Google Year in Search 2023:डिलीवरी के बाद महिलाओं को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। डिलीवरी के दौरान अधिक रक्तस्राव के कारण शारीरिक कमजोरी थकान बनी रहती है। वहीं बच्चा भी भोजन के लिए मां पर ही निर्भर रहता है। ऐसे में खुद का और बच्चे का ख्याल रखने के लिए पोस्टपार्टम जर्नी में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है जिससे भरपूर पोषण मिले।आज हम आपको उन डाइट्स के बारे में जानकारी देंगे जो साल 2023 में लोगों की टॉप लिस्ट में रही। जिसे आपको भी अपने पोस्टपार्टम जर्नी में हेल्दी रहने के लिए ट्राई करना चाहिए।
डिलीवरी के बाद महिलाओं को कैल्शियम और आयरन रिच फूड का सेवन करना चाहिए। कैल्शियम लेने के पीछे दो कारण है पहला की जब मां अपने बच्चे को स्तनपान कराती है तो इससे हड्डियां काफी प्रभावित होती है। इससे कारण जोड़ों में दर्द, अर्थराइटिस की समस्या हो जाती है। वहीं इससे हड्डियों का मास भी कम हो जाता है। वहीं बच्चे की बोन हेल्थ और ओवर ऑल विकास के लिए भी कैल्शियम जरूरी है। इसके लिए डाइट में कैल्शियम से भरपूर दूध,दही, पनीर जैसे फूड आइटम को शामिल करें।
डिलीवरी के दौरान महिला के शरीर से बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो जाता है। जिससे एनीमिया का खतरा हो जाता है। आयरन की कमी के चलते कमजोरी,थकान, की समस्या हो जाती है। इससे बच्चे की सेहत पर भी असर पड़ता है। ऐसे में डाइट में मसूर दाल, गुड़, खजूर, पालक शामिल करने की सलाह दी जाती है। (शरीर में आयरन बढ़ाने के लिए ये हैक्स अपनाएं)
फाइबर रिच फूड
डिलीवरी को बाद हर महिला को पाचन तंत्र से लेकर ओवर ऑल हेल्थ के लिए डाइट में पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन करना चाहिए।दरअसल डिलीवरी के बाद अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है। कब्ज के चलते आप अगर मल त्यागने में जोर लगाती हैं तो टांके पर असर पड़ता है। कई बार इससे पाइल्स का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में इसके लिए डाइट में साबुत अनाज, फल,ओट्स शामिल करें। (पाइल्स से छुटकारा पाने के असरदार नुस्खे)
ओमेगा 3 फैटी एसिड
डिलीवरी के बाद महिलाओं को डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। इसके लिए आपको अलसी, अखरोट, चिया सीड्स सेलमन, मार्केल, ट्यूना,जैसे मछलियों का सेवन करना चहिए। इन सभी चीजों में काफी रिच मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसका सेवन इसलिए जरूरी है क्योंकि अक्सर पोस्टपार्टम डिप्रेशन का खतरा हो जाता है। वहीं नवजात के मस्तिष्क के विकास के लिए भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए इसका सेवन जरूरी है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
पोस्टपार्टम डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, लौकी, ब्रोकली,पत्ता गोभी को शामिल करना चाहिए। इनमें कैल्शियम,आयरन और फाइबर होता है जो वजन घटाने के साथ साथ ब्रेस्ट मिल्क बनाने में मदद करते हैं। इन सब्जियों में कई तरह के विटामिन और खनिज पदार्थ होते हैं जो ओवरऑल हेल्थ का समर्थन करता है।
प्रोटीन
डिलीवरी के बाद महिलाओं को प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। प्रोटीन से ऊर्जा मिलती है। टिशू रिपेयर होता है। इससे महिलाएं जल्दी रिकवर होती हैं। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ बच्चों के कोशिका निर्माण की प्रक्रिया में मदद करते हैं। इसके लिए डाइट में दाल, अंडे, पनीर, सोया जरूर शामिल करना चाहिए।
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विटामिन डी
विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है। अक्सर प्रेग्नेंसी के बाद जोड़ों में दर्द हो जाता है। हर वक्त थकान बनी रहती है। ऐसे में विटामिन डी नई माताओं के लिए काफी अच्छा होता है। बता दें कि कैल्शियम के अवशोषण के लिए शरीर में विटामिन डी का होना काफी जरूरी होता है। यह हड्डी के सेहत के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषण है। सूरज की रोशनी विटामिन डी का मुख्य स्रोत है लेकिन इसके अलावा अपनी डाइट में
फलों का सेवन
डिलीवरी के बाद फलों का सेवन करने से इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिलती है। ब्लूबेरी, अंगूर, संतरा जैसे फलों का सेवन करने से विटामिन सी, मिनरल्स, कैल्शियम, फास्फोरस और फाइबर सहित कई जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं इससे
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