वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने खाने का खास ख्याल रखें। आप जो भी खाते हैं, उसका गहरा असर आपकी ओवर ऑल हेल्थ और वेट लॉस गोल्स पर पड़ता है। यूं तो ऐसे कई फूड्स होते हैं, जिन्हें वेट लॉस के लिए काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन इनमें से किसका सेवन करना ज्यादा फायदेमंद रहता है, इसे लेकर अक्सर कशमकश ही रहती है। इन्हीं में से दो फेमस ऑप्शन है दलिया और खिचड़ी।
यह दोनों खाने में ना बेहद ही आरामदायक है, बल्कि ये वेट लॉस में भी उतने ही मददगार है। इन्हें बनाना भी काफी आसान है। जहां दलिया फाइबर से भरपूर होता है और आपको लंबा समय तक पेट भरा रखने में मदद करता है। साथ ही, यह काफी हल्का और पौष्टिक भोजन है जो आपका ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ने नहीं देता। वहीं दूसरी तरफ, खिचड़ी चावल और दाल का मिश्रण होती है, जिसमें कार्ब्स और प्रोटीन का अच्छा बैलेंस होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप मसल्स को बचाते हुए वजन घटाना चाहते हैं, तो ऐसे में खिचड़ी का सेवन करना काफी अच्छा माना जाता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि वेट लॉस के लिए दलिया या खिचड़ी में से किसका सेवन करना ज्यादा अच्छा रहता है-
दलिया क्या है?
दलिया को वास्तव में टूटे हुए गेहूं की मदद से बनाया जाता है। इसे अक्सर लोग नाश्ते में या फिर कभी-कभी हल्के स्नैक्स के रूप में खाते हैं। साथ ही साथ, इसमें फाइबर ज्यादा होता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, यानी ये ब्लड शुगर जल्दी नहीं बढ़ने देता। इसके अलावा, इसमें अच्छे कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और थोड़ा प्रोटीन भी होता है।
खिचड़ी क्या है?
खिचड़ी को दाल व चावल की मदद से बनाया जाता है, जिसमें मसालों और कभी-कभी सब्जियों को भी शामिल किया जाता है। खिचडी बनाने से चावल से कार्बोहाइड्रेट और दाल से प्रोटीन मिलता है। यह एक लाइट फूड है, जो काफी हेल्दी भी मानी गई है।
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दलिया और खिचड़ी में फाइबर कंटेंट
दलिया में फ़ाइबर कंटेंट काफी अधिक पाया जाता है, जिससे आपका पेट भरा-भरा रहता है। अगर आप इसमें प्रोटीन कंटेंट बढ़ाना चाहते हैं तो इसे दूध में पकाकर खाएं। वहीं, अगर इसमें मटर, टमाटर व पालक जैसी हरी सब्जियों को शामिल किया जाता है तो इससे आपको अन्य भी कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं।
वहीं, खिचड़ी में अपेक्षाकृत फ़ाइबर कम होता है, इसलिए भूख जल्दी लग सकती है। हालांकि, अगर आप चाहें तो इसमें बीन्स, गाजर, फूलगोभी, पालक आदि को शामिल करके फ़ाइबर कंटेंट बढ़ा सकती हैं।
दलिया व खिचड़ी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
दलिया का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मीडियम होता है क्योंकि ये पूरे गेहूं से बनता है। वहीं, खिचड़ी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज़्यादा या कम उसके बनने के तरीके पर डिपेंड करता है। मसलन, अगर खिचड़ी में चावल की मात्रा ज्यादा है, तो ऐसे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई हो सकता है। वहीं, अगर आपने दाल ज्यादा रखी है तो ऐसे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स थोड़ा कम हो सकता है। वेट लॉस के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होना जरूरी होता है, क्योंकि इससे ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता, जिससे इंसुलिन लेवल कंट्रोल रहता है और फैट स्टोरिंग कम होती है।
दलिया और खिचड़ी का न्यूट्रिएशन कंटेंट
दलिया में विटामिन बी, फाइबर, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, जिंक व विटामिन ई पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। वहीं, खिचड़ी में पोटैशियम, मैग्नीशियम, फ़ाइबर, प्रोटीन, आदि पाया जाता है। लेकिन खिचड़ी में माइक्रो न्यूट्रिएशन टोटल अमाउंट अपेक्षाकृत थोड़ा कम हो सकता है।
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वेट लॉस के लिए क्या है बेहतर
यूं तो दोनों ही डिश वेट लॉस में मदद कर सकती हैं, लेकिन दलिया का सेवन अपेक्षाकृत अधिक बेहतर माना जाता है। इसमें कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है, जिससे आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। वहीं, अगर आप मसल्स बनाए रखना चाहते हो तो खिचड़ी एक अच्छा ऑप्शन है क्योंकि इसमें पर्याप्त प्रोटीन मिलता है।
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Image Credit- freepik
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