एंटी- इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करते हुए इन टिप्स को ना करें नजरअंदाज

अगर आप एंटी- इंफ्लेमेटरी डाइट को फॉलो कर रही हैं तो ऐसे में बेस्ट रिजल्ट पाने के लिए आपको कुछ छोटे-छोटे टिप्स को जरूर फॉलो करना चाहिए। जानिए इस लेख में।
anti inflammatory diet

आज के समय में लोग हेल्दी रहने के लिए तरह-तरह की डाइट को फॉलो करते हैं। कई बार लोग खुद के लिए पर्सलनाइज्ड डाइट प्लॉन तैयार करवाते हैं तो कुछ लोग ट्रेंडी डाइट्स को फॉलो करना पसंद करते हैं। इन्हीं में से एक है एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट। आजकल यह डाइट काफी ट्रेंड में है और कई बड़ी हस्तियां भी इस डाइट को फॉलो कर रही हैं। हालांकि, अधिकतर लोगों को एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट के बारे में पता नहीं होता है और इसलिए वे इसे सही तरह से फॉलो नहीं पाते हैं।

दरअसल, इस डाइट का फोकस उन खाने की चीज़ों पर होता है जो हमारे शरीर की सूजन को कम करती हैं। ये सूजन अक्सर जोड़ों के दर्द, ब्लोटिंग, थकावट और कुछ बड़ी बीमारियों जैसे हार्ट की समस्या या डायबिटीज़ के पीछे छुपा कारण होती है। इस डाइट की खास बात यह होती है कि इसमें कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियों, फल, साबुत अनाज, हेल्दी फैट्स और मसालों आदि को शामिल किया जाता है। इससे आपके पाचन पर भी अच्छा असर पड़ता है। साथ ही एनर्जी बढ़ती है और स्किन अधिक साफ नजर आने लगती है। एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी काफी मददगार है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट के ढेरों फायदे हैं। लेकिन इन सभी फायदों को पाने के लिए जरूरी है कि आप इसे सही तरह से फॉलो करें। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करते समय किन टिप्स को ध्यान रखना चाहिए-

आधी प्लेट में रखें सब्जियां

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कोशिश करें कि आप अपने खाने की आधी प्लेट तरह-तरह की रंग-बिरंगी सब्ज़ियों से भर लें। दरअसल, आपकी थाली में जितने ज्यादा रंग होंगे, आपको उतने ज़्यादा ही फायदे मिलेंगे। कोशिश करें कि आप अपनी डाइट में पालक, शिमला मिर्च, गाजर, ब्रोकली, टमाटर जैसे अलग-अलग सब्जियों को शामिल करें। इन सब्ज़ियों में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की सूजन को शांत करते हैं। साथ ही फाइबर भी पाचन सही रखता है, जिससे इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद मिलती है।

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रिफाइंड ग्रेन से बनाएं दूरी

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जब आप एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट ले रहे हैं तो ऐसे में रिफाइंड ग्रेन की जगह होल ग्रेन को खाना शुरू करें। आप सफेद चावल, मैदा और ब्रेड की जगह ब्राउन राइस, ओट्स, बाजरा, जौ, या मक्का जैसे साबुत अनाज खाएं। रिफाइंड अनाज ब्लड शुगर को तेज़ी से बढ़ाते हैं और इंफ्लेमेशन को बढ़ाते हैं। जबकि होल ग्रेन धीरे पचते हैं, ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखते हैं और इस वजह से इंफ्लेमेशन भी कम होती है।

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हेल्दी फैट्स को करें शामिल

एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करते समय आपको सीमित मात्रा में हेल्दी फैट्स जैसे बादाम, अखरोट, चिया, अलसी, सूरजमुखी जैसे बीज और सरसों या ऑलिव ऑयल को जरूर शामिल करना चाहिए। इनमें ओमेगा-3 और विटामिन ई पाया जाता है, जो इंफ्लेमेशन को कम करने में मददगार है। इससे आपके दिमाग, हड्डियों और स्किन की सेहत को भी फायदा पहुंचता है।

पर्याप्त मसालों का करें इस्तेमाल

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एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेते समय अलग-अलग तरह के मसालों जैसे अदरक, हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च, लहसुन और मेथी आदि को जरूर शामिल करें। ये सिर्फ स्वाद के लिए नहीं होते, बल्कि इनसे शरीर को ढेर सारे फायदे मिलते हैं। हल्दी में करक्यूमिन और अदरक में जिंजरॉल होता है जो नेचुरल पेनकिलर की तरह काम करता है। इन्हें अगर सरसों के तेल या घी के साथ पकाया जाए तो इससे सेहत को काफी फायदा मिलता है।

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Image Credit- freepik

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