
आज के समय में भले ही टेक्नोलॉजी खूब आगे बढ़ चुकी है, लेकिन अभी भी कुछ शहरों और गांवों में लड़कियाें की पढ़ाई पर पाबंदी है। इसके पीछे कई वजहें हैं, जैसे- स्कूल या कॉलेज का दूर होना, सुरक्षा को लेकर दुविधा होना। ऐसे में माता-पिता बेटियों को दूर भेजने से डरते हैं। अगर आपको भी इन्हीं बातों का डर है तो अब बेटियों की पढ़ाई के लिए आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
दरअसल, सेंट्रल गवर्नेमेंट एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत देश के हर जिले में गर्ल्स हॉस्टल खोले जाएंगे। इससे गांव और पिछड़े इलाकों की लड़कियों को फायदा मिलेगा। यहां हम आपको सरकार के मास्टर प्लान की विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं-
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आपको बता दें कि सरकार का प्लान है कि देश के हर जिले में कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए अलग से गर्ल्स हॉस्टल बनाए जाएं। इसी योजना के तहत करीब 800 जिलों में हॉस्टल खोले जाएंगे। ये योजना सिर्फ हॉस्टल की बिल्डिंग बनाने तक सीमित नहीं है।
इसका मकसद उन परिवारों को भरोसा दिलाना भी है, जो बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंता में रहते हैं। जब रहने की सेफ जगह मिलेगी, तो लड़कियां अपनी पसंद का कोर्स भी चुन पाएंगी और उन्हें अपना करियर बनाने का मौका मिलेगा।
शिक्षा मंत्रालय इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है। इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय को भेजा जा रहा है। माना जा रहा है कि 2026 के आम बजट में इसका अधिकारिक रूप स ऐलान हो जाएगा। इसके बाद गर्ल्स हॉस्टल बनाने का काम धीरे-धीरे पूरे देश में शुरू कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि गर्ल्स हॉस्टल में सिर्फ रहने की जगह ही नहीं, बल्कि पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल भी लड़कियों को मिलेगा। सुरक्षा, साफ-सफाई, इंटरनेट, बिजली-पानी और जरूरी सुविधाओं पर खास ध्यान दिया जाएगा। इससे लड़कियां बिना किसी डर के पढ़ाई पर फोकस कर सकेंगी।
गांव की लड़कियां साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स जैसी पढ़ाई करना चाहती हैं, लेकिन रहने की दिक्कत के कारण एडमिशन नहीं ले पाती हैं। हॉस्टल बनने से उनके लिए ये रास्ते खुलेंगे। सरकार STEM कोर्स में लड़कियों की सीटें बढ़ाने पर भी काम कर रही है।
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नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 2035 तक उच्च शिक्षा में लड़कियों की हिस्सेदारी 50 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी ये आंकड़ा करीब 29 फीसदी है। सुरक्षा और रहने की दिक्कतें ड्रॉपआउट की बड़ी वजह रही हैं। गर्ल्स हॉस्टल बनने से ये डर काफी हद तक कम होगा।
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