जब बात टैक्स बचत के साथ सेविंग्स करने की होती है तो पीपीएफ और ईएलएसएस जैसी स्कीम्स की सबसे ज्यादा चर्चा होती है। पीपीएफ और ईएलएसएस, दोनों ही स्कीम्स में टैक्स में छूट मिलती है। लेकिन महिलाएं इस बात को लेकर अक्सर उलझन में रहती हैं कि किसमें इन्वेस्ट करना ज्यादा बेहतर रहेगा। आपकी इसी मुश्किल को आसान करने के लिए हम दोनों का कंपेरिजन कर रहे हैं और इसके अलग-अलग फीचर्स के बारे में बता रहे हैं ताकि आप उसे ध्यान में रखते हुए अपने लिए सही स्कीम का चुनाव कर सकें-
ईएलएसएस यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम और पीपीएफ इस लिहाज से समान हैं कि दोनों में निवेश करने पर आपको आयकर की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। हालांकि, इसमें 1.5 लाख रुपये के निवेश की लिमिट तय है। टैक्स बेनेफिट मिलने की वजह से महिलाएं इन स्कीम्स में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाती हैं। ईएलएसएस और पीपीएफ दोनों अलग-अलग तरह से काम करती हैं और दोनों से मिलने वाले रिटर्न का मैकेनिज्म भी अलग है।
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मैच्योरिटी पीरियड में है अंतर
ईएलएसएस में आप रकम का निवेश करने पर तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है। वहीं पीपीएफ अकाउंट में आपकी रकम की मैच्योरिटी में 15 साल लगते हैं। ईएलएसएस में निवेश किया गया पैसा लगातार इक्विटी मार्केट्स में निवेश किया जाता है। ऐसे में ईएलएसएस पीपीएफ के मुकाबले ज्यादा अच्छे रिटर्न देता है।
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जोखिम उठाने पर ईएलएसएस में मिल सकता है बेहतर रिटर्न
ईएलएसएस में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इस अवधि से पहले आप इसमें से पैसे नहीं निकाल सकती। वहीं पीपीएफ में लॉक-इन पीरियड 15 साल का होता है, जिसके लिए आपको लंबे समय की प्लानिंग कर लेना जरूरी होता है। अगर आप रिटायरमेंट के लिहाज से बचत करना चाहती हैं तो आपके लिए पीपीएफ अच्छा ऑप्शन हो सकता है। वहीं अगर आप जोखिम उठाने में सहज हैं तो अच्छा रिटर्न पाने के लिहाज से ईएलएसएस बढ़िया ऑप्शन होगा।
सिक्योर रिटर्न के लिए पीपीएफ है बेहतर
ईएलएसएस शेयर मार्केट से जुड़ी स्कीम है और इसीलिए इसमें निवेश किया गया पैसा इक्विटी फंड्स में लगा दिया जाता है। लेकिन इसमें जोखिम भी जुड़े हुए हैं, ऐसे में इसमें रिटर्न में मुनाफा होने की गारंटी नहीं होती। इसमें निवेश करने से पहले आपको पहले से काफी सोच-विचार और स्टडी करने की जरूरत होती है। वहीं पीपीएफ में लगा पैसा सरकारी योजनाओं में निवेश किया जाता है। इस वजह से इसमें सुरक्षित रिटर्न की गारंटी होती है। अगर आप रिटर्न्स को लेकर सिक्योर रहना चाहती हैं तो आपके लिए पीपीएफ में निवेश करना ज्यादा बेहतर रहेगा।