खमीरयुक्त भोजन के बारे में आपने कई बार सुना होगा। दरअसल खमीर जीव होता है। जिसकी मौजूदगी से अलग-अलग तरह की डिशेज और खाने का समान तैयार किया जाता है। इसकी विधि अलग होती है स्वाद अलग होता है यहां तक की सेहत के लिए इसके फायदे भी अलग-अलग होते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह के भोजन में खमीर का उपयोग किया जाता है और इसके क्या फायदे होते हैं।
दही लगभग सभी को पसंद होता है। बेस्ट बात यह है कि इसे कई तरह से खाया जा सकता है। दही से कई तरह की डिशेज भी बनाई जाती हैं। दही का इस्तेमाल लगभग हर राज्य और क्षेत्र के व्यंजनों में किया जाता है। जैसे पंजाब में दही की लस्सी फेमस है तो साउथ इंडिया में दही और चावल। दही को खमीरयुक्त दूध से बनाया जाता है। इसमें प्रति ग्राम100 मिलियन प्रोबायोटिक्स होते हैं। यह सेहत के लिए दूध से भी ज्यादा फायदेमंद होता है। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसमें मौजूद कैलशियम, विटामिन डी, प्रोटीन, विटामिन बी 12 पाचन शक्ति को भी मजबूत बनाती है।
साउथ इंडियन फूड की बात की जाए तो इसमें लगभग हर डिश खमीरयुक्त होती है। फिर चाहे डोसा हो या उत्तपम या फिर इडली हो। खासतौर पर अच्छा डोसा खाना है तो उसके बैटर को एक दिन पहले से खमीर उठाने के लिए छोड़ दिया जाता है। डोसे को कई तरह से बनाया जा सकता है। या तो यह चावल से बनता है या फिर दही और सूजी से। दोनो ही सूरत में इसमें खमीर उठाया जाता है। कुछ लोग खमीर उठाने के लिए इसमे नीबूं या फिर सोडा का प्रयोग भी करते हैं। खमीर उठने से डोसे में कार्ब्स, फाइबर, प्रोटीन और विटामिंस की भरपूर मात्रा हो जाती है। बेस्ट बात यह है कि इडली हो या डोसा यह बिना ऑयल के तैयार होता है। इस लिए पेट के लिए यह दोनों ही डिश बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होती हैं। इडली ब्रेकफास्ट के लिए भी अच्छी मानी जाती है। इसमे जीरो फैट होता है। इसलिए अगर वजन बढ़ रहा है तो सूजी की बनी इडली आपके लिए बेस्ट है।
पनीर का इस्तेमाल इंडियन फूड में कई तरह से होता है। इसे रॉव भी खाया जा सकता है और इसकी सब्जी बना कर भी खाई जा सकती है। दरअसल पनीर भी दूध से ही बनता है। इसके लिए दूध में अलग तरह से खमीर उठाया जाता है। आप इसके लिए नीबू या फिटकरी की मदद ले सकती है। इसे दूध फट जाता है और पनीर निकल आता है। इस तरह से दूध में खमीर उठाने से उसमें विटामिन बी डेवलप होता है। यह बोंस, ज्वॉइंट्स और दांतों के लिए बहुत अच्छा होता है। आप पनीर को रोज खा सकती हैं। मगर जिन लोगो हाई कॉलेस्ट्रॉल की समस्या है उन्हें हफ्ते में केवल 2 बार ही पनीर खाना चाहिए।
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गुजराती डिश ढोकला को भी खमीर उठा कर ही तैयार किया जाता है। इसमें खमीर उठाने के लिए खाने वाले सोडे का इस्तेमाल किया जाता है। बेसन से बनने वाला ढोकला प्रोटीन और विटामिंस का भंडार होता है। बेस्ट बात यह है कि इसे आप ईवनिंग स्नैक्स की तरह खा सकती हैं। यह ज्यादा हैवी भी नहीं होता है। मगर ज्यादा ढोकला खाने से पेट खराब हो सकता है।
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