आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में गठिया यानी अर्थराइटिस होना एक आम समस्या बन गई है। गठिया का दर्द खासकर उम्रदराज लोगों को परेशान करता है। इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को जोड़ों में सूजन, दर्द, अकड़न और चलने-फिरने में दिक्कत होती है। यह सिर्फ घुटनों या कूल्हों तक सीमित नहीं, बल्कि उंगलियों, कंधों और रीढ़ की हड्डी जैसे हिस्सों को भी प्रभावित कर सकती है।
हालांकि, डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर सही एक्सरसाइज और योगासन किए जाएं, तो दर्द से काफी हद तक राहत मिल सकती है। योगासन सिर्फ शरीर को फ्लेक्सिबल नहीं बनाते, बल्कि आपका स्ट्रेस भी कम करते हैं। लेकिन, डॉक्टर गठिया के मरीजों को हर तरह का योगासन करने की सलाह नहीं देते। कुछ योगासन अगर आप बिना किसी ट्रेनर की सलाह या गलत तरीके से करते हैं, तो आपके जोड़ों पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है और दर्द बढ़ सकता है।
इसलिए, हमनेइनामदार मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, पुणे केRheumatologist डॉक्टर सोहम कदम से बातचीत की और उनसे जानने की कोशिश की कि गठिया से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद और नुकसानदायक योगासन कौन-कौन से हैं।
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गठिया में फायदेमंद योगासन
डॉक्टर कदम ने बताया कि अगर आप गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए योगा करने की सोच रहे हैं, तो आपको किसी ट्रेनर या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए। हम आपको कुछ ऐसे लोकप्रिय योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से जोड़ों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता और ये योगासन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
1. ताड़ासन (Mountain Pose)
ताड़ासन करने से रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और जांघों, घुटनों और जोड़ों को मजबूती मिलती है। अगर आपको गठिया है, तो यह योगासन रोजाना करने से जोड़ों में आई अकड़न धीरे-धीरे कम हो सकती है।
कैसे करें ताड़ासन?
- सबसे पहले सीधे खड़े हो जाना होगा और दोनों पैरों को पास-पास रखना होगा।
- हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखना होगा।
- गहरी सांस लेते हुए हाथों को सिर के ऊपर उठाना होगा।
- पूरी शरीर को पंजों के बल ऊपर की ओर खींचना होगा। इस मुद्रा में 20-30 सेकेंड तक रुकना होगा और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाना होगा।
- अगर आपको बैलेंस बनाने में दिक्कत आ रही है, तो आप दीवार या कुर्सी का सहारा ले सकते हैं।
2. वृक्षासन (Tree Pose)
गठिया वाले लोगों को वृक्षासन करने के लिए कुर्सी या दीवार का सहारा लेना जरूरी होता है। यह मुद्रा आपके पैरों को मजबूत करने में मदद करती है।
कैसे करें वृक्षासन?
- आपको सबसे पहले दीवार या कुर्सी के पास सीधे खड़े हो जाना होगा।
- फिर एक पैर उठाकर उसके तलवे को दूसरे पैर के टखने के पास अंदर की तरफ रखना होगा।
- संतुलन बनाए रखते हुए हाथों को सीने के सामने नमस्ते मुद्रा में जोड़ लेना होगा।
- इस मुद्रा में करीब 15 से 30 सेकंड तक रहना होगा और फिर सामान्य अवस्था में आ जाना होगा।
- यही प्रक्रिया दूसरी टांग से भी करनी होगी।
- अगर आपको वृक्षासन करने के बाद घुटनों में तेज दर्द होता है, तो इस आसन को करने से पहले डॉक्टर या ट्रेनर से जरूर पूछें।
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3. सेतु बंधासन (Bridge Pose)
यह आसन करने से पीठ और कूल्हे मजबूत हो सकते हैं। जिन गठिया पीड़ितों के पीठ के निचले हिस्से में ज्यादा दर्द रहता है, उनके लिए यह मुद्रा फायदेमंद हो सकती है।
कैसे करें सेतु बंधासन?
- सेतु बंधासन के लिए सबसे पहले पीठ के बल योगा मैट पर लेट जाना होगा।
- घुटनों को मोड़ना होगा और पैरों को जमीन पर फैलाकर रखना होगा।
- हाथों को शरीर के पास रखना होगा और हथेलियों को जमीन की तरफ रखना होगा।
- अब धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर की तरफ़ उठाना होगा, जब तक शरीर गर्दन से घुटनों तक एक सीधी रेखा जैसा न लगने लगे।
- इस मुद्रा में 10 से 15 सेकंड तक रहना होगा और फिर सामान्य अवस्था में आ जाना होगा।
- अगर आपकी रीढ़ की हड्डी में कोई दिक्कत है, तो पहले डॉक्टर या ट्रेनर से सलाह जरूर ले लें।
4. सुप्त बद्ध कोणासन (Reclining Bound Angle Pose)
गठिया से पीड़ित लोगों के लिए यह मुद्रा फायदेमंद है, क्योंकि यह बिना ज्यादा जोर दिए कूल्हों को खोलने में मदद करती है।
कैसे करें सुप्त बद्ध कोणासन?
- इसको करने के लिए सबसे पहले एक योगा मैट पर अपनी पीठ के बल आराम से लेट जाना होगा।
- दोनों पैरों के तलवों को आपस में मिलाना होगा और घुटनों को धीरे-धीरे बगल की ओर झुकाना होगा तितली मुद्रा की तरह।
- आप चाहें तो घुटनों के नीचे कुशन, तौलिया या तकिया रख सकते हैं ताकि घुटनों को सहारा मिल सके।
- हाथों को पेट पर या शरीर के बगल में आराम से रखना होगा।
- इस मुद्रा में 1 से 2 मिनट तक रहना होगा।
- अगर आपके कूल्हों या घुटनों में तेज दर्द रहता है, तो इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर या योग ट्रेनर की सलाह जरूर लें।
अगर आपको गठिया है, तो इन योगासनों से बचें
गठिया पीड़ितों के लिए सभी योगासन फायदेमंद नहीं होते हैं। कुछ आसन ऐसे होते हैं, जो जोड़ों पर ज्यादा दबाव डालते हैं और इससे सूजन भी बढ़ सकती है। इसलिए डॉक्टर या ट्रेनर की सलाह के बिना इन योगासनों को करने से बचना चाहिए।
आपको पद्मासन, वज्रासन, मलासन, पश्चिमोत्तासन और शीर्षासन करने से बचना चाहिए।
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