आप एक भारतीय को चाय के लिए पूछ लें तो वो कभी मना नहीं करेगा। भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी चाय खूब पी जाती है। चाय के दीवानों के आगे यदि कुछ कह दिया जाए तो समझ लीजिए आपकी खैर नहीं है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चाय हमारे लिए एक इमोशन है।
छोटी-छोटी बात पर, काम के बाद और काम से पहले, तबीयत खराब होने पर या मौसम बदलने पर कुछ सोचें या न सोचें, चाय के बारे में जरूर सोचते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे से भी ज्यादा चाय पीने वाले लोग चीन में मौजूद हैं।
जी हां, आपको यह तो पता होगा कि भारत ने नहीं बल्कि चीन चाय का आविष्कार किया और फिर एक लंबी यात्रा तय करके चीन भारत तक पहुंची। दुनिया की लगभग 35 प्रतिशत चाय यहां पी जाती है तो बताइए आपसे बड़ा चाय का दीवाना तो चीन ही हुआ न? लेकिन आज हम कोई आम चाय की बात नहीं करने वाले हैं।
यह दुनिया की सबसे महंगी चाय है जिसे दा होंग पाओ (Da Hong Pao) कहते हैं। यह चीन में बहुत लोकप्रिय है और इसलिए इसके दाम सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे।
चलिए आज इस आर्टिकल में आपको दुनिया की सबसे महंगी चाय Da Hong Pao के बारे में बताते हैं। इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी आपको जरूर जानने चाहिए।
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चीन की सबसे महंगी चाय Da Hong Pao
दा होंग पाओ को 'यांचा' या 'रॉक ओलोंग' के रूप में भी जाना जाता है। इसे फुज़ियान प्रांत, चीन के खनिज समृद्ध, चट्टानी वूई पहाड़ों में उगाया जाता है। इसका स्वाद मौसम के आधार पर भिन्न हो सकता है। वैसे आमतौर पर इसके स्वाद को स्टोन फ्रूट, ब्राउन शुगर और नट्स का मिक्स कहा जा सकता है। इसमें एक खास वुडी फ्रेगरेंस और स्मूथ टेक्सचर होता है।
क्यों सोने से भी कई गुना महंगी है यह चाय?
दुनिया की इस सबसे ज्यादा महंगी चाय को भी चीन में सबसे ज्यादा पिया जाता है। यह महंगी चाय सोने की कीमत (सोने की ज्वेलरी कैसे चुनें) से भी 20 गुना ज्यादा महंगी है। दा होंग पाओ चाय का 1 किलो यदि आपने खरीदना हो तो आपको लगभग 10 करोड़ रुपये चाहिए होंगे। दरअसल इस हाई क्वालिटी चाय की कमी के कारण यह इतनी महंगी है।
दरअसल, जिन पेड़ों में यह चाय लगती है वो रेयर पेड़ होते हैं और उन्हें मदर्स ट्री कहते हैं। ये कुछ 6 पेड़ हैं जो दुनिया भर में मौजूद है और यही कारण है कि चीन ने इन पेड़ों को नेशनल ट्रेजर के रूप में घोषित किया है।
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कैसे की जाती है चाय की प्रोसेसिंग?
- दा होंग पाओ चाय की तरह इसकी प्रोसेसिंग भी बहुत खास होती है। चलिए उन स्टेप्स के बारे में आपको बताएं-
- सबसे पहला स्टेप है जब चाय की पत्तियों (चाय पत्ती का इस्तेमाल) को तोड़ा जाता है। यह साल में एक बार मई या जून में होती हैं और तब इन्हें तोड़ा जाता है।
- इसके बाद इन चाय की पत्तियों को अच्छी तरह से धूप में सुखाया जाता है।
- कूलिंग इसका तीसरा स्टेप है। इसमें पत्तियों को बांस की ट्रे पर रखा जाता है और उन्हें ठंडा होने दिया जाता है।
- सूखने के बाद पत्तों को हिलाकर बांस की छलनी में लपेटा जाता है। यह महत्वपूर्ण स्टेप है क्योंकि यह चाय को एक इंटेंस फ्लेवर दी जाती है।
- इसके बाद चाय को दो अलग-अलग तरीकों से स्टिर-फ्राई किया जाता है। पहले तरीके में आप हाथ से उन्हें स्टिर-फ्राई करते हैं। ऐसे में इसे 140-160 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच रखना चाहिए। दूसरा तरीका है कि इसे मैकेनिकल स्टिर-फ्राई 220–260 °C के बीच होता है।
- हीट स्वाद को सील करती है और फिर बेकिंग अंतिम स्टेप है। यह ऑक्सीकरण के स्तर को गहरा करता है और थोड़ा टोस्टी स्वाद देता है।
आपको इस महंगी चाय के बारे में जानकर कैसा लगा? क्या आप कभी इसका स्वाद लेना चाहेंगे? अपने विचार हमारे साथ जरूर शेयर करें। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे ही रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: freepik & tastingtable
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