टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निवेश के बहाने भोले-भाले लोगों को ठगने के मामले बढ़ रहे हैं। साइबर ठग इन प्लेटफॉर्म पर वर्क फ्रॉम होम या इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। शुरुआत में छोटे-छोटे मुनाफे देकर पीड़ितों को फंसाया जाता है, फिर बाद में मोटी रकम की ठगी की जाती है।
ठगी के तरीके
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रचार, साइबर ठग व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम, और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वर्क फ्रॉम होम या इन्वेस्टमेंट के नाम पर प्रचार करते हैं। शुरुआत में पीड़ितों को वीडियो लाइक एंड शेयर करने का टास्क देकर छोटे-छोटे मुनाफे दिए जाते हैं। बाद में पीड़ितों को अलग-अलग आईडी बनाकर टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा जाता है और वहां बड़े मुनाफे का झांसा देकर ठगी की जाती है। शुरुआती मुनाफे के बाद पीड़ित मोटी रकम निवेश कर देते हैं, जिसके बाद उन्हें ठगा जाता है।
ठगी के मामले पर पुलिस की क्या है स्थिति
दिल्ली पुलिस के पास रोजाना 600 से अधिक शिकायतें आती हैं। इनमें से 10 फीसदी मामलों में मोटी रकम की ठगी होती है। अधिकतर जालसाज चीन, हांगकांग, दुबई, कंबोडिया, मलेशिया जैसे देशों में बैठकर ठगी करते हैं। भारत में बैठे इनके गुर्गे बैंक अकाउंट और सिम कार्ड का इंतजाम करते हैं और ठगी की रकम को घुमाकर विदेश भेज देते हैं। 90 से 95 फीसदी मामलों में पुलिस साइबर ठगों तक नहीं पहुंच पाती है और केवल भारत में इनके सहयोगियों तक ही पहुंच पाती है।
इसलिए, किसी भी प्रकार के ऑनलाइन निवेश या वर्क फ्रॉम होम ऑफर को स्वीकार करने से पहले अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करें। अनजान स्रोतों से मिले लिंक और संदेशों पर क्लिक न करें और न ही उनके दिए गए निर्देशों का पालन करें। केवल विश्वसनीय और प्रमाणित स्रोतों से ही निवेश या काम के अवसरों को स्वीकार करें।
इनका पालन करके आप साइबर ठगी से बच सकते हैं
- अनजान नंबरों से आए मैसेज को नजरअंदाज करें और उन पर कोई प्रतिक्रिया न दें।
- अंतरराष्ट्रीय नंबरों से आए मैसेज अक्सर ठगी के इरादे से होते हैं, इसलिए उनसे सावधान रहें।
- अगर कोई आपको किसी ग्रुप में जोड़कर निवेश करने की बात करता है, तो उसे अनदेखा करें।
- इंटरनेट पर जानकारी खोजते समय केवल विश्वसनीय और आधिकारिक वेबसाइटों पर ही विश्वास करें।
- अगर कोई आपसे पेमेंट करने के लिए किसी लिंक पर क्लिक करने को कहे, तो ऐसा कतई न करें।
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचें, खासकर विदेशी लोगों से।
- इस तरह की कॉल्स अक्सर ठगी के इरादे से होती हैं, इन्हें नजरअंदाज करें।
- अनजान नंबरों से आई वीडियो कॉल्स को न पिक करें।
- सोशल मीडिया पर अज्ञात लोगों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
- अपनी बैंकिंग जानकारी, ओटीपी, पिन आदि किसी के साथ साझा न करें।
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साइबर ठगी के ट्रेंड से सावधान रहने के लिए 7 मुख्य बातें
साइबर अपराधी लगातार नई तरकीबें अपनाकर लोगों को ठगने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। यहां कुछ सामान्य ट्रेंड हैं, जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए।
1. वर्क फ्रॉम होम (WFH) धोखाधड़ी
धोखेबाज WFH अवसरों का झांसा देकर लोगों को लुभाते हैं, जैसे कि आसान काम के लिए उच्च वेतन का वादा करते हैं। पीड़ितों को निवेश करने के लिए कहा जाता है, और फिर उनका पैसा चुरा लिया जाता है।
2. सोशल मीडिया धोखाधड़ी
धोखेबाज सोशल मीडिया पर नकली प्रोफाइल बनाते हैं और दोस्ती करते हैं। वे भरोसा हासिल करते हैं और फिर पैसे मांगते हैं या संवेदनशील जानकारी चुराते हैं।
3. कूरियर धोखाधड़ी
धोखेबाज आपको अवैध वस्तुओं को कूरियर करने के लिए कहते हैं। वे आपको कानूनी परेशानी में फंसाने की धमकी देते हैं और फिर पैसे वसूलते हैं।
4. रोमांस धोखाधड़ी
धोखेबाज डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया पर नकली प्रोफाइल बनाते हैं। वे भावनात्मक संबंध बनाते हैं और फिर पैसे मांगते हैं।
5. निवेश धोखाधड़ी
धोखेबाज उच्च रिटर्न का वादा करते हुए नकली निवेश योजनाओं में लोगों को निवेश करने के लिए कहते हैं। वे पीड़ितों का पैसा चुरा लेते हैं और गायब हो जाते हैं।
6. सरकारी अधिकारी धोखाधड़ी
धोखेबाज आयकर अधिकारी, पुलिस अधिकारी या अन्य सरकारी अधिकारी बनकर फोन करते हैं। वे धमकाते हैं और व्यक्तिगत जानकारी या पैसे मांगते हैं।
7. सेक्सटॉर्शन
धोखेबाज अश्लील वीडियो बनाते हैं और पीड़ितों को ब्लैकमेल करते हैं। वे पैसे की मांग करते हैं या वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देते हैं।
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ठगी होने पर शिकायत कैसे करें
तुरंत कार्रवाई
1930 पर कॉल करें, यह साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर है। यह नंबर 24/7 उपलब्ध है और अंग्रेजी और हिंदी में सहायता प्रदान करता है। अगर आपने बैंकिंग धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें। वे आपके खाते को बंद कर सकते हैं और आपके पैसे वापस लेने से रोक सकते हैं।
शिकायत दर्ज करें
आप अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या जिला साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। आप https://cybercrime.gov.in/ पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। आप https://ncrb.gov.in/en/cyber-crime-reporting-portal पर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
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