छाछ घर पर बनाना बेहद आसान है। जब मक्खन को मथा जाता है, तो उससे बचने वाले पानी को छाछ कहते हैं। इसे लोग स्टोर करके खाना खाने के बाद पीते हैं। कुछ लोग इसके स्वाद को एन्हांस करने के लिए इसमें जीरे और नमक का तड़का लगाते हैं।
छाछ को दही से ज्यादा बढ़िया ऑप्शन माना जाता है। दही खाने से कुछ लोग जुकाम होने की शिकायत करते हैं, लेकिन छाछ पीने से ऐसी समस्या नहीं होती।
इसका लाइटवेट इसे डाइजेशन के लिए अच्छा विकल्प बनाता है। यह पाचन की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए अच्छा होता है। आप छाछ को किस तरह पीते हैं, यह आपके ऊपर निर्भर करता है, लेकिन जो लोग नमक डालकर इसे पीते उन्हें यह लेख जरूर पढ़ना चहिए।
छाछ का स्वाद बढ़िया बनाने के लिए इसमें नमक डाला जाता है, लेकिन इसमें कौन-सा नमक डाला जाना चाहिए क्या आपको पता है? शरीर को हाइड्रेट रखने वाली छाछ में नमक जाना चाहिए या नहीं, इस सवाल का जवाब हमने मैक्स हॉस्पिटल की सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट सीमा सिंह से किया। चलिए इस लेख में विस्तार से आपको बताएं कि नमक डालकर छाछ पीने से क्या होता है।
छाछ में साधारण नमक डालने से क्या होता है? (What happens when you add salt in buttermilk)
छाछ में कैल्शियम और फास्फोरस की अच्छी मात्रा होती है। अगर इसमें कुछ खास पोषक तत्व मिला दिए जाएं, तो यह विटामिन-डी का भी अच्छा सोर्स बन सकती है। हालांकि, छाछ के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसमें नमक ज्यादा होता है, जिससे कुछ लोगों को एलर्जी भी हो सकती है। जब आप ऊपर से साधारण नमक डालती हैं, तो सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है। ज्यादा नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर उन लोगों को जो नमक के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
छाछ में साधारण नमक नहीं मिलाना चाहिए, क्योंकि यह पेट के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसमें जो अच्छे बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक्स) होते हैं, वे हमारे पेट के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं।
नमक डालने से इन अच्छे बैक्टीरिया पर बुरा असर पड़ता है और उनकी काम करने की क्षमता कम हो जाती है। आसान शब्दों में कहें तो, नमक मिलाने से ये अच्छे बैक्टीरिया मर सकते हैं, जिससे पेट को उतना फायदा नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए।
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छाछ में काला नमक डालने से क्या होता है? (Is it goot to add black salt in buttermilk)
छाछ में सफेद नमक डालने की बजाय आप चुटकी भर काला या सेंधा नमक डाल दें, तो उससे स्वाद भी बढ़ेगा और न्यूट्रिएंट्स भी बढ़ जाते हैं। साधारण नमक की तुलना में काला नमक अधिक फायदेमंद होता है, खासकर पाचन संबंधी समस्याओं के लिए।
आयुर्वेद में भी काला नमक को पाचन बढ़ाने वाला माना गया है। यह पित्त उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे भोजन को पचाने में मदद मिलती है। काला नमक में एंटी-एसिडिक गुण होते हैं जो पेट की जलन को शांत करने में भी मदद करता है।
छाछ में चुटकी भर काला नमक मिलाकर पीने के फायदे (Benefits of drinking added black salt in buttermilk)
जैसा कि हमने आपको बताया कि साधारण नमक की तुलना में काला नमक ज्यादा बढि़या होता है। इसके अन्य लाभ भी जानें-
शरीर को हाइड्रेटेड रखे
गर्मियों में पसीना अधिक आने से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। छाछ में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, और काला नमक शरीर में पानी की कमी को दूर कर हाइड्रेशन बनाए रखने में मदद करता है। यह शरीर को ठंडक भी देता है और गर्मी के प्रभावों से बचाता है।
एसिडिटी और सीने की जलन से राहत
काला नमक के एल्कालाइन गुण पेट में बनने वाले एक्सेस एसिड को बेअसर करने में मदद करते हैं। यह एसिड रिफ्लैक्स और पेट की जलन को कम करता है, जिससे एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है। छाछ का ठंडा करने वाला नेचर पेट को राहत पहुंचाता है।
इम्युनिटी सिस्टम को करता है मजबूत
छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, जिसका सीधा संबंध हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता से होता है। हेल्दी गट कई बीमारियों से लड़ने में शरीर की मदद करती है।
वजन प्रबंधन में कर सकता है मदद
छाछ एक कम कैलोरी वाला और पेट भरने वाला पेय है। काला नमक पाचन को बेहतर बनाकर और फैट के घुलने में मदद करके वजन मैनेजमेंट में भी सहायता कर सकता है। यह आपको लंबे समय तक फुल फील कराता है, जिससे अनावश्यक खाने से बचा जा सकता है।
मांसपेशियों की ऐंठन में राहत दिला सकता है
काला नमक में पोटेशियम की मात्रा होती है, जो मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह मांसपेशियों की ऐंठन और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
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छाछ दिन के किस समय पीना अच्छा रहता है? (Best time to drink buttermilk)
छाछ दिन में किसी भी समय पी जा सकती है, लेकिन कुछ खास समय इसके लिए अधिक फायदेमंद माने जाते हैं:
- दोपहर के भोजन या रात के खाने के बाद एक गिलास छाछ पीने से भोजन को पचाने में मदद मिलती है और भारीपन या पेट फूलने की समस्या कम होती है। यह एसिडिटी को भी रोकता है।
- सुबह खाली पेट छाछ पीने से आंतों का स्वास्थ्य बेहतर होता है और दिन भर के लिए आपका पाचन तंत्र तैयार होता है। यह पोषक तत्वों को फिर अच्छी तरह से अब्जॉर्ब करता है।
- वहीं, गर्मियों में जब भी आपको प्यास या थकान महसूस हो, छाछ एक बेहतरीन रिफ्रेशिंग ड्रिंक है जो आपको तुरंत ऊर्जा और ठंडक देती है।
अब जब भी छाछ का गिलास लेकर बैठें, तो उसमें चुटकी भर काला नमक डाल लें। इससे आपका पाचन और भी दुरुस्त होगा। ध्यान रखें कि काला नमक भी मॉडरेशन में लें। इसके ज्यादा सेवन से आपका पेट खराब हो सकता है।
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Image Credit: Freepik
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