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केवल Deepfake ही नहीं साइबर ठगी में भी हो रहा AI का तेजी से इस्तेमाल, यहां जानें इससे बचने के तरीके

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हम सभी दिनभर करते हैं। इससे न केवल आप अपने सवालों के जवाब बल्कि अपनी तस्वीरों को अपने हिसाब से रिक्रिएट कर सकते हैं। अब ऐसे में जहां एआई का इस्तेमाल तेजी से लोग कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ साइबर अपराधियों के लिए ठगी करने का नया ठिकाना बन गया है।
Editorial
Updated:- 2025-11-26, 13:41 IST

AI Fraud Prevention Tips: पहले जहां ठगी करने वाले लोग आधार कार्ड, ओटीपी और एटीएम कार्ड पिन का इस्तेमाल करते थे। वहीं टेक्नोलॉजी के बदलते दौर में लोग एआई का इस्तेमाल कर डीपफेक वीडियो और ऑडियो बना रहे हैं। इसके बाद इसे भेजकर ब्लैकमेल करते हैं और पैसों की मांग करते हैं। अब ऐसे में इससे बचने के लिए खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। अगर आप एआई से होने वाली ठगी से बचना चाहते हैं, तो न केवल ध्यान रखने बल्कि एआई वीडियो और ऑडियो की पहचान करना भी बहुत जरूरी है। इस लेख में आज हम आपको एआई फ्रॉड से बचने के तरीके बताने जा रहे हैं।

अनजान कॉल और मैसेज को करें अनदेखा

How to identify AI voice cloning

अगर आपके पास किसी प्रकार का कोई अनजान कॉल आता है, तो उस पर तुरंत भरोसा करने और न परेशान होने की जरूरत है। इतना ही नहीं अगर आपको कोई रिश्तेदार या दोस्त भी फोन करके पैसे की मांग करता है, तो उस पर भरोसा न करें।  भले ही आवाज सेम ही क्यों न लगे। बता दें कि स्कैम करने वाले लोग AI वॉयस क्लोनिंग का इस्तेमाल कर आपको ठगने का प्रयास करते हैं।

कैसे करें ठगी कॉल की पहचान?

ठग अक्सर जोर-जबरदस्ती या दबाव डालते हैं। अगर कोई आपको तुरंत या जल्दबाजी में काम करने को कह रहा है, तो समझ जाएं, कि वह स्कैम करने वाले का फोन है। बचने के लिए दूसरे नंबर से अपने रिश्तेदार को फोन करके इसकी पुष्टि करें।

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निजी जानकारी साझा करने से बचें

आमतौर पर सोशल मीडिया पर अपनी बहुत सारी जानकारी साझा करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है। एआई के जमाने में इसका इस्तेमाल कर आपके साथ ठग किया जा सकता है। घर की निजी जानकारी, आवाज की क्लिप या वीडियो का ठग इस्तेमाल करके AI क्लोन बनाने के लिए कर सकते हैं।

संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें

Protecting against AI deepfake videos

अगर कोई ईमेल या मैसेज संदिग्ध लगे, खासकर अगर उसमें ग्रामर मिस्टेक हो या वह किसी अजीब URL लिंक पर क्लिक करने को कहे, तो उस पर क्लिक न करें। हमेशा मैसेज भेजने वाले के ईमेल पते या नंबर की जांच करें।

फ्रॉड की रिपोर्ट करें

अगर आपके साथ कोई ठगी होती है या आपको कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आती है, तो बिना देर किए राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और cybercrime.gov.in पर तुरंत रिपोर्ट करें। आपकी रिपोर्ट से दूसरों को भी बचाया जा सकता है।

अन्य ध्यान रखने वाली बातें

OTPs और PIN न करें शेयर

स्कैम से बचने के लिए हमेशा यह कहा जाता है अपना पासवर्ड,  OTP या UPI पिन कभी भी मैसेज या कॉल पर शेयर न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि वैलिड कंपनी या बैंक आपसे यह जानकारी नहीं मांगती है। यह स्कैम आपके साथ पार्सल डिलीवरी के आस-पास या भी सामान्य दिनों में भी हो सकता है।

अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत बनाएं

AI fraud prevention tips

अपने सभी जरूरी खातों बैंक, ईमेल, सोशल मीडिया में टू-फैक्टर या मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर एक्टिवेट करें। ऐसे में अगर आपका पासवर्ड चोरी भी हो जाता है, तो भी कोई आपके खाते में लॉग-इन नहीं कर पाएगा।

ऑफिशियल वेबसाइट या सॉफ्टवेयर पर करें लॉगइन

ऐप्स और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते वक्त ऑफिशियल वेबसाइट पर ही जाएं। अनजान लिंक से आई कोई भी फाइल या ऐप इंस्टॉल न करें।

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Image Credit-Freepik


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