जब भी वेट लॉस के लिए पॉपुलर डाइट की बात होती है तो उसमें कीटो डाइट का नाम अवश्य लिया जाता है। पूरी दुनिया में लोग अपनी बॉडी को शेप में लाने के लिए कीटो डाइट को फॉलो करना पसंद करते हैं। कीटो डाइट जिसे कीटोजेनिक डाइट भी कहा जाता है। यह एक ऐसी डाइट है, जिसमें लोग हाई फैट और लो कार्ब लेते हैं।
जब आप इस डाइट पर होते हैं, तो शरीर में कार्ब्स की काफी कमी हो जाती है। ऐसे में शरीर कीटोसिस में चला जाता है। ऐसे में शरीर एनर्जी के लिए कार्ब्स की जगह स्टोर फैट का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है। जिससे वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है।
हालांकि, वेट लॉस के अलावा भी इस डाइट को फॉलो करने से आपको अन्य लाभ हो सकते हैं। जहां पूरी दुनिया में लाखों लोग इस डाइट को फॉलो कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग कीटो डाइट को लेकर आज भी भ्रम की स्थिति में हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको कीटो डाइट से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी सच्चाई के बारे में बता रही हैं-
मिथ 1- कीटो डाइट से बहुत तेजी से वजन कम होता है
सच्चाई- ऐसे बहुत से लोग हैं, जो यह सोचते हैं कि कीटो डाइट से बहुत तेजी से वजन कम होता है। ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि जब आप कीटो डाइट लेना शुरू करते हैं तो आपकी बॉडी का वाटर वेट कम होता है।
जिससे आपको हर दिन स्केल पर अपना वजन कम होता दिखता है। लेकिन बैलेंस तरीके से लॉन्ग टर्म के लिए वेट लॉस करने के लिए आपको कीटो डाइट लेते हुए अपने फूड इनटेक, पोषण व एक्सरसाइज आदि पर भी ध्यान देना होता है।
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मिथ 2- कीटो डाइट एक हाई फैट और हाई प्रोटीन डाइट है
सच्चाई- यह तो हम सभी जानते हैं कि कीटो डाइट में फैट अधिक और कार्ब कम लिए जाते हैं। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप प्रोटीन इनटेक भी अधिक रखें। अगर आप हाई फैट के साथ हाई प्रोटीन लेते हैं तो इससे आप कीटो डाइट फॉलो नहीं कर रहे हैं।
आपको यह समझना चाहिए कि आपके शरीर को कीटोसिस में रखने के लिए उसे एनर्जी के सोर्स के रूप में फैट की जरूरत होती है। लेकिन जब आप हाई प्रोटीन लेते हैं तो कीटोसिस का यह प्रोसेस रुक जाता है। दरअसल, जब प्रोटीन टूटते हैं, तो वे शरीर में कुछ ग्लूकोज छोड़ते हैं। (नेचुरल ग्लो के लिए करें ये योग)
मिथ 3- कीटो डाइट में अनलिमिटेड फैट लिया जा सकता है
सच्चाई- यह सच है कि कीटो डाइट में फैट अधिक लिया जाता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप कितनी भी मात्रा में और किसी भी तरह के फैट का सेवन करना शुरू कर दें। (सर्दियों में ये स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज)
कीटो डाइट पर रहते हुए हेल्दी फैट को सीमित मात्रा में लेना जरूरी होता है। अत्यधिक कैलोरी का सेवन करने से आपका वजन कम होने की जगह बढ़ने लगता है। आप अपने कैलोरी इनटेक और पोर्शन कंट्रोल पर खासा ध्यान दें।
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मिथ 4- केवल नॉन-वेजिटेरियन लोग ही कीटो डाइट फॉलो कर सकते हैं
सच्चाई- यह कीटो डाइट को लेकर एक कॉमन मिथ है। यह सच है कि शुरुआत में कीटो डाइट में मीट, फिश और पोल्ट्री आइटम को ही खाया जाता था। लेकिन अब वेजिटेरियन्स भी कीटो डाइट को फॉलो करने लगे हैं।
अगर आप वेजिटेरियन हैं तो ऐसे में आप नारियल तेल, एवोकैडो, नट्स, घी, फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स को खा सकते हैं। वहीं सब्जियों में फूलगोभी, पालक और जुकिनी जैसी नॉन-स्टार्च वाली सब्जियां खाई जा सकती हैं।
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Image Credit- freepik
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