा बेहतर तरीके से टारगेट कर सकते हैं। इतना ही नहीं, आप अपनी बॉडी स्ट्रेंथ के आधार पर धीरे-धीरे वजन को बढ़ा सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर केटलबेल भी मसल्स बिल्डअप में मददगार है, लेकिन वे ज्यादातर फंक्शनल स्ट्रेंथ पर फोकस करता है और किसी एक मसल पर खासतौर पर काम नहीं करता है। इसलिए उन्हें कंपाउंड मूवमेंट के लिए ज्यादा अच्छा माना जाता है, जो एक साथ कई मसल्स पर काम करता है। मसलन, केटलबेल स्विंग आपके पैरों, कोर और कंधों पर असर डालते हैं।

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फैट लॉस

Kettlebell vs dumbbell for fat loss

डम्बल और केटलबेल दोनों ही फैट लॉस के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं, हालांकि दोनों ही अलग तरह से काम करते हैं। मसलन, डम्बल हाई इंटेसिटी वर्कआउट के दौरान फैट लॉस कर सकते हैं, लेकिन वे केटलबेल जितने डायनेमिक नहीं हैं, क्योंकि इसमें आप केवल कंट्रोल मूवमेंट करते हैं। वहीं, केटलबेल वर्कआउट में ताकत और कार्डियो का मिश्रण होता है, इसलिए उन्हें फैट लॉस के लिए सबसे अच्छे टूल में से एक माना जाता है। उदाहरण के लिए 10 मिनट का केटलबेल स्विंग सेशन एक मीडियम जॉगिंग के मुकाबले दोगुनी कैलोरी बर्न करता है। केटलबेल के डायनेमिक मूवमेंट की वजह से इससे मसल्स बिल्डअप और कैलेरी बर्न करने दोनों में फ़ायदा मिलता है।

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किसका करें इस्तेमाल

Dumbbell vs kettlebell for home workouts

अब सवाल यह उठता है कि केटलबेल और डम्बल में से किसका इस्तेमाल किया जाए तो यह पूरी तरह से आपके फिटनेस गोल्स पर निर्भर करता है। मसलन, अगर आप एक बिगनर हैं और मसल्स ग्रोथ और स्ट्रेंथ पर काम करना चाहते हैं तो डम्बल का उपयोग करें। वहीं, अगर आप फैट लॉस और कार्डियो के साथ-साथ फंक्शनल फिटनेस व मोबिलिटी को बेहतर बनाना चाहते हैं तो ऐसे में केटलबेल अधिक बेहतर ऑप्शन है। हालांकि, सबसे अच्छा तरीका है कि आप दोनों को अपने वर्कआउट रूटीन का हिस्सा बनाएं।

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Image Credit- freepik

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