Headache Cure: नींद पूरी न हुई हो, खाना ठीक से न खाया हो, पानी की कमी हो या स्ट्रेस हो तो सिरदर्द होना बहुत आम है। सिर का भारी होने से आपका पूरा दिन खराब होता है। किसी भी काम में मन नहीं लगता है। लगता है कि बस कुछ देर आंखें बंद करके आराम करो। वहीं, काफी लोगों को माइग्रेन की शिकायत होती है। माइग्रेन एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिसकी वजह से सिर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द रहता है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन लोग घरेलू नुस्खों के जरिए इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. दीक्षा भावसार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर ऐसे 3 फूड्स के बारे में बताया है, जिन्हें खाकर माइग्रेन के दर्द से राहत मिल सकती है। इन तीन चीजों का सेवन हम अक्सर ही करते हैं। चलिए इस आर्टिकल में हम डॉ. भावसार की इस रेमिडी को आपके साथ शेयर करें।
जैसा कि हमने आपको बताया कि यह एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिसकी वजह से सिर में बहुत तेज दर्द और सेंसेशन होती है। यह आमतौर पर सिर के किसी एक हिस्से में होता है। इतना ही नहीं, इसके कारण नॉजिया और वॉमिटिंग हो सकती है। साथ ही, आप आवाज और लाइट के प्रति बहुत सेंसिटिव हो जाते हैं। माइग्रेन का अटैक कई घंटों और दिनों तक रह सकता है। इसका दर्द इतना तीव्र होता है कि आप अपनी किसी भी एक्टिविटी को करने में सक्षम नहीं होते।
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माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने वाले जिन फूड्स की बात डॉ. दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में की है, वो किशमिश, जीरा और इलायची वाली चाय और गाय का घी है। इन तीनों के क्या फायदे हैं और इन्हें कैसे लेना चाहिए, आइए जानें-
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किशमिश में नेचुरल शुगर, पोटैशियम और मैग्नीशियम होता है, जो ब्लड वेसल की टेंशन को रिलीज करने में मदद करता है। जब टेंशन रिलीज होगी, तो मस्तिष्क को आराम मिलेगा और दर्द की तीव्रता भी कम होगी।
रात को आधा कप पानी में 10-15 किशमिश भिगो दें। 12 हफ्तों तक रोज सुबह इसका सेवन करें। इसे खाने से आपके शरीर से एक्सेस पित्त कम होगा। इसके साथ ही वात भी शांत होगा, जो माइग्रेन का कारण होता है। दर्द के साथ ही एसिडिटी, नॉजिया, इरिटेशन और गर्मी के प्रति इंटॉलरेंस भी आपकी कम होगी।
जीरा और इलायची वाली हर्बल चाय सिरदर्द के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है, क्योंकि इसमें दर्द कम करने वाले तत्व होते हैं। इलायची चाय में एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिसके कारण इसे सिरदर्द के इलाज के लिए अच्छा माना जाता है।
इसके लिए सबसे पहले एक पतीले में 1 गिलास पानी डालकर गर्म करें और उसमें 1/2 छोटा चम्मच अजवाइन, 1 छोटा चम्मच जीरा, 1 क्रश्ड इलायची, 1 छोटा चम्मच धनिया बीज, 5 पुदीना के पत्ते डालें। इसे 3 मिनट तक उबलने दें और फिर इसे कप में छानकर इसे धीरे-धीरे पिएं। यह चाय स्ट्रेस को रिलीव करने में मदद करती है और जी मिचलाना जैसी समस्या को भी कम करती है। इसे आप सोने से पहले या जब भी दर्द हो, तब ले सकते हैं।
गाय का घी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिए यह हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स के निर्माण को रोककर इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में भी काम करता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याओं में आराम मिल सकता है। गाय का घी शरीर में पित्त को भी बैलेंस करता है और इससे आपका शरीर और दिमाग को शांत करने में भी मदद मिलती है।
आप इसे कई तरह से अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इसे रोटी में लगाकर खाएं या फिर इसे गर्म चावल और सब्जियों को छौंकते पर उपयोग करें। इसे दूध में डालकर रात को लिया जा सकता है। आप इसकी 2 बूंद नाक में भी डाल सकते हैं। इसे ब्राह्मी, शंखपुष्पी, यष्टिमधु आदि के साथ भी लिया जा सकता है।
डॉ. दीक्षा भावसार आखिर में लिखती हैं कि हर बार माइग्रेन के लक्षण दिखने पर दवा लेना भी सही नहीं है। आप इन आयुर्वेदिक नुस्खों की मदद से भी आराम पा सकते हैं। जब आप सही खानपान से दर्द ठीक कर सकते हैं, तो दवा लेने की क्या आवश्यकता है!
कोशिश करें कि आप खानपान की आदतों को सुधारें और उसे हेल्दी बनाएं। हमें उम्मीद है डॉक्टर के बताए गए ये नुस्खे आपके काम आएंगे। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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