अगर आप क्रिकेट के दीवाने हैं और इस खेल से जुड़े किसी खास प्रोफेशन में जाना चाहते हैं, तो पिच क्यूरेटर बनना एक शानदार विकल्प हो सकता है। पिच क्यूरेटर का काम क्रिकेट मैदान की पिच और आउटफील्ड को मेंटेन करना होता है, जिससे मैच के दौरान खिलाड़ियों को सही कंडीशन मिल सके। अगर आपको क्रिकेट पिच की देखभाल और ग्राउंड मेनटेनेंस में दिलचस्पी है, तो आइए जानते हैं कि पिच क्यूरेटर बनने के लिए कौन-कौन सी योग्यताएं और प्रक्रियाएं जरूरी हैं।
पिच क्यूरेटर बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं
शैक्षणिक योग्यता
पिच क्यूरेटर बनने के लिए किसी विशेष डिग्री की अनिवार्यता नहीं होती, लेकिन अगर आपके पास एग्रीकल्चर, टर्फ मैनेजमेंट, बॉटनी या ग्राउंड्सकीपिंग में डिग्री या डिप्लोमा है, तो यह मददगार साबित हो सकता है।कई संस्थान स्पोर्ट्स टर्फ मैनेजमेंट और ग्राउंड क्यूरेशन में सर्टिफिकेट कोर्स भी कराते हैं।
ग्राउंड्सकीपिंग और टर्फ मैनेजमेंट का ज्ञान
क्रिकेट पिच की मिट्टी, घास, नमी और रोलिंग के विज्ञान को समझना जरूरी है।अलग-अलग पिच कंडीशंस (स्पिन फ्रेंडली, बैटिंग ट्रैक, बाउंसी पिच) को तैयार करने का अनुभव होना चाहिए। मौसम के हिसाब से पिच की देखभाल करने की जानकारी होनी चाहिए।
तकनीकी कौशल और अनुभव
ग्राउंड में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों (रोलर, ग्रास कटर, कवरिंग शीट आदि) का ज्ञान होना जरूरी है।यदि आप किसी क्रिकेट स्टेडियम, क्लब या अकादमी में असिस्टेंट क्यूरेटर के रूप में काम करें, तो अनुभव बढ़ेगा।
पिच क्यूरेटर बनने की प्रक्रिया
किसी ग्राउंड या स्टेडियम में इंटर्नशिप करें
यदि आप शुरुआत करना चाहते हैं, तो किसी क्रिकेट क्लब, राज्य क्रिकेट एसोसिएशन या स्टेडियम में इंटर्नशिप करें।कई बड़े क्रिकेट स्टेडियम में असिस्टेंट क्यूरेटर की जरूरत होती है, जहां आपको काम सीखने का मौका मिलेगा।
बीसीसीआई या राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के कोर्स करें
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और कई राज्य क्रिकेट संघ पिच क्यूरेशन से जुड़े सर्टिफिकेट कोर्स कराते हैं।इन कोर्स में पिच की मिट्टी, घास, नमी नियंत्रण और ग्राउंड्सकीपिंग के बारे में सिखाया जाता है।
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अनुभव हासिल करें और प्रमाण पत्र प्राप्त करें
अनुभव के आधार पर आप जूनियर क्यूरेटर से सीनियर क्यूरेटर बन सकते हैं।बीसीसीआई और अन्य क्रिकेट बोर्ड अनुभवी क्यूरेटर्स को ही अपने स्टेडियम्स के लिए नियुक्त करते हैं।
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स्टेट या नेशनल क्रिकेट बोर्ड से जुड़े
एक बार जब आपके पास अच्छा अनुभव हो जाए, तो आप बीसीसीआई, आईपीएल टीमों या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियमों के साथ काम कर सकते हैं।कई क्रिकेट संघ अनुभवी क्यूरेटर्स को हाई-प्रोफाइल मैचों के लिए हायर करते हैं।
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